मुरथल गैंगरेप मामले में खुलासा, जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए थे 9 रेप

punjabkesari.in Friday, Oct 13, 2017 - 05:24 PM (IST)

सोनीपत(ब्यूरो): जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल कांड को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दैरान एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 22 और 23 फरवरी 2016 की रात को मुरथल में 9 गैंग रेप हुए थे। जाट आरक्षण आंदोलन की जांच के लिए गठित प्रकाश सिंह कमेटी के सदस्य आईएएस विजय वर्धन से उन्हें यह जानकारी दी थी। विजय वर्धन को यह जानकारी कमेटी के दूसरे सदस्य हरियाणा के पूर्व डीजीपी के पी सिंह से मिली थी। अनुपम गुप्ता ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुरथल में हुए गैंगरेप मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। 

मुरथल गैंगरेप मामले में सरकार का नकारात्मक रुख
अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि मुरथल गैंगरेप मामले को लेकर हरियाणा सरकार का रुख नकारात्मक है और सरकार यह साबित करने में लगी हुई है कि मुरथल में कोई दुष्कर्म नहीं हुआ। हरियाणा पुलिस के मुताबिक मुरथल गैंगरेप मामले में अभी तक कोई पीड़ित सामने नहीं आया है ऐसे में जांच आगे नहीं बढ़ रही है। गुप्ता ने सुखदेव ढाबा के मालिक अमरीक सिंह का उदाहरण देते हुए बताया कि उसे घटना की पूरी जानकारी थी लेकिन उसने जांच कर रहे एसआईटी के सदस्यों को कुछ भी नहीं बताया। अनुपम गुप्ता ने कोर्ट को बताया है कि एक ओर जहां राज्य सरकार मुरथल गैंगरेप मामले की जांच सीबीआई से करवाने का विरोध कर रही है, वहीं दूसरी और जाट आंदोलन के दौरान आग के हवाले किए गए सरकार के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर और मुनक नहर में की गई तोड़फोड़ के मामलों की जांच CBI के हवाले कर चुकी है।

1212 FIR, 921 मामले अनट्रेस
एमिकस क्यूरी ने कहा जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान पूरे हरियाणा में मुरथल गैंग रेप सहित 1212 एफआईआर दर्ज की गई थीं। इनमें से 921 केस में अनट्रेस रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। 184 मामलों में रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। केवल 173 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा 81 मामलों में चालान पेश किया गया है। 1105 मामलों को अनअटेंडेड की श्रेणी में रखा गया। तय है कि इस घटना के डेढ़ वर्ष से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी दोषी पकडे़ नहीं गए।


 


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