हरियाणा में किसानों पर ''मनोहर'' मेहरबानी: कृषि का बजट हुआ 5 हजार करोड़ के पार

punjabkesari.in Sunday, Nov 22, 2020 - 05:07 PM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): हरियाणा में खेती अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है और इस रीढ़ को मजबूती देने के लिए मनोहर सरकार ने अनेक पहलकदमियां की हैं। हरियाणा ऐसा पहला राज्य है जहां किसान मित्रों की फौज तैयार कर राज्य के सभी 17 लाख किसानों का मार्गदर्शन किया जाएगा। सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र पर मेहरबानी दिखाई जा रही है। यही वजह है कि कृषि क्षेत्र के लिए इस वित्त वर्ष में 5474.25 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।

सरकार ने किसानों को सस्ती बिजली देने के अलावा नलकूप पर बिजली जुर्माना माफ किया है तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राज्य के 17.64 लाख लघु और सीमांत किसानों के खातों में 1816.51 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई तो एकमुश्त निपटान योजना में 3.08 लाख किसानों की 1001.72 करोड़ रुपए की ब्याज व जुर्माना राशि माफ की गई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत भी बीते 6 वर्षों में 12 लाख 80 हजार किसानों को 2943 करोड़ 92 लाख 86 हजार रुपए की राशि क्लेम के रूप में दी गई। किसानों ने 913.93 करोड़ रुपए का प्रीमियम दिया था। नलकूप बिजली बिल जुर्माना माफी योजना के तहत 1.12 लाख किसानों का 23.93 करोड़ रुपए का जुर्माना माफी किया गया और 2020-21 वर्ष में किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध करवाने के लिए 6040 करोड़ रुपए सबसिडी का प्रावधान किया गया है।

किसान मित्र करेंगे मार्गदर्शन
खास बात यह है कि राज्य सरकार ने प्रगतिशील खेती को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रगतिशील किसान सम्मान योजना के तहत प्रथम स्थान पाने वाले प्रगतिशील किसान को 5 लाख, दूसरे स्थान के लिए 2 किसानों को 3-3 लाख, तीसरे स्थान के लिए 5 किसानों को 1-1 लाख तथा 100 किसानों को 50-50 हजार रुपए के पुरस्कार देने का प्रावधान किया है। इसके साथ ही राज्य में किसान मित्र योजना के अंतर्गत 17 हजार किसान मित्र तैयार करने का लक्ष्य रखा है। ये किसान मित्र प्रदेश के 17 लाख किसानों का मार्गदर्शन करेंगे।

हरित स्टोर से बनेगा बाजार
खेती को विपणन के नजरिए से और अधिक मजबूत करने की पहल सरकार की ओर से की जा रही है। राज्य में हरित स्टोर के नाम से 2 हजार रिटेल आऊटलेट खोले जाने हैं, जो मिनी सुपर मार्कीट के रूप में काम करेंगे। इन आऊटलेट्स पर सहकारी उत्पादों के साथ स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद बेचे जाएंगे।

बागवानी की ओर बढ़ा रुझान
उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर से बागवानी एवं सब्जियों की काश्त को बढ़ावा देने के लिए भी पहल की गई है। भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत 19 बागवानी फसलें शामिल की गई हैं। इस योजना के तहत टमाटर, प्याज, आलू व फूल गोभी के अलावा किन्नू, अमरुद, गाजर, मटर, शिमला मिर्च, बैंगन, हरी मिर्च, लौकी, भिंडी, करेला, बंदगोभी, मूली, अदरक, हल्दी व आम को शामिल किया है। यही वजह है कि आज कुल कृषि क्षेत्र से में 7.07 फीसदी पर बागवानी हो रही है। राज्य में इस समय 5.26 लाख हैक्टेयर में बागवानी का क्षेत्र है।


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Shivam

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