मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी:कुमारी सैलजा
punjabkesari.in Monday, Sep 23, 2024 - 05:52 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस दिनों सियासत अपने पूरे चरम पर है। इस बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद कुमारी सैलजा की खामोशी को दूसरे दलों ने चुनावी मुद्दा बना लिया है। इन सबके बावजूद जब कुमारी सैलजा की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई तो पारा और चढ़ गया। इसी बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने उन्हें बीजेपी में आने का ऑफर दिया गया। कईं दिनों की चुप्पी और लंबी खामोशी के बाद कुमारी सैलजा ने अब खुद मनोहर लाल के ऑफर का जवाब दिया है।
बीजेपी से लेकर बसपा की ओर से दिए जा रहे ऑफर को कुमारी सैलजा ने ठुकरा दिया है। साथ ही फिर से सीएम बनने की इच्छा जाहिर करके पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की टेंशन भी बढ़ा दी है। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में सैलजा ने कहा कि नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन कुछ बातें तो हो जाती हैं, ये पार्टी की अंदरुनी बात है, लेकिन मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा-बहुत योगदान सैलजा का भी होगा। चुनाव प्रचार से दूरी बनाने के सवाल पर सैलजा ने कहा, ‘प्रचार के लिए पहले निकले हैं और आगे भी अब निकलेंगे।
टिकट बंटवारे में सैलजा के उम्मीदवारों को वरीयता ना मिलने के सवाल पर सैलजा ने कहा कि अपनी अपनी सिफारिश सभी देते हैं। अंत में किसका क्या होता है और किस्मत किसकी चमकती है ये समय तय करता है। कुछ चीजें होती हैं पार्टी में और ये हर चुनाव में होती हैं।’ उन्होंने कहा कि मैं उकलाना से खुद ही विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। उकलाना मेरा गांव है और वहां पर काम हुए हैं। नारनौंद ही नहीं, कई जगह पर हमें लगा कि और बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं। ऐसे में कई सीट पर हमने नाम दिए थे, लेकिन पार्टी ने तय किया है।
बीजेपी के ऑफर को ठुकराया
बीजेपी और मनोहर लाल खट्कर के ऑफर को कुमारी सैलजा ने ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के जो नेता आज टिप्पणी कर रहे हैं, उनके काफी नेताओं से ज्यादा लंबा मेरा राजनीतिक जीवन है। बीजेपी नेता मुझे नसीहत ना दें , मुझे अपना रास्ता और मेरी पार्टी मेरा रास्ता तय करना जानती है। हम करेंगे और मजबूती से चलेंगे। मैं जानती हूं कि किस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। भ्रम फैलाए जा रहे हैं कि सैलजा इस पार्टी में जा रही हैं।
बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कभी मैं सोच भी नहीं सकती है, सैलजा की रगों में कांग्रेस का खून है। मैंने पहले भी कहा था कि जैसे मेरे पिताजी कांग्रेस के तिरंगे में लिपटकर गए थे, वैसे ही सैलजा भी कांग्रेस के तिरंगे में लिपटकर जाएगी। मेरा मेरी पार्टी, मेरे नेता के प्रति कमिटमेंट है। बीजेपी के पास और कोई मुद्दा नहीं है। असलियत कांग्रेस नेतृत्व को पता है, कांग्रेस वर्कर्स को पता है और मुझे पता है।
सीएम बनने की इच्छा जाहिर
मुख्यमंत्री बनने के दावे को लेकर कुमारी सैलजा ने कहा कि सीएम की दावेदारी तो कोई भी रख सकता है, दावेदारी हर एक की हो सकती हैं। सैलजा कभी न हताश होती है, न निराश होती है। मैंने बहुत से मुकाम और उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक राजनेता के तौर पर मेरी भी इच्छा है कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। अभी हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुला हुआ है। कांग्रेस ने किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान तय करता है। सैलजा ने कहा कि पहली बात तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सीएम का फैसला हमेशा हाईकमान करता है। इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन तो सभी लोग करते हैं।
सैलजा ने मख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर करके भूपेंद्र सिंह हुड्डा की टेंशन बढ़ा दी है। कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है तो सैलजा भी मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी करेंगी। सैलजा दलित समाज से आती हैं और कांग्रेस जिस तरह दलित समुदाय को साधने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में कुमार सैलजा के नाम को दरकिनार करना कांग्रेस नेतृत्व के लिए आसान नहीं है।