Haryana Politics: नाराज नेताओं को मनाने का जिम्मा अब मनोहर लाल ने खुद उठाया, गोपाल कांडा भी माने...

punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2024 - 07:38 PM (IST)

 चंडीगढ़(धरणी): लोकसभा चुनावों के लिए टिकट बंटवारे के बाद हरियाणा की लगभग सभी 10 सीटों पर  जिन नेताओं की नाराजगी सामने आ रही है।उन्हें मनाने व भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने का बीड़ा भाजपा के स्टार प्रचारक व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद उठा लिया है।

शनिवार मनोहरलाल ने सिरसा में हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा जो नाराज चल रहे थे को मना लिया। हलोपा ने जहां सिरसा के लोकसभा उम्मीदवार अशोक तंवर को जिताने का वायदा किया वहीं हरियाणा की फीस की दस लोकसभा सीटों पर सहयोग की बात कही। चर्चित समाजसेवी मीनू बेनीवाल भी 10 अप्रैल को खुलकर भाजपा के उम्मीदवारों के पक्ष में आ सकते हैं।

मनोहरलाल की कूटनीति का हरियाणा की राजनीति में अन्य कोई नेता सानी नही है।जिस प्रकार देश के पी एम नरेंद्र मोदी के प्रति वह समर्पित व वचनबद्ध है,उसका उदहारण हरियाणा में पिछले दिनों हुए मुख्यमंत्री नेतृत्व त्याग व नायाब सैनी के मुख्यमंत्री बनने से सार्वजनिक हो चुका है।देश के पी एम मोदी भी मंचो पर खट्टर को अपना पुराना संघर्ष का साथी बताते है।मुख्यमंत्री के रूप में साढ़े 9 साल के कार्यकाल पर खट्टर की खुल कर तारिफ करते है।हरियाणा में कुछ लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के बदले जाने के मामले में खट्टर ने ऐसी खबरों को आधारहीन व कांग्रेस का षड्यंत्र करार दिया है।

कहीं ज्यादा तो कहीं कम खुलकर नहीं तो अंदर-अंदर नेता और कार्यकर्ता टिकट बंटवारे से कहीं ना कहीं असहमत नजर आ रहे रूठों को मनोहरलाल ने ओपन चलाना शुरू कर दिया है।  हालांकि केंद्र और प्रदेश में सत्तासीन भाजपा का खुलकर विरोध करने की तो हिम्मत किसी में नजर नहीं आ रही, क्योंकि भविष्य में भी पार्टी की जीत लगभग तय है और अन्य सभी दलों का भविष्य ऐसे नेताओं को अंधकार में नजर आ रहा है। इसलिए पार्टी के खिलाफ खड़े होना -खुलकर विरोध करना या अन्य किसी दल का झंडा उठाना उन्हें फायदे का सौदा नहीं नजर आ रहा। इसलिए खुलकर तो कहीं भी ऐसी बातें सामने नहीं आ रही। फिर भी भीतरघात की संभावनाएं ना बन जाए इसे लेकर पार्टी नेतृत्व ने ऐसे सभी नाराज नेताओं को मनाने का महत्वपूर्ण टास्क पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपा है। कूटनीति के बेहद माहिर और मंजे हुए खिलाड़ी मनोहर लाल ने हर सीट पर ऐसे नेताओं को चिन्हित करना तथा उन्हें मनाने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है। 

 

इसी कड़ी में सिरसा लोकसभा सीट से हलोपा के प्रमुख गोपाल कांडा जिनकी जिला सिरसा में एक बड़ी पकड़ है, कई बड़े नेताओं को वह चुनाव में धराशाही कर चुके हैं, उनकी नाराजगी दूर करने के लिए शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें लगभग 24 नेता भाजपा के जो नाराज थे शामिल हुए। हालांकि गोपाल कांडा की नाराजगी बड़ी मानी जा रही थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जादू की झप्पी और लाड़ भरे आशीर्वाद ने पूरा असर दिखाया और कांडा -उनकी टीम तथा सभी भाजपा नेताओं ने उम्मीदवार डॉ0 अशोक तंवर को जितवाने के लिए दिन-रात एक करने का संकल्प लिया। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इन सभी 24 नेताओं से अलग-अलग थोड़ी-थोड़ी देर वार्ता भी की। बता दें कि जेजेपी के ऐलनाबाद सीट से पूर्व वरिष्ठ नेता -प्रमुख समाजसेवी -बड़े दानवीर के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए मीनू बेनीवाल भी 10 तारीख को भाजपा उम्मीदवार अशोक तंवर के पक्ष में जनसभाओं में शामिल होंगे। बता दे कि मीनू बेनीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बेहद नजदीकी माने जाते हैं। क्योंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार जेजेपी के समर्थन से थी और बेनीवाल जेजेपी के एक वरिष्ठ नेता रहे हैं।

