कुमारी सैलजा ने केंद्र सरकार पर बोला हमला, कहा- रेलवे की जमीन पर प्रधानमंत्री के मित्रों को काबिज करने की तैयारी
punjabkesari.in Friday, Aug 18, 2023 - 05:03 PM (IST)

चंडीगढ़ः पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने देश भर में रेलवे की जमीन को प्रधानमंत्री के व्यवसायी मित्रों को सौंपने की तैयारी कर ली है। इन जमीनों को इन मित्रों को बेचने की बजाए औने-पौने दामों में लंबी अवधि के लिए लीज पर अलॉट करने की प्लानिंग है। प्राइम लोकेशन पर मौजूद इस जमीन पर ये व्यवसायी मॉल, अस्पताल, स्कूल बनाएंगे, जहां देश के लोगों की जेब ढीली की जाएगी। अच्छा हो कि केंद्र सरकार इन बेशकीमती जमीन को राज्य सरकारों को आवंटित कर दे, ताकि सरकार वहां पर स्कूल, अस्पताल आदि खोल सके। ये बातें कुमारी सैलजा ने मीडिया के लिए जारी बयान में कही।
रेलवे के पास पूरे देश में 62 हजार हेक्टेयर जमीन
इस दौरान सैलजा ने बताया कि रेलवे ने गुपचुप तरीके से अपनी अधिकतर जमीनों को कॉमर्शियल उपयोग में लाने का खाका तैयार कर लिया है। रेलवे के पास देशभर में लगभग 62 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसी जमीन को लीज पर देने की तैयारी है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, मॉल, बाजार, रेस्तरां आदि बनाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर इन जमीनों को दिया जाना है। इसके लिए रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण ने अपनी प्लानिंग को अंतिम रूप दे दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा से साफ है कि इस जमीन पर आपसी मिलीभगत से बड़े व्यवसायियों को काबिज किया जाएगा। क्योंकि, रेलवे इस जमीन को बेचने की कोशिश करता तो फिर इसका बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो जाता। इसलिए बीच का रास्ता निकालते हुए लीज पर देने का फैसला लिया गया है। यह लीज 99 साल के लिए रहेगी, जिसका मतलब साफ है कि एक बार किसी को अलॉट हो गई तो उसे कोई खाली नहीं करवा पाएगा।
राज्य सरकारों के पास जमीन का आभाव
कुमारी सैलजा ने कहा कि शहरों में राज्य सरकारों के पास जमीन का अभाव है। अक्सर वे महंगी जमीन का हवाला देते हुए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि खोलने से इंकार कर देते हैं। ऐसे में रेलवे को चाहिए कि वह अपनी जमीन राज्य सरकारों को उपयोग के लिए दे, ताकि इन जमीनों पर स्थानीय लोगों की जरूरतों के मुताबिक विकास किया जा सके। लेकिन इसके विपरीत यह जमीन कॉरपोरेट व बड़े व्यवसायियों को देने के पीछे की मंशा साफ नजर आ रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस जमीन को खुर्द-बुर्द करने की शुरुआत फिलहाल छोटे व मंझोले शहरों से हो चुकी है। इसके बाद बड़े शहरों का नंबर आएगा। बड़े व्यवसायी इस जमीन को हथिया कर कई गुना मुनाफा कमाएंगे, क्योंकि सांठगांठ कर वे प्राइम लोकेशन की जमीन हासिल कर लेंगे। इन जमीनों पर बने स्कूलों व कॉलेजों की फीस बहुत महंगी रहेगी, जबकि अस्पताल में इलाज साधारण, गरीब आम आदमी के लिए उपलब्ध नहीं होगा।
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)