बचपन में साधा था IAS बनने का लक्ष्य, पत्नी ने बढ़ाया हौसला तो कर दिखाया कमाल

punjabkesari.in Wednesday, Aug 12, 2020 - 01:21 AM (IST)

रोहतक (दीपक भारद्वाज): रोहतक की नेहरू कॉलोनी में रहने वाले मनीष शर्मा ने हाल ही में घोषित हुए यूपीएससी के परिणाम में 268 वां स्थान हासिल किया है। मनीष ने बचपन से ही प्रशासनिक अधिकारी बनने की ललक थी जो उन्होंने 2020 में पूरी कर ली है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने अध्यापक माता-पिता और अपनी पत्नी को दिया है, उनका एक ही लक्ष्य है कि उन्हें जो भी जिम्मेवारी मिलेगी वह उसको ईमानदारी से निभाना चाहते हैं।

मनीष ने बताया कि जब वह स्कूल में छात्र थे तो अखबारों में पढ़ा करते थे कि जिले में प्रशासनिक अधिकारी जनता की समस्याएं सुनकर उनका समाधान करते हैं। प्रशासनिक अधिकारी का रुतबा अच्छा होता है। बस यही ललक थी कि उन्होंने बचपन में ठान लिया था कि अगर जिंदगी में बनना है तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी बनना है, ये लक्ष्य उनका पूरा भी हुआ है।

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मनीष ने बताया कि उनकी उपलब्धि से पूरे परिवार और जानकारों में काफी खुशी का माहौल है। इस खुशी को पाने के लिए उसने सर्विस पर रहते हुए हर रोजाना 7 से 8 घंटे लगातार पढ़ाई की। यहां तक पहुंचने के लिए उनके सेवानिवृत्त अध्यापक मात-पिता और उनकी पत्नी का काफी सहयोग रहा है। मनीष का कहना है कि उन्हें जो भी जिम्मेवारी मिलेगी उनका एक ही लक्ष्य है कि वह उसको इमानदारी से निभाएंगे। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि हर प्रतियोगिता में मेहनत के साथ जाना चाहिए अगर किसी कारणवश सफलता नहीं मिलती है तो निराश ना हो हम उसके लिए दोबारा प्रयत्न कर सकते हैं।

शिक्षा विभाग में बतौर हिंदी अध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त हुई मनीष की मां शकुंतला का कहना है कि मनीष शुरू से ही मासूम रहा है ना उसमें ज्यादा फैशन करने की ललक है और ना ही वह ज्यादा खाने का शौकीन है। बस अगर लगाव किसी चीज रहा है तो पुस्तकों से रहा है। मनीष शुरू से ही पढ़ाई में होशियार रहा है और वह बचपन से ही कहता रहा है कि वह प्रशासनिक अधिकारी बनेगा जो उसने अब करके दिखाया है।

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सेंट्रल एक्साइज विभाग पुणे में टैक्स असिस्टेंट के पद पर कार्यरत मनीष की पत्नी संमिधा शर्मा का कहना है कि मनीष की बचपन से तमन्ना थी कि वह यूपीएससी के लिए क्वालीफाई करें जिसके लिए उन्होंने मेहनत की, इनकी मेहनत के साथ साथ परिवार और उन्होंने भी यूपीएससी की तैयारी के लिए हौसला दिया। कहा कि मेहनत करते रहो हो जाएगा तो अच्छा ना होगा तो भी अच्छा, बस निराश नहीं होना। एक सफल आदमी के पीछे एक नारी का हाथ होता है कहीं ना कहीं इस बात में सच्चाई है। क्योंकि उनके पास तीन साल का बेटा भी है और वह दोनों ही सरकारी नौकरी में हैं। ऐसे में यूपीएससी के लिए तैयारी करना बहुत ही बड़ा मुश्किल काम है। लेकिन फिर भी मनीष ने कर दिखाया है। जिससे आज घर में काफी खुशी है ।


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Shivam

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