चुनाव से पहले दिल्ली में लॉबिंग करने में लगे कुलदीप बिश्नोई, मनोहर लाल खट्टर से की मुलाकात
punjabkesari.in Friday, Jun 21, 2024 - 05:58 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): लोकसभा चुनाव में हिसार से बीजेपी प्रत्याशी रणजीत चौटाला की हार के बाद से बीजेपी में अनदेखी महसूस कर रहे कुलदीप बिश्नोई ने अब दिल्ली में लॉबिंग तेज कर दी है। बीते एक सप्ताह के दौरान कुलदीप दिल्ली में बीजेपी के कईं नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। लग रहा है कि कुलदीप अब बीजेपी हाईकमान की नाराजगी दूर करने की कोशिश में जुटे हैं। इसी कड़ी में कुलदीप ने अब केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की, जबकि इससे पहले वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई अन्य मंत्रियों और नेताओं से भी मुलाकात कर चुके हैं।
रणजीत की हार बनी अनदेखी का कारण
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हिसार लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रणजीत चौटाला की हार और खुद चौटाला की ओर से कुलदीप पर पूरी तरह से साथ नहीं देने का आरोप लगाए जाने के बाद से बीजेपी हाईकमान के नेता कुलदीप बिश्नोई से नाराज बताए जा रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान बिश्नोई परिवार की परंपरागत सीट से रणजीत चौटाला कई हजार मतों के अंतर से हारे थे, जबकि हर किसी को वहां से उन्हें भारी बढ़त मिलने की उम्मीद थी।
कुलदीप थे प्रबल दावेदार
आदमपुर उपचुनाव में बेटे भव्य बिश्नोई को जीत दिलाकर विधानसभा में भेजने के बाद कुलदीप भव्य के मंत्री बनने की आस लगाए बैठे थे, जिसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव में भी हिसार सीट पर कुलदीप बिश्नोई प्रबल दावेदारों में से एक थे, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह और रणजीत चौटाला की नजदीकियों के चलते उनके स्थान पर रणजीत को टिकट दी गई।
इन नेताओं से कर चुके मुलाकात
हाल के दिनों में हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव होना है, जबकि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में कुलदीप बिश्नोई का दिल्ली में पार्टी के अलग-अलग नेताओं से मिलना बीजेपी हाईकमान की नाराजगी दूर करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई ने मनोहर लाल के अलावा हरियाणा बीजेपी प्रभारी बिप्लव कुमार देव, विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी अलग-अलग दिनों में मुलाकात की है। खैर देखने वाली बात होगी कि बीजेपी की ओर से राज्यसभा में किसे अपना उम्मीदवार बनाया जाता है और विधानसभा चुनाव में भी किस नेता के कितने समर्थकों को पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में उतारा जाता है।