बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने फील्ड में उतरे CM सैनी, अंबाला, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद व हिसार जिलों में प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
punjabkesari.in Sunday, Sep 07, 2025 - 07:53 PM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी प्रदेश में बने बाढ़ के चिंताजनक हालात के बीच अब फील्ड में उतर गए हैं। रविवार सुबह उन्होंने पंचकूला में माता मनसा देवी मंदिर में माता के चरणों में शीश निवाते हुए देश-प्रदेश की प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा एवं जगत कल्याण की कामना की। इसके बाद उन्होंने अंबाला, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद व हिसार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
गौरतलब है कि हरियाणा में मानसून में हुई लगातार बरसात एवं पहाड़ों पर हुई बरसात के बाद उफान पर आई नदियों के चलते कई लाख एकड़ फसल डूब गई है और सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में रविवार को मुख्यमंत्री सैनी ने विभिन्न हिस्सों में जाकर जायजा लिया।
रविवार को उन्होंने अंबाला नगल, कुरुक्षेत्र के गांव झांसा, ठोल, शांति नगर, फतेहाबाद के दमकोरा, रंगोई नाला व चांदुपरा साइफन का जायजा लिया। कुरुक्षेत्र के बाढग़्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘कुरूक्षेत्र जिले के गांव झांसा, ठोल और शांति नगर पहुंचकर जल भराव की स्थिति का जायजा लिया तथा अधिकारियों को राहत कार्यों में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए। हमारी सरकार, प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए निरंतर तत्पर है।’ एक अन्य टवीट में उन्होंने लिखा कि ‘प्राकृतिक आपदा ने हमारे लोगों की एक बड़ी संख्या को प्रभावित किया है, पशुधन और व्यक्तियों को भी काफ़ी नुकसान हुआ है। इस कठिन समय में हमारी सरकार और संगठन पूरी मजबूती के साथ एकजुट होकर प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं।’ इससे पहले अंबाला जिला के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान आज अम्बाला जिले के नग्गल एवं सेगती गांव के मेरे परिवारजनों से भेंट की। लोगों ने अपनी कठिनाइयों के बारे में विस्तार से बताया। स्थानीय प्रशासन के साथ जलभराव का निरीक्षण करने के दौरान उपस्थित लोगों द्वारा बताई गई समस्याओं के तुरंत समाधान के दिशा निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए।’
पंजाब को 15 व हिमाचल प्रदेश को 10 ट्रक राहत सामग्री देकर किया रवाना
इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सिंह सैनी ने रविवार सुबह पंचकूला से पंजाब को 15 एवं हिमाचल प्रदेश को 10 ट्रक राहत सामग्री रवाना की। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि ‘सेवा ही हमारा संस्कार है, सेवा ही हमारा धर्म है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्राकृतिक आपदा की इस कठिन परिस्थिति में भाजपा संगठन द्वारा सेवा के दायित्व का पालन करते हुए आज पंचकूला से पंजाब को 15 ट्रक एवं हिमाचल प्रदेश के लिए 10 ट्रकों द्वारा राहत सामग्री रवाना की गई। पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश के लोगों को जो दु:ख हुआ है, उतना दु:ख हमें भी हुआ है। प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का बस नहीं चलता परंतु ऐसे समय में मदद का हाथ बढ़ाना ही मानवता है। लोगों को समस्या न हो और तुरंत राहत पहुंचे, यह प्रयास हम सरकार और संगठन के स्तर पर लगातार कर रहे हैं।’
गुहला चीका में 52 हजार 381 क्यूसिक हुआ घग्घर का प्रवाह
सिंचाई विभाग की ओर से रविवार शाम को जारी बुलेटिन के अनुसार इस समय मारकंडा नदी में 11 हजार 558 जबकि टांगरी में 15 हजार 834 क्यूसिक पानी है। ऐसे ही घग्घर नदी में पंचकूला में 3 हजार 718 क्यूसिक पानी है। अंबाला-चंडीगढ़ रोड पर 4 हजार 920 क्यूसिक, गुहला चीका में 52 हजार 381 क्यूसिक, खन्नौरी में 13 हजार, चांदपुरा में 15 हजार 400 क्यूसिक, ओटू हैड पर 27 हजार 550 क्यूसिक पानी है। ओटू हैड से 19 हजार 668 क्यूसिक पानी राजस्थान साइफन में छोड़ा जा रहा है। इसी प्रकार से हरियाणा भर में लगातार बरसात का सिलसिला जारी है। वहीं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ घंटों में नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, महेंद्रगढ़ , रेवाड़ी, भिवानी, चरखीदादरी, झज्जर, रोहतक, हिसार, कैथल जिलों में हवाओं व गरजचमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश संभावित है। विशेषज्ञों का मानना है कि घग्घर नदी में आमतौर पर मानसून के सीजन में किसी डैम या बैराज का पानी न आकर के हिमाचल के सिरमौर, मोरनी, पंचकूला व पटियाला जिलों का बरसाती पानी आता है। इसके अलावा इस नदी में झासा के पास मारकंडा नदी, जबकि जंसूई में टांगड़ी नदी का पानी छोड़ा जाता है। इसी बरसाती नाले से ही जोआ नाला, रंगोई नाला, सरहिदं चो, बरेटा ड्रेन, टोडरपुर ड्रेन भी जुड़े हुए हैं। इसके अलावा घग्घर नदी पर पंचकूला जिले में कालका-शिमला रोड पर कौशल्या डैम बना हुआ है। इस डैम में सीमित मात्रा के बाद पानी घग्घर में छोड़ा जाता है। इसके अलावा मानसून में तेज बारिश से चंडीगढ़, पटियाला, पंचकूला सहित कई इलाकों का बरसाती पानी गिरता है। हिमाचल के सिरमौर में मानसून में 1124, सोलन में 912, चंडीगढ़ में 849, पंचकूला में 911 जबकि पटियाला में 541 मिलीमीटर होने वाली बरसात इस नदी को उफान पर ला देती है। इसके अलावा इस नदी के तटबंधों पर पिछले 2 दशक में दोनों राज्यों में 1200 से अधिक पाइपलाइन बनी हुई हैं, जिनके जरिए करीब 6 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। इसके अलावा नदी के तटबंध जंगल का रूप ले चुके हैं।
किसानों को दिया जाएगा उचित मुआवजा: नायब सैनी
बाढग़्रस्त इलाकों का दौरा दौरान करने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करेगी। इसके लिए ई क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। इस पर किसान अपनी खराब फसल का विवरण दे सकते हैं। इस पोर्टल पर प्रदेश में अब तक लगभग 10 लाख 70 हजार एकड़ में फसलों के नुकसान का पंजीकरण किया जा चुका है। शीघ्र ही किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार मजबूती से आप लोगों के साथ खड़ी है और उन्हें उचित मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के मकानों या छतों को नुकसान पहुंचा है, उनको राहत दी जाएगी। उपायुक्तों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि जिन घरों को नुकसान हुआ है उनकी सूची तैयार करें और उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर आवास योजना के तहत लगभग एक माह पहले ही 78.50 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। प्रभावित परिवार को आवेदन करने पर तुरंत राहत राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बारिश से प्रभावित घरों के लोगों को राहत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी वर्षा के कारण हरियाणा के निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी है। उन्होंने प्रभावित इलाकों का दौरा कर अधिकारियों को राहत और जलनिकासी कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान तलाशने पर गंभीरता से विचार कर रही है ताकि भविष्य में लोगों को ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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