गांव की सरपंची के लिए सतनाम ने छोड़ा विदेश में जमा जमाया बिजनेस, अब बदल रहे पंचायत की तस्वीर

1/11/2024 4:03:30 PM

कैथल(जयपाल): यूं तो कैथल जिले के प्रेमपुरा गांव का नाम विदेश जाने वाले सबसे अधिक व्यक्तियों के गांव के नाम से जाना जाता है, परंतु गांव के सरपंच प्रतिनिधि सतनाम सिंह ने अब ऐसा काम कर दिखाया है कि उनके विकास कार्यों के चर्चे पूर जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हो रहे हैं। 

बता दें कि ग्राम पंचायत प्रेमपुरा की सरपंच परविंदर कौर के पति सतनाम सिंह ने अपने निजी कोष से आसपास के लगभग 10 गांवों के लिए एंबुलेंस की फ्री सेवा शुरू की हुई है, जो ग्रामीण एरिया में आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्ति के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। इसके साथ की ग्राम पंचायत प्रेमपुरा ग्रामीणों को शहर की तमाम बेहतर सुविधाएं गांव में ही लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वह चाहे स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं हो या फिर अन्य रोजमर्रा से जुड़ी तमाम मूलभूत सुविधाएं हो।

इनके साथ ही बात चाहे गांव में सफाई व्यवस्था की हो, बिजली, पानी या सिवरेज व्यवस्था की हो। गांव में ग्राम सचिवालय के लिए जगह नहीं थी ,परंतु सरपंच ने अपनी निजी जमीन पंचायत को दान कर दी। इसी तरह गांव में ई-लाइब्रेरी बनाने का भी काम चल रहा है। इसी प्रकार के ग्राम पंचायत लगातार बेहतरीन व सार्थक कदम उठा रही है। 

इसके साथ ही ग्राम पंचायत ने गांव को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाए रखने के लिए गांव के हर चौक चौराहे पर कूड़ेदान रखे गए हैं। गांव को हरा भरा रखने के लिए हर सार्वजनिक स्थल पर पेड़ पौधे लगाए हुए हैं। साथ ही पूरे गांव में हर गली और कोने पर सीसीटीवी कैमरे लगा हर गतिविधियों की तीसरी आंख से निगरानी भी की जा रही है। ग्राम पंचायत सरकार और प्रशासन के द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को गांव में जन जन तक पहुंचा रही है। जिसके कारण गांव के प्रत्येक जनमानस को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और ग्रामीणों को भी ग्राम पंचायत के द्वारा किए गए कार्यों को पसंद किया जा रहा है। जिसके कारण पंचायत को प्रदेश भर में एक अलग पहचान मिली है, जो अन्य ग्राम पंचायत सरपंच व सरपंच प्रतिनिधियों को भी इसी तर्ज पर काम करने की प्रेरणा देती है। इन सभी कार्यों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जिले की एकमात्र ग्राम पंचायत प्रेमपुरा सम्मानित किया गया है। ताकि इनके कार्यों से जिले की और ग्राम पंचायतें भी सीख ले सकें। 

 सरपंच प्रतिनिधि सतनाम सिंह ने बताया कि उनके पिता मुख्तियार सिंह सरपंच पद का चुनाव लड़ने के लिए खड़े हुए थे, परंतु पंचायती चुनाव से कुछ ही महीने पहले सड़क हादसे में उनके पिता की मौत हो गई। उस समय वह इंग्लैंड में अपना बिजनेस चला रहे थे। उसके बाद अपने पिता का सपना साकार करने के लिए उन्होंने इंग्लैंड का बिजनेस छोड़कर गांव में सरपंच पद का चुनाव लड़ने की ठान ली और ग्रामीणों के सहयोग के बाद वे अपने प्रतिद्वंदी को मात देकर गांव की चौधर अपने नाम करने में कामयाब हुए। इसके साथ ही अपने पिता द्वारा संजोए गए सपने को पूरा किया।

इसी कड़ी में उनके पिता द्वारा चुनाव के दौरान ग्रंथि के लिए मकान बनाने के वायदे को पूरा करते हुए गुरुद्वारे के ग्रंथि को नया मकान बनाकर उसकी चाबी उसको सौंप दी है। जिसकी चर्चा आसपास के इलाकों में खूब हो रही है और इसी तरह के न जाने कितने काम सरपंच द्वारा करवाए जा रहे हैं। जिससे और सरपंचों को भी सीख मिल रही है। 

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Content Editor

Saurabh Pal