सनसिटी में कोऑपरेटिव सोसाइटी भूमि नीलामी घोटाला: आम आदमी पार्टी ने DC को सौंपा ज्ञापन, उच्च स्तरीय जांच की मांग
punjabkesari.in Thursday, Mar 27, 2025 - 06:48 PM (IST)

ब्यूरोः कैथल के सनसिटी क्षेत्र में स्थित डीसी कॉलोनी कोऑपरेटिव हाउसिंग बिल्डिंग सोसाइटी की भूमि नीलामी में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले को लेकर वीरवार को आम आदमी पार्टी (AAP) ने जिला उपायुक्त (DC) को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और नीलामी रद्द करने की मांग की है। कैथल आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष जगमग मटौर ने बताया कि इस नीलामी में करोड़ों का घोटाला हुआ है। पार्टी का आरोप है कि करीब 106 करोड़ रुपए मार्केट कीमत की जमीन को मात्र 12.75 करोड़ रुपए में बेच दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 94 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। जगमग ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में पक्ष और विपक्ष दोनों की मिलीभगत है और सभी ने इस घोटाले पर चुप्पी साध रखी है।
डीसी ने जांच से किया इनकार
ज्ञापन सौंपने के बाद जगमग मटौर ने बताया कि डीसी स्वयं इस समिति की सदस्य हैं, इसलिए वे इस मामले की जांच नहीं कर सकतीं। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर किसी को शिकायत करनी है, तो वह उच्च अधिकारियों से संपर्क कर सकता है। जिसके बाद डीसी ने उनका ज्ञापन ले लिया और उसे सरकार के पास भेजने का आश्वासन दिया।
सदस्यों को धमकाए जाने के आरोप
जगमग मटौर ने दावा किया कि समिति के कई सदस्यों को भूमाफियाओं द्वारा धमकाया जा रहा है, जिसके कारण वे सामने आने से डर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके पास समिति के कुछ सदस्यों द्वारा दिए गए दस्तावेज मौजूद हैं, जिन्हें जल्द ही मीडिया के सामने लाया जाएगा।
कैसे हुआ घोटाला?
इस मामले की पृष्ठभूमि बताते हुए जगमग मटौर और मास्टर सतबीर गोयत ने कहा कि वर्ष 1991 में 161 सदस्यों द्वारा बनाई गई इस सोसाइटी ने 31 कनाल 19 मरले जमीन 10 लाख रुपए में खरीदी थी और 1.25 लाख रुपए की स्टांप ड्यूटी चुकाई थी। इसके बाद सोसाइटी में विवाद हुआ, जिससे वर्ष 1992 में करनाल मंडल में केस दर्ज हुआ और प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई। आरोप है कि वर्ष 2003 से 2013 के बीच कई बार नीलामी का प्रयास हुआ, लेकिन नियमों की अनदेखी जारी रही।
बोली प्रक्रिया में अनियमितताएं
जगमग मटौर ने बताया कि 6 मार्च 2025 को नीलामी का शेड्यूल जारी हुआ, लेकिन इसके लिए केवल चंडीगढ़ के एक स्थानीय अखबार में विज्ञापन दिया गया। नियमानुसार बोली के लिए एक महीने का समय मिलना चाहिए था, जो नहीं दिया गया। इसके अलावा, खेवट नंबर और अन्य जरूरी जानकारी विज्ञापन में नहीं दी गई।
गड़बड़ियां और मिलीभगत के आरोप
नीलामी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 19 मार्च को बोली सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक रखी गई थी, लेकिन बोली निर्धारित समय के बाद भी जारी रही। उन्होंने आरोप लगाया कि 16 में से 8 आवेदकों को दबाव में बोली लगाने से रोका गया, जिससे बोली में प्रतिस्पर्धा को खत्म कर दिया गया। 2 बजकर 35 मिनट पर मात्र 12.75 करोड़ रुपए में बोली बंद कर दी गई, जबकि जमीन का मार्केट रेट 106 करोड़ रुपए आंका गया था।
मार्केट रेट और नुकसान का आकलन
आम आदमी पार्टी ने बताया कि 20 हजार गज जमीन का मार्केट रेट 65 हजार रुपए प्रति गज है, जबकि कलेक्टर रेट 26 हजार रुपए प्रति गज और कॉमर्शियल स्थान का कलेक्टर रेट 42 हजार रुपए प्रति गज है। इसके बावजूद इतनी मूल्यवान जमीन को मात्र 13 करोड़ से भी कम में बेच दिया गया।
एकमात्र आम आदमी पार्टी उठा रही मुद्दा: जगमग
आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष जगमग मटौर ने कहा कि इस घोटाले में बड़े स्तर पर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है और आम आदमी पार्टी ही एकमात्र पार्टी है, जो इस मुद्दे को उठा रही है। उन्होंने सरकार से नीलामी रद्द करने और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने के दौरान कैथल आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष जगमग मटौर, शिक्षा विंग प्रदेश उपाध्यक्ष मास्टर सतबीर गोयत, दलबीर सौंगरी, सुनील सहारण, प्रदीप कुराड़, जोगिंद्र श्योकंद, राजबीर, जसविंदर राणा, सौरभ सिंगला और ईशम सिंह पुंडरी सहित करीब एक दर्जन कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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