सरकार की बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के चलते गरीबों की पहुंच से बाहर हुआ सरसों का तेल : दीपेंद्र
punjabkesari.in Thursday, Jun 17, 2021 - 08:16 AM (IST)
चंडीगढ़ : राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरसों तेल की आसमान छूती कीमतों पर चिंता जताते हुए कहा कि हिंदुस्तान के अधिकांश गरीब अपने खाने में सरसों तेल का इस्तेमाल करते हैं लेकिन बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की सरकार की नीतियों के चलते सरसों का तेल गरीबों की पहुंच से बाहर हो गया है। बाजार में एक लीटर वाले सरसों तेल की बोतल करीब 214 रुपए की एम.आर.पी. पर बिक रही है। सरकार की जनविरोधी और रोक लगाने, हटाने वाली लगातार बदलती नीतियों के चलते मुनाफाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है, जिसका सीधा खमियाजा आम लोगों को खाने का तेल महंगे दाम पर खरीदकर चुकाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने घरेलू खपत के लिए शुद्ध सरसों तेल के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देने के नाम पर पिछले साल 1 अक्तूबर, 2020 से सरसों तेल में ब्लेंडिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। इसका परिणाम ये हुआ कि 100 रुपए प्रति लीटर के आसपास बिकने वाले सरसों तेल की कीमत 170 रुपए के आसपास पहुंच गई। लेकिन 2 महीने के अंदर ही बड़ी तेल कंपनियों के दबाव में सरकार ने सरसों के तेल में अन्य खाद्य तेल मिलाने पर पाबंदी की रोक 4 दिसम्बर, 2020 को वापस ले ली लेकिन कंपनियों ने सरसों तेल के दाम नहीं घटाए। अब एक बार फिर 8 जून 2021 से सरकार ने ब्लेंडिंग पर रोक लगा दी है।
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