समालखा में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत, अहंकार संस्कृति के पतन का कारण(video)

punjabkesari.in Saturday, Jun 09, 2018 - 02:48 PM (IST)

समालखा(अरविंद कुमार): सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम पर RSS प्रमुख डॉ मोहन राव भागवत भी शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पानीपत के गांव पट्टीकल्याणा में केंद्र के निर्माण की घोषणा तो हो चुकी है लेकिन इस कार्य को भी पूरा करने का भी संकल्प लिया जाए। उनका कहना है कि कोई भी कार्य समाज के बिना नहीं होता। वहीं केंद्र के इस निर्माणकार्य में स्वयंसेवी के साथ-साथ मजदूरों का भी योगदान जरुर होगा। 

डॉक्टर भागवत ने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिए सेवा का भाव होना जरूरी है, तभी वे पूरा होता है। इंसान के अंदर अहंकार नहीं होना चाहिए। अहंकार ही इंसान और संस्कृति के पतन का कारण बनता है। इस दौरान दान देने का महत्व समझाते हुए कहा कि दो हाथों से कमाओं और हजार हाथों से दान करो। भूमी पूजन में उपस्थित जनसमूह को स्वर साधना के भाव कि विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वीरता के लिए महाराणा प्रताप और धर्म की रक्षा के लिए शिवाजी को सीधे-सीधे पूजनीय माना जाता है। भारत की धरती वह पावन धरती है जहां भगवा को नमन किया जाता है 

उन्होंने कहा कि सभी को जन्म और मरण के बंधन से मुक्त होकर सेवा भर साधना को ही जीवन का मूलमंत्र बना लेना चाहिए,  उन्होंने सभी को अच्छाई के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि जब अच्छाई पर चलने लगे तो बुराई के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं। इंसान के अंदर सेवा का भाव इतना प्रबल होना चाहिए कि जरूरतमंद को आपके आगे हाथ ना फैलाना पड़े ।

उन्होंने कहा कि सेवा करना उपकार नहीं है पूर्व जन्म के पाप से मुक्ति पाने का रास्ता है  निर्धन भगवान का ही रुप होता है और समर्थ लोगों को सेवा करने का अवसर प्रदान करता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Deepak Paul

Related News

static