मंत्रालय ने निर्भया कोष को लेकर लगाई लताड़, विभाग उपलब्ध नहीं करवा रहा ब्यौरा

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 11:03 AM (IST)

डेस्कः केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्भया कोष के इस्तेमाल संबंधी ब्यौरे को लेकर लताड़ लगाई है। सूत्रों की मानें तो मंत्रालय कई माह से चिट्ठी लिख महिला सुरक्षा से संबंधित परियोजनाओं पर खर्च का लिखित ब्यौरा मांग रहा है परंतु विभाग उपलब्ध करवाने में नाकाम साबित हो रहा है। सूत्र कहते हैं कि विभाग की मांग पर जिले ब्यौरा देने में आनाकानी कर रहे हैं।

अधिकारी का कहना है कि शुरुआत में निर्भया फंड जारी करने की जिम्मेदारी विभाग के पास थी परंतु अब केंद्र सरकार सीधे जिलों को फंड जारी कर रही है। जिलों को ही ब्यौरा सौंपना है। कुल इस्तेमाल राशि का ब्यौरा तो मिल गया है,परंतु कैसे और कितना पैसा खर्च किया गया, यह जानकारी जिले नहीं दे रहे हैं। यह भी बताया कि विभाग को सीधे केंद्र सरकार पैसा देगी तो राज्य को भी 40 प्रतिशत हिस्सा डालना होगा परंतु पूरी राशि तब मिलेगी जब केंद्र सरकार सीधे जिलों को कोष जारी करे।

निर्भया फंड के इस्तेमाल का विवरण महिला सुरक्षा के मद्देनजर मंत्रालय ने 16.71 करोड़ का बजट मंजूर किया था परंतु हरियाणा को 11,44,38,972 रुपए जारी किए गए। इसमें से 6,80,38,972 रुपए वन स्टॉप सैंटर पर खर्च किए गए। महिला हैल्पलाइन 181 पर 52,58,000 और महिला पुलिस वालंटियर्स पर 41,24,2000 रुपए खर्च किए गए। विभाग यह ब्यौरा बता रहा है परंतु किस जिले ने कितनी राशि कहां खर्च की,इसकी जानकारी मंत्रालय को नहीं सौंपी गई। उधर,हरियाणा पुलिस की ओर से जारी जानकारी अनुसार आबंटित 13 करोड़ 66 लाख में से 4 करोड़ 46 लाख का इस्तेमाल महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने संबंधी परियोजनाओं को लागू करने के लिए किया गया। 9 करोड़ 20 लाख की शेष राशि डायल 100 योजना के एक भाग के रूप में एमरजैंसी रिस्पांस सपोर्ट स्कीम को लागू करने हेतु निर्धारित की है। यही नहीं यह भी सामने आ रहा है कि महिला सुरक्षा मामले में पुलिस व महिला विभाग के बीच फंड को लेकर को-आर्डीनेशन का अभाव भी है।

हरियाणा पुलिस ने भेजा गृह विभाग को प्रस्ताव
हरियाणा पुलिस ने गृह विभाग को प्रस्ताव भेज अनुमति मांगी है कि महेंद्रगढ़ व करनाल की तर्ज पर अन्य जिलों के लिए भी महिला पुलिस वालंटियर्स की काऊंसङ्क्षलग शुरू की जाए। वर्ष 2016 में केंद्र सरकार के निर्देश के बाद 2016-17 में हरियाणा सरकार ने योजना को लागू किया और महेंद्रगढ़ व करनाल से पायलट बेसिस पर शुरुआत की थी। अब पुलिस अन्य जिलों में भी योजना का प्रसार चाहती है।  केंद्र सरकार राज्य को 67 लाख की सहायता दे रही है। मौजूदा समय में वालंटियर्स पर करीब 27 लाख खर्च किए गए हैं और बाकी जिलों में स्कीम को लागू करने के लिए 52 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च की जरूरत होगी।

2013 में हुआ था निर्भया फंड का सृजन
गौरतलब है कि दिसम्बर, 2012 में दिल्ली में निर्भया गैंगरेप और हत्या के बाद वर्ष 2013 में निर्भया फंड का सृजन किया गया था। निर्भया जैसी पीड़ित अन्य महिलाओं की सुरक्षा हेतु केंद्र सरकार ने राज्यों को फंड देने का ऐलान किया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोडल एजैंसी बनाया था। मंत्रालय ने 5 सालों में विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 1,656 करोड़ जारी किए परंतु महज 20 प्रतिशत फंड का ही इस्तेमाल किया।


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Isha

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