 

 

प्रदेश के नेताओं की नब्ज को खूब नजदीक से समझते हैं मनोहर लाल

 

 बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बड़े स्टार प्रचारक हैं। हर विधानसभा- लोकसभा सीट तथा वहां मौजूद नेताओं की नब्ज को वह खूब समझते हैं। साढे 9 साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान मनोहर लाल ने इन नेताओं को बहुत नजदीक से पढा और समझा है। दरअसल भाजपा ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर बेहद चौका देने वाले उम्मीदवार उतारे हैं। जिससे जहां हरियाणा की जनता बेहद चौंक गई वहीं वहां लंबे समय से मेहनत करने वाले नेताओं की उम्मीद पर पानी फिर गया। दो लोकसभा सीटों कुरुक्षेत्र और सिरसा पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से आए नवीन जिंदल और आम आदमी पार्टी से आए डॉक्टर अशोक तंवर को अचानक से टिकट पकड़ा दी। जिससे क्षेत्रीय नेताओं के दिलों में एक गुस्सा और दर्द बैठा माना जा रहा है। धरातल पर जिन नेताओं ने लंबे समय से भाजपा के झंडे को बुलंद किया, लगातार मेहनत की और जिस टिकट पर उनका अधिकार था। टिकट की घोषणा होते ही एकाएक उनके सपनों पर पानी फिर गया। वही कुछ सीटों पर बाहरी उम्मीदवारों को भी उतारने का फैसला केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया गया है। जिससे कहीं ना कहीं नाराजगी क्षेत्रीय नेताओं और जनता में देखी जा रही थी।

 

 

 10 सीटों पर जीत दर्ज कर मोदी की झोली में डालने का कृत संकल्प मनोहरलाल का-

 

इसलिए भाजपा ने ऐसी गंभीर स्थिति पर जब चुनाव बिल्कुल सिर पर हैं, किसी भी प्रकार की चूक से परहेज करने की यह कोशिश की है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस प्रदेश को सबसे अच्छे से जानते हैं,  इसलिए यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल लगातार इस टास्क को पूरा करने की कोशिशों में दिख रह रहे हैं। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की सभी 10 सीटें भाजपा की झोली में डाली थी। इस बार एकदम से मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना बेशक केंद्रीय नेतृत्व का फैसला कहा जा रहा हो लेकिन सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मर्जी- समझ और उनके पेश किए गए आंकड़ों के बाद ही नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया है।इस फैसले से प्रदेश भर में पंजाबी वोटरों में बड़ी नाराजगी भी अंदर ही अंदर देखी जा रही है। क्योंकि पंजाबी खत्री समाज के मनोहर लाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर होना पड़ा तथा दूसरी तरफ हरियाणा के पंजाबी वोटरों में एक बड़ी पकड़ रखने वाले इस समाज के नेता अनिल विज को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई। क्योंकि मनोहर लाल के मर्जी से मुख्यमंत्री का चेहरा हरियाणा की जनता को दिया गया है। इसलिए फिर से सभी 10 सीट जीत कर देना भी उनकी ही जिम्मेदारी मानी जाएगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कहीं ना कहीं केंद्रीय नेतृत्व की नजर में उनके कद और वजन में भी फर्क पड़ेगा। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल बेहद सुलझे हुए परिपक्व राजनीतिज्ञ है। अपना टास्क को पूरा करने की जी तोड़ मेहनत वह करते नजर आ रहे हैं। देखना यह रहेगा कि प्रदेशभर की 10 लोकसभा सीटों के क्या परिणाम आएंगे, लेकिन हाल फिलहाल की स्थिति यही दर्शा रही है कि प्रदेश के नेताओं की नाराजगी को वह दूर करने में सफल हो रहे हैं।

 

 

 


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Content Writer

Isha

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