29 वर्षों के सियासी इतिहास में दुष्यंत ने कम उम्र में दर्ज किया बड़ा रिकार्ड

punjabkesari.in Wednesday, Dec 04, 2019 - 12:04 PM (IST)

डेस्कः उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा को गठन के करीब 1 वर्ष के भीतर ही चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा के क्षेत्रीय दल के रूप में स्थायी मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा दिए जाने के साथ ही दुष्यंत चौटाला ने अपने सियासी जीवन में कम उम्र में ही 3 बड़े रिकार्ड अपने नाम दर्ज करने में सफलता हासिल की है।  करीब 26 वर्ष की आयु में 16वीं लोकसभा में देश का सबसे कम उम्र का सांसद बनने व उसके बाद इसी वर्ष 27 अक्तूबर को 31 वर्ष की आयु में प्रदेश का सबसे कम उम्र का उप-मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड बनाने वाले दुष्यंत ने एक वर्ष से कम समय में ही अपनी पार्टी जजपा को 15.34 प्रतिशत मतों के साथ चुनाव आयोग से स्थायी मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा प्राप्त करवाकर प्रदेश की सियासत में नया इतिहास रचा है।

ये रहा क्षेत्रीय दलों का वोट प्रतिशत
पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने कांग्रेस से अलग होकर 1990 में अपने क्षेत्रीय दल हविपा का गठन किया और उनकी पार्टी ने 1991 में जनता दल के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनाव लड़ा तथा उस समय हविपा 12 सीटें जीतने में कामयाब रही और उनका वोट प्रतिशत 12.54 रहा जबकि 1996 में बंसीलाल की हविपा व भाजपा गठबंधन तहत चुनाव लड़े और बंसीलाल 32.66 प्रतिशत वोटों के साथ 33 सीटें जीतने में सफल हुए तथा भाजपा व निर्दलीयों के सहयोग से मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वर्ष 2000 में हुए  विधानसभा चुनाव में बंसी लाल की पार्टी हविपा मात्र 5.55 प्रतिशत वोटों तक सिमट कर रह गई। 

इसी प्रकार भजनलाल ने भी कांग्रेस को अलविदा कहते हुए 2 दिसम्बर 2007 को अपने क्षेत्रीय दल हजकां का गठन किया और 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में हजकां को 7.68 फीसदी वोटों के साथ मात्र 6 सीटें ही हासिल हुईं, जबकि 2014 के चुनाव में हजकां मात्र 2 सीटों पर ही सिमट गई और पार्टी को 4.79 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए। इन दोनों ही लालों की पाॢटयों का अंतत: वापस कांग्रेस में ही विलय हो गया। इस बार के चुनाव में नई पार्टी बनाने वाले दुष्यंत चौटाला पहली ही बार में 15.34 प्रतिशत वोट हासिल करके 10 सीटें जीतने में सफल हुए। 


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Isha

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