कुंडली बार्डर : टूर्नामैंट कैंसिल कर किसानों के कपड़े धो रहे कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान

punjabkesari.in Friday, Dec 11, 2020 - 11:15 AM (IST)

सोनीपत : 3 कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बार्डर पर जमे किसानों के आंदोलन में न सिर्फ किसानों के परिजन सेवा की जिम्मेदारी उठाए हुए हैं बल्कि भारतीय कबड्डी टीम के खिलाड़ी यहां जी-जान से जुटे हैं। खास बात यह है कि टूर्नामैंट कैंसिल कर ये खिलाड़ी यहां किसानों के बीच डटे हुए हैं। 

भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान व 2 बार पाकिस्तान को हराकर देश को विजेता बनाने वाले खिलाड़ी मंगत सिंह मंग्गी जहां किसानों के कपड़े धो रहे हैं तो वहीं अन्य खिलाड़ी लंगर में सेवा, सफाई व्यवस्था, चाय-नाश्ता, स्टेज की देख-रेख, सर्दी के मौसम में कपड़ों की व्यवस्था व दवाई से लेकर अन्य सामान उपलब्ध करवा रहे हैं। सभी खिलाडिय़ों ने उन बयानों की निंदा की जिनमें कहा गया था कि किसान राजनेता व अन्य देशों के मिले समर्थन के चलते सरकार के विरोध में खड़े हैं। खिलाडिय़ों ने ऐसे लोगों को शरारती तत्व करार दिया है जो ऐसी बातों को हवा दे रहे हैं।

खिलाडिय़ों ने कहा कि उद्योगपतियों के इशारे पर सरकार चल रही है। जैसा उद्योगपति कहेंगे सरकार वैसा ही करेगी। उन्होंने कहा कि आज देश सिर्फ जवान व किसान चला रहे हैं। किसान का बेटा ही देश की सीमा पर दिन-रात हर मौसम में रखवाली के लिए खड़ा है। जवानों के कारण ही देश सुरक्षित सो पाता है लेकिन देश की सीमा पर किसी नेता व उद्योगपति का बेटा नहीं मिलेगा। खिलाडिय़ों ने कहा कि किसान सुरक्षित होगा तो जवान बनेगा और किसान ही नहीं होगा तो जवान कहां से पैदा होंगे।

टूर्नामैंट के एकत्रित पैसे से चला रहे लंगर
खिलाडिय़ों ने कहा कि उन्होंने पंजाब में टूर्नामैंट के आयोजन के लिए पैसे एकत्रित किए थे लेकिन किसान आंदोलन के चलते टूर्नामैंट को उन्हें स्थगित करना पड़ा। टूर्नामैंट के लिए एकत्रित किए हुए पैसों से वे रोजाना लंगर सेवाएं चाय-नाश्ता व किसानों के कपड़े धोने की व्यवस्था कर रहे हैं। कपड़े धोने के लिए खिलाड़ी कई मशीनें लाए हैं। खिलाडिय़ों ने बताया कि कपड़े धोने के लिए वे किसी से कोई चार्ज नहीं लेते। उनके परिजन भी उनके इस कार्य की सराहना कर रहे हैं। अब संघर्ष के समय में वे अपने देश के किसानों के साथ खड़े हैं। जरूरत पड़ेगी तो जवानों के साथ खड़े हो जाएंगे। 

नौकरी गंवानी पड़ी तो कोई गम नहीं
भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान मंगत सिंह मंग्गी ने कहा कि उन्होंने देश के लिए कई वर्ष तक कबड्डी खेली है। कबड्डी में वह कई ट्रैक्टर जीत चुके हैं तो कई बार मैन ऑफ टूर्नामैंट बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि जब बड़े टूर्नामैंट होते थे और उनमें भारत-पाक का मैच आता तो उनके लिए बड़ी चुनौती होती थी। टूर्नामैंट में दोनों देशों के खिलाडिय़ों पर ही दबाव होता था लेकिन उन्होंने हर दबाव को सहन करके देश के लिए खेलते हुए हर बार पाक को धूल चटाई। अब वह किसानों के साथ हैं और अंतिम सांस तक किसानों के साथ हैं, इसके लिए उनकी नौकरी भी गई तो कोई परवाह नहीं है।  

किसानों के हक में होना चाहिए फैसला
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को उनकी तरफ से सभी तरह का समर्थन है। किसान उनको जो जिम्मेदारी देंगे उनका वे पूरी तरह से निर्वहन करेंगे। वे फुटबाल के क्षेत्र में नैशनल स्तर के खिलाड़ी रहे हैं और आज कबड्डी के क्षेत्र में अन्य खिलाडिय़ों को नि:स्वार्थ भाव से खिलाड़ी बनाने में अहम योगदान दे रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार जल्द फैसला करे और किसान के हक में करे।

किसान खुश तो देश का हर नागरिक सुरक्षित
भारतीय टीम के खिलाड़ी मजिन्द्र सिंह ने बताया कि किसान खुश है तो आज देश का हर नागरिक सुरक्षित है। जब किसान ही खुश नहीं होगा तो देश को वे कैसे सुरक्षित मान सकते हैं। सरकार ने नए कृषि कानून लाकर किसान को गुलामी की जंजीरों में बांधने की कोशिश की है लेकिन वह इन कानूनों का पूरी तरह से विरोध करेंगे और किसानों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। यह लड़ाई लडऩे के लिए वह अभ्यास से दूरी बनाकर दिन-रात सेवा में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।    

पहले देश की सेवा की, अब किसान की
कबड्डी के क्षेत्र में कई बार देश का नाम रोशन करने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व खिलाड़ी सतनाम सिंह विर्क ने कहा कि पहले उन्होंने देश की सेवा की है, अब देश की सेवा के साथ-साथ किसानों की सेवा में लगे हैं। किसान के सामने आज सरकार ने कृषि कानून लाकर बुरे हालात पैदा कर दिए हैं। किसान असमंजस में हैं कि खेती करें या छोड़ दें। ऐसी परिस्थितियों में अब वह किसानों के साथ खड़े हैं। जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाएंगे। फिलहाल वह कई जगह पर चाय-नाश्ते की सेवा की जिम्मेदारी में लगे हैं।


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Manisha rana

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