कांग्रेस का संगठन निर्माण पर कृष्ण बेदी ने ली चुटकी, बोले- 11 का आंकड़ा किसी ज्योतिषी ने बताया होगा
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 06:54 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : 11 वर्ष में कांग्रेस का संगठन निर्माण और 11 माह में नेता प्रतिपक्ष बनाया जाना यह बेशक एक संयोग हो लेकिन इस पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने चुटकी लेते हुए कहा है कि यह 11 का आंकड़ा कांग्रेस को शायद किसी ज्योतिषी ने बताया होगा। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने के बाद मंत्रिमंडल की शपथ भी लंबे समय पहले ले ली, विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव भी कर दिया, बजट सेशन समेत 3 सेशन भी कर लिए, चुनाव पूर्व संकल्प पत्र में किए गए 50 से अधिक वायदे भी वी कर दिए, उसके बाद अब कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष बना रही है और इस पर बड़ी कामयाबी मानते हुए अपनी कमर भी थपथपा रही है। उन्होंने कहा कि लंबे राजनीतिक अनुभव वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा नेता प्रतिपक्ष बने, उन्हें बधाई। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी रहे, संविधान सभा के सदस्य रहे, सांसद रहे, वजीर रहे, वह भी एक अनुभवी नेता थे और भारतीय जनता पार्टी को भी नेता प्रतिपक्ष की कमी काफी खल रही थी। लेकिन हमें यह उम्मीद तक लग रही थी कि शायद यह 5 साल भी नहीं बनाएंगे। हरियाणा में छोटे-छोटे दल इनेलो, बसपा, जेजेपी का भी संगठन है तो फिर 125 साल पुरानी पार्टी का संगठन न होना भी अच्छी बात नहीं थी। इसके लिए राहुल गांधी, राव नरेंद्र सिंह और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बहुत-बहुत बधाई।
यह धरातल के नहीं, ड्राइंग रूम के नेता हैं : बेदी
कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने कांग्रेस इससे मजबूत होगी या नहीं इस प्रश्न के जवाब पर चुटकी लेते हुए कहा कि हां, बहुत अधिक मजबूत हो जाएगी। राहुल गांधी ने भी बहुत अधिक मजबूत कर दी, अब यह नेता कर देंगे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से इनका व्यवहार है, पार्टी में सिर फ़ुटवल है, जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले नेता प्रतिपक्ष थे, प्रदेश अध्यक्ष शैलजा को मीटिंग में बुलाया ही नहीं जाता था, अगर बुलाया तो वह आती नहीं थी। उदयभान अध्यक्ष थे वह संगठन तक नहीं बना पाए। हुड्डा के मुख्यमंत्री रहने दौरान फूलचंद मौलाना प्रदेश अध्यक्ष थे, तब भी किसी प्रकार की कोई खास चर्चा नहीं थी। अशोक तंवर के समय भी संगठन नहीं बनने दिया गया। यह सभी ड्राइंग रूम के नेता हैं। धरातल के नेता नहीं है। राव नरेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर खुद कांग्रेसी कह रहे हैं कि हमें पता ही नहीं यह कांग्रेस में है। हालांकि राव नरेंद्र राजनीतिक परिवार से है, लेकिन जनता का नेता हम इन्हें नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की जान ग्रुपों में फंसी हुई है। अभी तो यह भी नहीं पता कि नरेंद्र सिंह किस गुट के हैं। सोशल मीडिया पर एससी वर्ग के लोग कह रहे हैं कि पहले अपने पुत्र को बनाने के लिए एससी समाज से राज्यसभा की सीट छीन ली, अब प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी भी छीन ली गई।
आखिर किसे अपनी सद्भावना दिखाएगा बृजेंद्र : बेदी
बृजेंद्र सिंह द्वारा 2 अक्टूबर को सद्भावना यात्रा की शुरुआत पर टिप्पणी करते हुए बेदी ने कहा कि जब वीरेंद्र डूमरखा कांग्रेस में थे, तब कभी कांग्रेस में नहीं रहे। जब वह बीजेपी में थे तो वह कभी बीजेपी में नहीं रहे। वह वन मैन आर्मी है। उनकी समस्या वह खुद जानते हैं। आखिरकार बेटे ने सद्भावना यात्रा क्यों शुरू की, वह किसे सद्भावना दिखाना चाहते हैं, क्या यात्रा में वहां के सांसद जेपी शरीक होंगे या फिर इनके पोस्टर में जेपी की फोटो मिलेगी, क्या वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला या नए प्रदेश अध्यक्ष की फोटो पोस्टर में लगवाएंगे या फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा इनकी सद्भावना यात्रा की शुरुआत करने आएंगे। नारनौंद के विधायक जस्सी पेटरवार या आदमपुर के विधायक इस यात्रा में शरीफ होंगे यह सभी बड़े प्रश्न है। अगर यह नहीं शामिल होंगे तो फिर आखिर यह किसे अपनी सद्भावना दिखाएगा।