​​​​​​​घरेलु गैस की हो रही कालाबाजारी, उपभोक्ताओं का लग रहा चूना, विभाग नहीं कर रहा कोई कार्रवाई

punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 11:07 AM (IST)

फरीदाबाद (महावीर गोयल) : एलपीजी सिलेंडरों के दामों में वृद्धि से लोग महंगाई से पहले ही परेशान हैं लेकिन उन्हें और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, शहर में गैस कटिंग का धंधा जोरों-शोरों से चल रहा है। कुछ लोग आम उपभोक्ता  के हिस्से की गैस की चोरी कर उनकी जेब और ढीली कर रहे हैं। इतना ही नहीं शहर में गैस कटिंग से लेकर सब्सिडराइज्ड सिलेंडर्स के कमर्शियल प्रयोग का गोरख धंधा भी जोर-शोर से चल रहा है।

डोमेस्टिक एलपीजी सिलेंडरों से गैस निकालकर छोटे सिलेंडरों में भरे जाने का धंधा सिटी में खुलेआम किया जा रहा है। कई दुकानदार 80 से 100 रुपए प्रति किलो के रेट से छोटे सिलेंडरों में भरते हैं। सवाल यह है कि इन दुकानदारों के पास ये सिलेंडर आते कहां से हैं। सूत्रों की मानें तो गैस भरने वाले ये दुकानदार गैस वेंडर्स से कुछ ज्यादा पैसे देकर सिलेंडर लेते हैं और आगे इस खर्च में अपना मुनाफा जोड़कर छोटे सिलेंडरों में भरा जाता है।  

गैस उपभोक्ता के घर में जो सिलेंडर सप्लाई किए जाते हैं, उसका वजन सही है या नहीं, कंज्यूमर्स के पास इस बात को जानने का भी कोई तरीका नहीं है। नियमानुसार सिलेंडर की डिलीवरी के वक्त कंज्यूमर के सामने उसका वेट किया जाना चाहिए परंतु यहां ज्यादातर जगहों पर ऐसा नहीं किया जाता। वेंडर कभी भी वेट मशीन लेकर नहीं आते हैं।  ऐसे में लोग हाथ से उठाकर ही वजन का अंदाजा लगाने पर मजबूर होते हैं। कई कंज्यूमर्स की शिकायत है कि कई बार सिलेंडर में डेढ़ से दो किलो तक गैस कम होती है।

इसका पता उन्हें तब लगता है जब उनका सिलेंडर जल्दी खत्म हो जाता है या उसका वजन बाद में क्रास चैक किया जाता है। गैस कटिंग की वजह से उपभोक्ताओं को काफी चूना लगाया जा रहा है। शहर में में एलपीजी के लाखों उपभोक्ता हैं। अलग-अलग गैस एजेंसियों द्वारा इन उपभोक्ताओं को सप्लाई की जाती है। अगर किसी सिलेंडर से डेढ़ से दो किलो गैस निकाल ली जाए तो उपभोक्ताओं को प्रति सिलेंडर लगभग 60 रुपए तक का चूना लगता है।

कंज्यूमर्स की संख्या और हर रोज होने वाली सिलेेंडर सप्लाई को देखें तो गैस कटिंग करने वालों के लिए ये फायदे का काम बन जाता है। सिटी में डोमेस्टिक सिलेंडरों का कमर्शियल इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। रोड साइड लगने वाली रेहडिय़ों, फूड स्टॉल्स व होटल मतें कई जगहों पर डोमेस्टिक सिलेंडरों का इस्तेमाल किया जाता है। हैरानी की बात है कि सब कुछ खुलेआम होने के बावजूद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता। 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static