वीर साहिबजादों की शहादत सदियों तक नई पीढ़ियों को देती रहेगी देशभक्ति की प्रेरणा: नायब सैनी

punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 08:15 AM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि वीर साहिबजादों की शहादत सदियों तक नई पीढिय़ों को देशभक्ति की प्रेरणा देती रहेगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके शहीदी दिवस को हर वर्ष वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।  मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शुक्रवार को सिरसा के चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय में साहिबजादा जोरावर सिंह व साहिबजादा फतेह सिंह के सर्वोच्च बलिदान को समॢपत वीर बाल दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने संगत के साथ बैठकर ही लंगर भी ग्रहण किया। इस कार्यक्रम के दौरान सैंड कलाकारों ने अनूठे तरीके से चार साहिबजादों के बलिदान के सफर को प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल, चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगदीश झींडा,  पूर्व सांसद चरणजीत रोड़ी व सुनीता दुग्गल, मुख्यमंत्री के पूर्व राजनीतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा, आदमपुर के विधायक रणधीर पनिहार, सिरसा भाजपा जिलाध्यक्ष यतिंद्र सिंह एडवोकेट, डबवाली भाजपा जिलाध्यक्ष रेणू शर्मा, बलजीत सिंह दादूवाल, गोबिंद कांडा, वेद फूलां सहित अनेक लोग मौजूद थे। पंजाबी भाषा में अपना वक्तव्य देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सिरसा की ऐतिहासिक धरा पर उन्हें राज्यस्तरीय कार्यक्रम में आने का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर, श्री गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म, राष्ट्र एवं मानवता की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया वो बेमिसाल है।  7 वर्ष की आयु यानी पढऩे-लिखने की उम्र में शहादत देने वाले जोरावर सिंह एवं 9 वर्ष के फतेह सिंह जिन्होंने मानवता की रक्षा के लिए बलिदान दिया आज ऐसे वीरों को  याद करने का दिन है। 

गुरु साहिबान की शिक्षाओं व सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रही है सरकार
समारोह का संबोधित करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार के बलिदान से जुड़ी कहानी जितनी बार पढ़ेंगे, सुनेंगे और जानेंगे उतनी बार ही राष्ट्र हित में बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए प्रेरित होंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार गुरु साहिबान की शिक्षाओं व सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रही है। श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में पूरे प्रदेश में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जिसमें बलिदान के प्रति श्रद्धा और चेतना का एक निरंतर प्रवाह देखने को मिला। उनका त्याग यह सिखाता है कि अन्याय कितना भी कू्रर क्यों न हो, सत्य के मार्ग से विचलित नहीं कर सकता। उनका बलिदान भारत देश की चेतना है, जो युगों-युगों तक हमें धर्म, साहस और आत्म-सम्मान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समारोह दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की अमर शहादत को समर्पित है। सिरसा की इस ऐतिहासिक धरा पर सबके बीच आकर उनका हृदय श्रद्धा और गर्व से भर उठा है। उन्होंने कहा कि आज उस महान विरासत को नमन कर रहे हैं, जिसने भारत की अस्मिता को बचाया। इसके साथ ही, मानवता को धर्म और सत्य के लिए सर्वोच्च बलिदान करने का मार्ग भी दिखाया।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि इतिहास में ऐसी कोई मिसाल नहीं मिलती, जहां मासूम बच्चों ने धर्म की रक्षा के लिए दीवारों में जिंदा चिनवाना स्वीकार कर लिया हो, लेकिन झुकना स्वीकार नहीं किया हो। गुरु जी के परिवार के सभी सदस्यों ने एक सप्ताह के दौरान 20 से 27 दिसम्बर सन 1705 में धर्म व आमजन की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह सप्ताह इतिहास के पन्नों पर सदैव अंकित रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 325 साल पहले साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी को दीवार में चिनवाकर शहीद कर दिया गया, जिनकी नन्ही देह में असीम साहस और अडिग़ आस्था का महासागर समाया हुआ था। उन्होंने कहा कि उनकी शहादत हमें सिखाती है कि वीरता उम्र की मोहताज नहीं होती। माता गुजरी कौर जी ने जिस तरह सरहिंद की ठंडी बुर्जियों में रहकर भी अपने पोतों को धर्म पर अडिग़ रहने की शिक्षा दी, वह आज की माताओं और बहनों के लिए भी प्रेरणादायी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बच्चों को देश व धर्म के लिए बलिदान देने की दृढ़ भावना विरासत में मिली थी। उनके दादा श्री गुरु तेग बहादुर जी ने भी देश व धर्म के लिए अपना शीश बलिदान कर दिया था। यह 350वां वर्ष उनके बलिदान का है। श्री गुरु तेग बहादुर जी ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने धर्म को केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे अधिकार और आजादी के साथ भी जोड़ा। 

