बॉक्सिंग में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाली नीतू को मां-बाप ने लड़कों की तरह पाला

punjabkesari.in Wednesday, Aug 10, 2022 - 06:52 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्रशेखर धरणी): हरियाणा घणघस खाप के अध्यक्ष जगदीप घणघस ने कॉमनवेल्थ गेम्स में धनाना गांव की नीतू घणघस द्वारा बॉक्सिंग में 48 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड जीतकर भारत लौटने पर उनका अभिनंदन उनके गांव धनाना में जाकर किया। जगदीप घणघस ने कहा कि नीतू ने महिलाओं के मिनिमम वेट (45-48 किग्रा) वर्ग के फाइनल में विश्व चैम्पियनशिप 2019 की कांस्य पदक विजेता रेस्जटान डेमी जेड को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया, जिससे भारत का नाम विश्व में ऊंचा हुआ। जगदीप घणघस ने भविष्य में होने वाली एशियन व ओलंपिक खेलों के लिए नीतू घणघस को आगे बढ़ने की कामना की और कहा कि वह एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी है। इसने बचपन से ही मुक्केबाज बनने का सपना संजोया था और आज कॉमनवेल्थ जैसी प्रतियोगिता में मेडल लाकर, इसने भारत व हरियाणा का नाम रोशन किया है।

 

जगदीप घणघस ने कहा कि कॉमनवेल्थ खेलों से लौटने के बाद नीतू एशियन गेम और फिर ओलंपिक की तैयारी में जुटेगी। इसके परिवार द्वारा नीतू घणघस के खेल को लेकर काफी मेहनत की गई। हरियाणा को दूध-दही के खाने वाला प्रदेश माना जाता है। इसीलिए नीतू की खुराक में घी, दूध, दही का विशेष प्रबंध किया जाता रहा है। इसके मां-बाप द्वारा इसके लिए लोन लेकर ढाई लाख रुपये में अच्छी नस्ल की भैंस खरीदी गई, ताकि नीतू की डाइट पूरी हो सके। आमतौर पर मुक्केबाजी को लड़कों का खेल माना जाता है, परन्तु नीतू के मां-बाप ने इस लिंग भेद से ऊपर उठकर नीतू को लड़के की तरह पाला। नीतू घणघस ने मैरीकॉम को हराया फरवरी 2022 में नीतू ने ओलंपियन मुक्केबाज मैरीकॉम को हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में स्थान पक्का किया था। तभी से खेल प्रेमियों को उनसे पदक की उम्मीदें थी। नीतू उन उम्मीदों पर खरा उतरी हैं और कांस्य पदक पक्का कर दिया है। जाने से पहले नीतू स्वर्ण पदक जीत कर लाने का वादा कर राष्ट्रमंडल खेलों के लिए रवाना हुई थी। 

 

उन्होंने कहा कि  नीतू घणघस को अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज मैरीकॉम के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जाता है, जो कम भार वर्ग में देश के लिए मेडल लाने का दम रखती है। नीतू ने 2017 में आईबा यूथ वूमेन बॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। वर्ष 2018 में एशियन यूथ बॉक्सिंग में भी गोल्ड मेडल प्राप्त किया। 2022 में बुल्गारिया में हुई 73वें सरांडजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। हालांकि इन उपलब्धियों के दौरान वर्ष 2016 व 2019 में नीतू घणघस को शोल्डर इंजरी का सामना भी करना पड़ा। वर्ष 2016 में पेल्विक इंजरी से रिकवर होने के बाद नीतू घणघस ने आईबा यूथ बॉक्सिंग में मेडल जीता। 2019 में हुई शोल्डर इंजरी ने उसे लगभग दो साल तक मुक्केबाजी से दूर रखा. नीतू ने कॉमनवेल्थ खेलों में जाने से पहले कहा था कि उसे अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा है कि कॉमनवेल्थ में गोल्ड आएगा।

 

 (हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भीबस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

 

 

 

 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Gourav Chouhan

Recommended News

Related News

static