बीते एक वर्ष में हरियाणा में बढ़ गए 4 लाख से अधिक मतदाता, इन 2 जिलों में बढ़े सबसे ज्यादा मतदाता

punjabkesari.in Monday, Jan 17, 2022 - 09:17 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार अन्य राज्यों के साथ साथ हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ ) द्वारा  प्रदेश  के सभी 22 ज़िलों में कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं की ताज़ा संख्या को इस वर्ष 1 जनवरी 2022 की योग्यता तिथि के आधार पर अपडेट किया गया जिसे बीती 5 जनवरी 2022  को प्रकाशित कर सार्वजनिक किया गया है।

मतदाता सूचियों  के अनुसार हरियाणा में अब कुल 1 करोड़ 93 लाख 31 हज़ार 458 मतदाता हैं जिनमें  जिनमें से 1 लाख 10 हज़ार 612 सर्विस ( सेना/सशस्त्र बलों आदि में कार्यरत) मतदाता भी शामिल  हैं। एक वर्ष पूर्व जनवरी, 2021 में  1 करोड़ 89  लाख 17  हज़ार 901 मतदाता  है जिनमें से 1 लाख 9 हज़ार 579 सर्विस मतदाता थे। इस प्रकार बीते एक वर्ष में हरियाणा में 4 लाख 13 हज़ार 557 मतदाता बढ़ गए हैं। बहरहाल, इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने भारतीय  चुनाव आयोग से प्राप्त ताज़ा आंकड़ों का अध्ययन और विश्लेषण  कर  बताया कि  हरियाणा के कुल 90 विधानसभा हलकों में  से गुडगाँव जिले का  बादशाहपुर  विधानसभा सभा हलका   मतदाताओं की संख्या की दृष्टि से प्रदेश में सबसे बड़ा हलका है जिसमे वर्तमान में  मतदाताओ की   संख्या 4 लाख 17  हज़ार 84  है जबकि इस आधार पर महेंद्रगढ़ जिले का नारनौल विधानसभा हल्का प्रदेश में सबसे छोटा है जहाँ बादशाहपुर के  आधे से भी कम अर्थात 1 लाख 50 हज़ार 116  मतदाता  हैं। 

हेमंत ने प्रदेश के  जिलेवार एवं हलकेवार मतदाताओ की संख्या का गहन अध्ययन करने के बाद बताया कि  प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या जो अप्रैल-मई,2019 में हुए अर्थात पिछले 17 वीं  लोक सभा आम चुनावो में 1 करोड़ 80 लाख 56 हज़ार 896 थी और जो  अक्टूबर, 2019 में अर्थात पिछले हरियाणा विधानसभा आम चुनावो में 1 करोड़ 83 लाख 90 हज़ार 525 हो गयी थी। प्रदेश के 22 जिलो में सबसे अधिक मतदाता फरीदाबाद में  16 लाख 11 हज़ार 6  जबकि सबसे कम चरखी दादरी जिले में 3 लाख  92 हज़ार 33 हैं। पंचकूला जिले में यह संख्या 4 लाख 7 हज़ार 356 , अम्बाला जिले  में 8 लाख 91 हज़ार 775,  यमुनानगर जिले में 8 लाख 66 हज़ार 474 हैं, कुरुक्षेत्र में 7 लाख 42 हज़ार 585 ,कैथल में 8 लाख 1 हज़ार 49 है,  करनाल में 11 लाख 43 हज़ार 355 , पानीपत में 8 लाख 73 हज़ार 775 हैं, सोनीपत में 11 लाख 43 हज़ार 107 हैं, जींद में 9 लाख 82 हज़ार 466, फतेहाबाद में 6 लाख  93 हज़ार 36, सिरसा  हलके में यह 9  लाख 76 हज़ार 242,   हिसार में 12 लाख 86  हज़ार 651 , भिवानी में 8 लाख 44 हज़ार 861 , रोहतक में 8  लाख 16 हज़ार  519 , झज्जर में  7 लाख 82 हज़ार 81, महेंद्रगढ़ में 7 लाख 11 लाख  909,  रेवाड़ी में 7 लाख 3 हज़ार 84, गुरुग्राम  में 12  लाख 69 हज़ार 398, मेवात (नूहं) में 6 लाख 7 हज़ार 851  और पलवल में 6 लाख 74 हज़ार 233 है।

गत एक वर्ष में सबसे अधिक मतदाता 45 हज़ार 445  फरीदाबाद ज़िले में बढ़े एवं बिलकुल उसके पीछे मेवात (नूहं ) जिला आता है जहाँ 44 हज़ार 281 मतदाता बढ़े. गुडगाँव में 37 हज़ार 340 मतदाता जबकि सोनीपत में 25 हज़ार 362 मतदाता बढ़े। सबसे कम मतदाता  6145 चरखी दादरी ज़िले में बढ़े हैं। वर्तमान 22 ज़िलों में सबसे अधिक विधानसभा क्षेत्र  हिसार ज़िले में सात है जबकि फरीदाबाद और सोनीपत में यह छः-छः हैं, करनाल, जींद और सिरसा में पांच पांच, अम्बाला, यमुनानगर,कुरुक्षेत्र,कैथल,पानीपत, भिवानी, रोहतक, झज्जर, महेंद्रगढ़,गुरुग्राम में चार -चार, फतेहाबाद, मेवात, रेवाड़ी  और पलवल में तीन- तीन एवं पंचकूला और चरखी दादरी में दो-दो विधानसभा हलके हैं।

हेमंत ने  यह भी बताया कि  भारतीय संसद द्वारा बीते वर्ष शीतकालीन सत्र में लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1950 में संशोधन कर यह प्रावधान किया गया है कि हर वर्ष केवल 1 जनवरी को ही नहीं बल्कि 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को भी 18 वर्ष  की आयु पूरे करने वाले स्थानीय निवासियों  का नाम सम्बंधित क्षेत्र की मतदाता सूचियों में शामिल किया जा सकता है, हालांकि इस प्रावधान को लागू करने बारे उपयुक्त नोटिफिकेशन केंद्र सरकार द्वारा जारी की जानी लंबित है।

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Content Writer

Manisha rana

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