नई पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिए सरकार ने उठाए हैं प्रभावी कदम
राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुनानगर जिला के कलेसर में श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर वन लगाने का निर्णय लिया और श्री गुरु तेग बहादुर द्वार भी बनाया गया है। यमुनानगर के किशनपुरा में श्री गुरु तेग बहादुर कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा तथा सिरसा विश्वविद्यालय में उनके नाम की चेयर स्थापित की गई है। इसके अलावा सिरसा स्थित गुरूद्वारा श्री चिल्ला साहिब को 70 कनाल भूमि स्थानांतरित की गई। वर्ष 1984 के दंगों में जिन सिख परिवारों ने अपनों को खोया, प्रदेश के ऐसे 121 परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे है। नायब सिंह सैनी ने कहा कि हजूर साहिब गुरुद्वारा, ननकाना साहिब, हेमकुंड साहिब और पटना साहिब जाने वाले प्रदेश के तीर्थ यात्रियों को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना शुरू की गई है।

इसके अलावा गवर्नमैंट पॉलिटैक्निक कालेज, अंबाला का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी, यमुनानगर में बनने वाले मैडीकल कालेज का नाम हिन्द की चादर श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी के नाम व यमुनानगर के लोहगढ में ही बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक का शिलान्यास किया गया है। असंध के कालेज का नाम सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटे बाबा फतेह सिंह जी के नाम तथा लखनौर साहिब में माता गुजरी कौर के नाम से वी.एल.डी.ए. कालेज स्थापित किया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने समारोह में वीर साहिबजादों की शौर्य गाथा से परिचित करवाने के लिए सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। समारोह के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी वरिष्ठ भाजपा नेता गुरदेव सिंह राही की माता के निधन पर शोक जताने उनके आवास पर पहुंचे। 

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के विजेताओं को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य स्तरीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे विजेताओं को क्रमश: 21 हजार रुपए, 11 हजार रुपए तथा 5100 रुपए व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। राज्य के 3450 स्कूलों के 6 लाख विद्यार्थियों ने हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी व संस्कृत विषयों पर आयोजित निबंध प्रतियोगिताओं में भाग लिया था।  समारोह में सैंड आर्ट के माध्यम से साहिबजादा जोरावर सिंह जी व साहिबजादा फतेह सिंह जी के सर्वोच्च बलिदान की शौर्य गाथा दिखाई गई। एन.सी.बी. प्रोडक्शन से रेत कलाकार ओम प्रकाश ने साहिबजादों के जीवन के महत्वपूर्ण अध्यायों को क्रमबद्ध तरीके से सैंड शो में प्रदर्शित किया। इस अवसर पर दशमेश सीनियर सैकेंडरी स्कूल चोरमार व गुरु नानक पब्लिक स्कूल सिरसा की छात्राओं ने कीर्तन, गुरु गोबिंद सिंह खालसा हाई स्कूल के विद्यार्थी अनुराग ने कविता प्रस्तुत की।

झींडा व दादूवाल ने मुख्यमंत्री को दिया साधुवाद
राज्यस्तरीय समारोह में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगदीश झींडा ने नायब सिंह सैनी को लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि इन्होंने सिख गुरुओं को मान-सम्मान देने को लेकर बड़ी पहल की है और इससे पंजाब के लोग भी प्रभावित हुए हैं। आज का दिन ऐतिहासिक है और यह चार साहिबजादों के बलिदान को नमन करने का दिन है। संत बलजीत ङ्क्षसह दादूवाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने जिस तरह से चार साहिबजादों की शहादत को लेकर राज्यस्तरीय कार्यक्रम मनाने की बड़ी पहल की है, उसके लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी साधुवाद के पात्र हैं। आज हम जो शहीदी सप्ताह मना रहे हैं, इतिहास गवाह है, इसे खून के पन्नों से लिखा गया। किसी विद्वान ने ठीक कहा है कि जे पिता दशमेश ना होंदा, ता ऐ देश ना होंदा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबजादा जोरावर सिंह व साहिबजादा फतेह सिंह के बलिदान दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की पहल कर सिख समाज का दिल जीतने का काम किया है।

गुरुओं के गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुुंचाने के लिए प्रयासरत है सरकार
राज्यस्तरीय समारोह में शिरकत करने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने फेसबुक पर लिखा कि ‘आज सिरसा की ऐतिहासिक एवं पावन भूमि पर ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर उपस्थित होना मेरे लिए अत्यंत गौरव का विषय है। धर्म, समाज और राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले साहिबजादों के अद्वितीय त्याग को स्मरण करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर बाल दिवस मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। गुरुओं और उनकी पीढिय़ों के गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुुंचाने के लिए हरियाणा सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस उपलक्ष्य में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को सम्मानित कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।’ इससे पहले समारेाह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के पूरे परिवार ने धर्म और समाज के लिए महान बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि इस इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में प्र्रदेश में 1 नवंबर से 24 नवंबर में श्री गुरु तेग बहादुर जी की याद में कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम से डाक टिकट, सिक्के जारी किए और कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। 1984 के दंगों में पीडि़त 121 परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का काम हमारी सरकार ने किया है। 
 


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Content Writer

Manisha rana

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