पिछली सरकारों में क्षेत्रवाद,जातिवाद और परिवारवाद की होती थी राजनीति: मनोहर लाल

punjabkesari.in Tuesday, Apr 11, 2023 - 09:16 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछली सरकार में क्षेत्रवाद, जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति होती थी। हम भी क्षेत्रवाद, जातिवाद और परिवारवाद पर भरोसा करते हैं, लेकिन अंतर केवल परिभाषा का है। पहले की सरकार में क्षेत्रवाद का मतलब उनका विधानसभा क्षेत्र होता था, लेकिन हमारे लिए क्षेत्रवाद यानी पूरा हरियाणा हमारा क्षेत्र है। इसी प्रकार, जाति का मतलब हमारे लिए 36 बिरादरियां हैं और परिवारवाद का मतलब पूरे प्रदेशवासी हमारा परिवार है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में सत्ता में आते ही सबसे पहले हरियाणा एक- हरियाणवी एक का नारा दिया था। इसी मूलमंत्र पर लगातार चलते हुए हम सब मिलकर हरियाणा और यहां के नागरिकों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं।

मनोहर लाल ने कहा कि पिछले साढ़े 8 साल के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने भौतिक विकास के साथ साथ नागरिकों को सुविधाएं देने का काम किया है। हालांकि, यह निरंतर चलने वाला काम है, इसलिए अभी ओर भी बहुत कुछ करना बाकी है। विपक्ष द्वारा स्वास्थ्य के लिए केवल 300 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान करने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग आंकड़े सही नहीं पढ़ते हैं। 300 करोड़ रुपये केवल परिवार कल्याण मद में लिखा है। स्वास्थ्य के लिए कुल बजट 9604 करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के स्टैंडर्ड के हिसाब से राज्य में 28 हजार डॉक्टरों की आवश्यकता है। प्रदेश में प्राइवेट चिकित्सक मिलाकर 13 हजार डॉक्टरों की संख्या है। चिकित्सकों की संख्या को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न कदम उठा रही है। हर जिले में एक मेडीकल कॉलेज खोला जा रहा है। सभी जिलों में कॉलेज स्थापित होने से प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें बढ़ेंगी। वर्ष 2014 में हरियाणा में 700  एमबीबीएस की सीटें थीं और आज इस साल 1835 सीटों पर ऐडमिशन हुआ है। उन्होंने कहा कि एलोपैथी के साथ साथ हम आयुर्वेद को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इसके लिए हर गांव में वेलनेस सेंटर खोल रहे हैं।

विपक्ष द्वारा हरियाणा में बेरोजगारी ज्यादा होने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष सीएम आईई संस्था के बेरोजगारी के आंकड़ों की बात करता रहता है। यह एक निजी संस्था है। यह संस्था कभी 24, कभी 34 और कभी 27 प्रतिशत बेरोजगारी दर्शाती है। उसके आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र पर एक एक परिवार का डाटा है और इस डाटा में जो बेरोजगार हैं, उन लोगों ने स्वयं घोषित किया है। इसके अनुसार प्रदेश में लगभग 5 -6 प्रतिशत बेरोजगारी है। बेरोजगारी दर को कम करने के लिए भी लगातार रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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