हरियाणा में 2025 तक पूरी तरह लागू की जाएगी नई शिक्षा नीति, मनोहर लाल ने किया लोकार्पण

punjabkesari.in Friday, Jul 30, 2021 - 05:43 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का वर्ष 2025 तक सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में औपचारिक रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में इस नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रदेश में ड्रॉप आउट रेट कम करके प्रत्येक बच्चे को स्कूल तक लाया जाएगा, ताकि शिशु अवस्था से ही उसके सर्वांगीण विकास पर जोर दिया जा सके।

पंचकूला में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने उपस्थितजनों व ऑनलाइन माध्यम से जुड़े शिक्षाविदों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020, 21वीं सदी में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। इस नीति में शिक्षा एवं रोजगार के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारवान और स्वाबलंबी बनाना है, ताकि विद्यार्थी दुनिया में भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

समारोह में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा, भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर, हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बीके कुठियाला भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के समय लार्ड मैकाले की वह शिक्षा पद्धति 'तीन आर' : राइटिंग, रीडिंग और अरिथमेटिक पर केन्द्रित थी, जो एक नागरिक का संपूर्ण विकास करने वाली नहीं थी। आज 21वीं सदी में आजादी के 75 साल के बाद देश को एक ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता है, जिससे युवा पीढ़ी शिक्षित तो बने ही उसके साथ ही उसमें राष्ट्रीयता की भावना भी पैदा हो। इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की शुरुआत की।

उन्होंने कहा कि हरियाणा जिस प्रकार खेलों में निपुण है, उसी प्रकार शिक्षा में भी हरियाणा को अग्रणी बनाना है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके छात्रों को ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ सशक्त बनाने के उद्देश्य से हरियाणा में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए आधारभूत ढांचा पहले ही तैयार किया गया। इसके बलबूते इस शिक्षा नीति को वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू की जाएगी, हालांकि इसको लागू करने की समयावधि 2030 तक है, लेकिन हरियाणा इस लक्ष्य को पांच वर्ष पहले ही हासिल कर लेगा।
 

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Content Writer

Shivam

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