यमुना बांध पर कई दिनों से प्रहरी बन डटे हैं हरविंद्र कल्याण, विधायक के मुरीद हुए स्थानीय लोग
punjabkesari.in Sunday, Jul 30, 2023 - 02:50 PM (IST)

घरौंडा (चंद्रशेखर धरणी): लंबे अरसे के बाद हरियाणा के लोगों ने लगातार तेज बारिश व यमुना नदी का रौद्र रूप देखा है। यमुनानगर से लेकर पलवल तक यमुना के साथ लगते क्षेत्रों में लगातार बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। हालांकि प्रदेश सरकार की तरफ से प्रयासों में कमी नहीं है। तथा आपदा प्रबंधन टीम सहित सभी ज़िलों में प्रशासन भी पूरी तरीके से सक्रिय है, परन्तु फिर भी व्यापक स्तर पर जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इस दौरान राजनीतिक व सामाजिक लोगों की भी सक्रिय भागीदारी देखने को मिल रही है।
हरियाणा की यमुना बेल्ट की बात करें तो इसमें लगभग दस विधानसभा क्षेत्र पड़ते हैं। यूं तो लगभग सभी स्थानों से कमोबेश विधायकों की गतिविधियां देखने को मिली हैं, परन्तु पिछले बीस दिनों से लगातार यमुना की बाढ़ के रोक-थाम के कार्यों में दिन-रात लोगों के बीच डटे रहकर घरौंडा के भाजपा विधायक हरविन्द्र कल्याण ने एक अलग ही मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह ज़िले के अन्तर्गत पड़ने वाले घरौंडा खंड के गांव लालुपूरा के पास लगभग पन्द्रह दिनों से यमुना नदी के तट पर ज़बरदस्त कटाव हुआ है। जिसको लेकर युद्ध स्तर पर राहत बचाव कार्य चल रहे हैं। विधायक कल्याण भी दलबल सहित लगातार वहां पर डेरा डाले हुए हैं। वहां के सरपंच ओमवीर का कहना है कि कई दिनों से विधायक कल्याण यमुना बांध पर खड़े हैं। इसी कारण इलाक़े के लोग आराम से सो रहे हैं। यमुना नदी की बाढ़ की रोकथाम की गतिविधियों में विधायक कल्याण लगातार अपने क्षेत्र के लोगों के बीच खड़े हुए दिख रहे हैं। एक ओर जहां प्रशासन के साथ कल्याण तालमेल बनाकर चल रहे हैं। वहीं हर कार्य पर बारीक नज़र रखते हुए वो अपने कार्यकर्ताओं की टीम के साथ लगातार हर काम में प्रशासन की मदद भी कर रहे हैं। वहां पर सामाजिक संस्थाएं भी लगातार इन बचाव कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। वहां काम कर रहे सैंकड़ों मजदूरों के खाने-पीने आदि की निरंतर सेवा का चलना प्रशासन व समाज की एकजुटता एवं ज़िम्मेदारी की भावना का उदाहरण भी दिखाता है।
गांव लालुपूरा के 80 वर्षीय बुजुर्ग सोमदत्त का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में कई बार विपदा देखी है, मगर ऐसे समय में विधायक को इस तरह से दिन रात काम करते हुए कभी नहीं देखा। वहीं पूर्व सरपंच विकास ने कहा कि यदि विधायक ख़ुद मोर्चा ना संभालते तो आज हमारे क्षेत्र के कई गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए होते।
आजकल बारिश के मौसम की उमस एवं चिलचिलाती धूप में काम करना अपने आप में किसी तपस्या से कम नहीं है। विधायक कल्याण के चेहरे पर थकान व बढ़ी हुई दाढ़ी अपने आप में बहुत कुछ बयां करती है। मजदूरों, ग्रामीणों व अधिकारियों के साथ भोजन करना तथा इस आपदा के समय लोगों को नियमित रूप से आपसी तालमेल बनाये रखने की अपील करना भी यह दर्शाता है कि कैसे अपने निर्वाचन क्षेत्र को अपने परिवार के रूप में देखना चाहिए। किसी भी विपदा के समय में सब एकजुट रहें, यही लीडरशिप का मूल-आधार भी है। सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों को यह भी कहते देखा गया है कि वास्तव में विधायक हो तो ऐसा। एक ग्रामवासी ने यहां तक टिप्पणी दी कि- “विधायक दिन-रात तो काम पर लगे हुए दिखाई देते हैं, सोते कब हैं पता नहीं!”
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