बोरों और पेटियों में नोट पकड़े जाने पर भी क्या नियुक्तियां रद नहीं होनी चाहिए: कुलदीप शर्मा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 30, 2021 - 03:30 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): एचपीएससी में हुई विजिलेंस की रेड को लेकर भले ही हरियाणा सरकार अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को भुनाने और नौकरियां रद्द करने की मांग पर मुखर हो चुकी है। हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा ने मांग की है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के समय में जिन भी नियुक्तियों पर प्रश्न चिह्न लगे हैं, वह निश्चित तौर पर रद्द होनी चाहिए। जब खुद सरकार ही मान रही है कि घोटाला हुआ है, कमीशन में भ्रष्टाचार हुआ है, जब बोरों में- पेटीयों में नोट पकड़े जा रहे हैं तो फिर क्या यह नियुक्तियां रद्द नहीं होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि 28 पेपर लीकेज हुए क्या सरकार द्वारा पेपर लीकेज में कोई आरोपी पकड़ा, क्या कोई कार्यवाही हुई? उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस कारण से ही भर्तियों के प्रोसेस पर प्रश्नचिह्न लग रहा है।

शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के सर्वे-सर्वा राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्हीं नौकरियों में अनियमितताओं के कारण ही सजायाफ्ता है और जजपा के सहारे ही भाजपा सरकार चला रही है तो ऐसे में पाक-साफ और ईमानदारी से नौकरियां युवाओं को मिलने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। कांग्रेस टाइम की 11 परीक्षाएं जो रद्द हुई हैं, वह हाईकोर्ट ने किसी भ्रष्टाचार के कारण नहीं बल्कि टेक्निकल ग्राउंड पर कैंसिल की। लेकिन खर्ची और पर्ची बंद करने का दावा करने वाली सरकार के समय में अधिकारी से डेढ़ करोड़ रुपए पकड़े जाना, बोरियों पेटियों में भरे नोट पकड़े जाना, आज लाखों रुपए में पेपर बिक रहे हैं। पेपर बनाने और बेचने वाले करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। मोटी खरीद-फरोख्त से काबिल बच्चों के हकों पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार देश में करोड़ों नौजवानों को रोजगार देने के वायदे पर सत्ता में आई थी। आज देश- प्रदेश का युवा अपने को ठगा महसूस कर रहा है। जो भी वैकेंसी निकलती हैं वह रद्द हो रही है। कोई पेपर लीकेज की वजह से, कोई प्रैक्टिकल डिफिकल्टी की वजह से, हरियाणा के युवाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ हो रहा है।

कुलदीप शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी गलती को स्वीकारा और देश से क्षमा मांगते हुए तीनों कृषि बिल वापस लेने की घोषणा की है।लेकिन अगर प्रधानमंत्री एक विशाल हृदय दिखाते हुए किसानों को एक बड़ा पैकेज जिसमें एमएसपी के लिए एक कानून की व्यवस्था, मृतक किसानों के बच्चों को एक नौकरी और मुआवजा, डीजल पर कोई ऐसा तरीका जिससे किसान को सस्ता डीजल मिल सके, जिससे किसान की लागत में कमी आए, इस प्रकार का पैकेज देकर किसान को उदारता दिखानी चाहिए थी और सरकार को किसानों के खिलाफ झूठे दर्ज मुकदमे वापस लेने का भी प्रावधान करना चाहिए।
 

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Content Writer

Shivam

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