रिपोर्ट में बड़ा खुलासा : 200 लाइटें खराब, 45 ही भेजी गई...जे.ई. पर लगा 20 हजार का जुर्माना
punjabkesari.in Saturday, Dec 13, 2025 - 05:40 PM (IST)
चंडीगढ़: सेवा का अधिकार आयोग ने महेंद्रगढ़ नगर परिषद क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटों की मुरम्मत में हुई म्बी देरी और लप्रशासनिक लापरवाही को गंभीर कार्रवाई की है। आयोग ने संबंधित कनिष्ठ अभियंता (जे.ई.) पर 20,000 रुपए दंड निर्धारित किया है, जिसे वेतन से काटकर राज्य कोष में जमा करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। एस. जी.आर.ए. कम-जिला नगर आयुक्त, महेंद्रगढ़ को चालान प्रतियों सहित अनुपालन रिपोर्ट जल्द भेजने को कहा गया है।
आयोग के प्रवक्ता के अनुसार, मूल शिकायत 24 मार्च, 2025 को प्राप्त होने के बावजूद नगरपालिका समिति की ओर से एजेंसी को कोई भी आवश्यक लिखित निर्देश लंबे समय तक जारी नहीं किए गए। वारंटी शर्तों के मुताबिक, एजेंसी को 7 दिन के भीतर खराब स्ट्रीट लाइटों की मुरम्मत या बदलना जरुरी था, लेकिन समिति ने पहला ईमेल 30 अगस्त, 2025 को भेजा। जो न केवल 4 महीने की देरी को दर्शाता है, बल्कि आयोग के 30 जुलाई, 2025 के अंतरिम आदेशों के भी लगभग एक माह बाद की कार्रवाई है।
एस.जी.आर.ए.-कम-जिला नगर आयुक्त नारनौल द्वारा भेजी गई 29 सितम्बर, 2025 की रिपोर्ट में सामने आया कि क्षेत्र में लगभग 200 स्ट्रीट लाइटें खराब पाई गई। इसके बावजूद, नगरपालिका समिति केवल 45 लाइटें ही खंभों से हटाकर मुरम्मत हेतु भेजी 122 लाइटें ठीक कर पुनः लगाई गई। 23 लाइटें एस.पी. डी. जलने व अन्य तकनीकी खामियों के कारण अभी भी लम्बित हैं।
आयोग ने कहा गंभीर चूक
रिकॉर्डसे स्पष्ट है कि एजेंसी ने समय-सीमा का पालन नहीं किया, फिर भी नगरपालिका समिति ने सप्लायर पर किसी भी प्रकार का जुर्माना नहीं लगाया। आयोग ने इसे प्रशासनिक स्तर परगंभीर गलती माना है। सुनवाई में उपस्थित अधिकारियों ने स्वीकार किया कि एजेंसी सामान्यतः भारी मात्रा में मुरम्मत करती है और 1-2 खराब लाइटों पर तुरंत कार्रवाई नहीं करती, जिसके कारण महेंद्रगढ़ क्षेत्र में भी देरी हुई। लिंक अधिकारी ने भी माना कि सेवा के अधिकार के तहत निर्धारित समय-सीमा का पालन न होना स्पष्ट प्रशासनिक त्रुटि है और संभव है कि कुछ लाइटें अभी भी खराब स्थिति में हो।