Haryana Election Results: इन Points पर कांग्रेस देती ध्यान तो जीत जाती चुनाव, जानिए कैसे अपने ही ले डूबे

punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2024 - 04:41 PM (IST)

हरियाणा डेस्क(सौरव गुप्ता): कांग्रेस जश्न की तैयारी कर रही थी...बैंड बाजे वालों को फोन भी कर दिया था..जलेबी दिखाई भी बटी भी..मगर किसने सोचा था रुझानों के पहले दो घंटे गुजरते ही पूरा गेम पलट जाएगा। चुनावों से पहले भी और चुनावों के दौरान भी हरियाणा में माहौल एकतरफा था..यानी कि कांग्रेस के पक्ष में, रुझानों में भी कांग्रेस ही कांग्रेस नजर आई..मगर फिर नतीजों वाले दिन जीती हुई बाजी अचानक पलट कैसे गई और क्यों?

जो कांग्रेस नेता 70+ के दावे कर रहे थे, वो उसके आधे पर रह गए..मगर बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हैट्रिक लगा दी..और कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया.. तो चलिए  जानते हैं कि आखिर वो क्या वजह रही कि कांग्रेस को हरियाणा में लगातर तीसरी बार करारी हार का सामना करना पड़ा,...


वजह नंबर 1- अति आत्मविश्वास

कहते हैं, ओवर कॉन्फ्रेंडेंस अकसर हार की बड़ी वजह बनती है..कांग्रेस के साथ ही हरियाणा विधानसभा चुनावों में कुछ ऐसा ही हुआ..कांग्रेस माहौल के भरोसे रही और पूरा चुनाव जनता के भरोसे छोड़ दिया..कांग्रेस के शीर्ष नेता मुद्दों को भुनाने में विफल रहे और एंटीइनकैंबसी पर जनता का मूड अपनी तरफ डार्यडर्ट कर दिया..वजह थी..कांग्रेस नेता इस भ्रम में थे कि जनता का मूड उनके पक्ष में एक तरफा है..

वजह नंबर 2- संगठन की कमी

कांग्रेस में पिछले 10 साल से संगठन नहीं है..कई नेता बोलते रहे, मगर हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी के चलते संगठन नहीं बन पाया..और 2019 के चुनावों तरह की कांग्रेस को 2024 के विधानसभा चुनावों में भी मुंह की खानी पड़ी.


वजह नंबर 3- अपनों की बगावत

‘हमें तो अपनों ने ही लूटा गैरों में कहां दम था..अपनी तो किश्ती भी वहीं डूबी जहां पानी कम था’  चुनाव में टिकट ना मिलने वाले बाघियों और टिकट नहीं मिलने पर नाराज नेताओं की भीतरघात ने भी कांग्रेस का बड़ा नुकसान करवा दिया..बहादुरगढ़ से कांग्रेस ने राजेंद्र जून को टिकट दे दिया और राजेश जून ने निर्दलीय मैदान में उतरकर चुनाव जीत लिया और कांग्रेस का गेम बिगाड़ दिया..वैसे ऐसे ही उदाहरण कई और भी हैं.


वजह नंबर 4- आरक्षण पर राहुल गांधी का बयान
अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया था. उनसे पूछा गया था कि देश में जाति के आधार पर आरक्षण कब तक जारी रहेगा?  इस पर राहुल ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी. फिलहाल देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं. बस उधर राहुल ने बयान दिया और इधर हरियाणा समेत पूरे देश मे बवाल कट गया.



वजह नंबर 5- गुजबाजी  


हरियाणा में कांग्रेस की गुटबाजी जग जाहिर है..और 2019 में भी गुटबाजी हार की बड़ी वजह 
गुटबाजी रही..और पिछले 5 साल में कांग्रेस ने इस कमी से कुछ नहीं सीखा. हालाकिं कांग्रेस हाईकमान की तरफ से कोशिशें हजार की गई..मगर आखिर में हुआ कुछ नहीं और नतीजे आपके सामने हैं.

वजह नंबर 6- सैलजा की नाराजगी

लोकसभा चुनावों से लेकर ही सैलजा की कांग्रेस लीडरशिप से नाराजगी का सिलसिला शुरू हो गया..टिकट बंटवारे में भी सैलजा को तवव्जों नहीं दी गई और चुनावों के पीक टाइम पर सैलजा ने करीब 12 दिनों तक चुनावों से दूरी बना ली..फिर आग में घी डालने का काम हुड्डा गुट के समर्थकों ने सैलजा को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी और फिर कांग्रेस का खेल दलितों ने बिगाड़ दिया..इधर भाजपा ने सैलजा के कंधे पर बंधूक रखकर दलित कार्ड खेल दिया और कांग्रेस को चुनावों में भारी नुकसान हो गया.

  

वजह नंबर 7- हुड्डा को फ्री हैंड

टिकट वितरण से लेकर तमाम मामलों को लेकर कांग्रेस हाईकमान की तरफ से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह को फ्री हैंड करने का फार्मूला भी उलटा पड़ गया.. केवल जाट चेहरे को आगे किए जाने से प्रदेश की दूसरी बिरादरियों में इसके प्रति नाराजगी थी और लोगों ने इसे मतदान में जाहिर भी कर दिया... हालांकि, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी शांत मतदाताओं के मूड को भांप नहीं पाया और यही पार्टी को भारी पड़ गया। एक बार फिर कांग्रेस सत्ता में आते आते रह गई और पार्टी हरियाणा में अपना दस साल का सूखा दूर करने में कामयाब नहीं हो पाई..


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Isha

Related News

static