किसी प्रकार का कोयला संकट भविष्य में न आए,भारत सरकार ने 10% कोयला इंपोर्ट करने की अनुमति दी-पी के दास

punjabkesari.in Wednesday, Apr 13, 2022 - 08:45 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): गर्मी की शुरुआत के पहले महीने अप्रैल में ही बिजली की भारी कमी ने लोगों को रोने पर मजबूर कर दिया है। बिजली विभाग उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने देना चाहता, जिस कारण से विभाग ने गर्मी के सीजन को लेकर पर्याप्त इंतजाम  भी किए थे, उम्मीदों से कहीं अधिक तापमान में एकाएक वृद्धि ने विभाग की सभी कोशिशों को धराशाई कर दिया। फिलहाल की स्थिति क्या है ?कितनी सप्लाई की जरूरत है और विभाग कितनी कर पा रहा है ? आगामी गर्मी के पीक सीजन में विभाग किस प्रकार से इस बड़ी मुसीबत से आम जनता को सुकून दे पाएगा ?  इन सभी सवालों को लेकर पंजाब केसरी ने हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से विशेष मुलाकात की। जिसमें उन्होंने बताया कि विभाग जल्द से जल्द विदेशी कोयले की खरीद को लेकर भी अपनी प्रक्रिया चला चुका है। साथ ही बंद पड़े प्लांटों को जल्द से जल्द शुरू करने को लेकर विभाग प्रयासरत है। उनसे कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर बातचीत हुई।

प्रश्न:- गर्मी के सीजन को लेकर प्रदेश में बिजली की वास्तविक स्थिति क्या है ?

उत्तर:- अभी गर्मी के सीजन की शुरूआत है। मार्च और अप्रैल के यह महीने अभी तक के सबसे ड्राई और सबसे गर्म महीने रहे हैं। जिस कारण से लगातार बिजली की मांग बढ़ी है। पिछले साल इन्हीं तारीखों में 1 अप्रैल से अब तक हमने पिछले साल की तुलना लगातार 15 से 28 फ़ीसदी बिजली की सप्लाई अधिक की है। कुल डिमांड में से हम 96 से 99 फ़ीसदी सप्लाई दे रहे हैं। यह एक अद्भुत स्थिति है कि एक तरफ बारिश नहीं हुई है और गर्मी बहुत अधिक है। जिस कारण से बिजली की डिमांड काफी अधिक हुई है।

प्रश्न:- इस गंभीर मसले को लेकर प्रदेश के बिजली मंत्री को भी सफाई देनी पड़ी। वास्तविक कारण क्या माने जाएं ?

उत्तर:- 1 अप्रैल को हमने कोई कट नहीं लगाया। 2 तारीख को हमने 13 करोड़ 81 लाख यूनिट सप्लाई की। जब कि 5 लाख यूनिट की कटौती की। यानि कैलकुलेशन करें तो मात्र आधा फ़ीसदी भी नहीं है। रोजाना के आंकड़ों को भी देखेंगे तो यही पाएंगे कि 5 फ़ीसदी की भी कटौती नहीं की गई। इन 12 दिनों में 96 से 99 फ़ीसदी की सप्लाई हुई है। कटौती के भी कुछ कारण है क्योंकि हिसार, पानीपत, झाड़ली एनटीपीसी के प्लांट में बॉयलर लीकेज की वजह से बंद हो गए और ऐसी स्थिति से प्रोडक्शन की स्थिति में लौटने के लिए 72 से 80 घंटे का समय लगता है। जिस कारण से यह बिजली की थोड़ी कटौती देखने को मिली। हमने इस दौरान जितनी भी पावर हमें मिल सकी वह खरीद कर सप्लाई की है। पिछले साल के दौरान से इस साल हमारी सप्लाई की स्थिति काफी अच्छी है। हमारे उद्देश्य है कि हम अपने लोगों को लगातार बिजली की सुविधा दें।

प्रश्न:- किस कारण से यह दिक्कतें आ रही है ?

उत्तर:- पिछले साल से इस साल हमारी बिजली डिमांड अधिक होने के दो महत्वपूर्ण कारण है। क्योंकि हमारे नए कंस्यूमर काफी बड़े हैं। साथ ही मार्च-अप्रैल में पहले के मुकाबले गर्मी काफी अधिक है। लोगों का कहना यह भी है कि पिछले डेढ़ सौ सालो में कभी इन महीनों में इतनी गर्मी कभी नहीं हुई। इस कारण से डिमांड बढ़ी है। लेकिन सप्लाई भी हमने लगातार बढ़ाई है। एक तारीख को पिछले साल की तुलना में हमने 30 फ़ीसदी बिजली की सप्लाई अधिक की है। 2 तारीख को 20 फ़ीसदी, 3 तारीख को 9 फ़ीसदी, 4 को 31 फ़ीसदी, 5 को 19, 6 को 11, 7 को 23 फ़ीसदी, 8 को 15, 9 को 13 फ़ीसदी, 10 को 7, 11 को 23 फ़ीसदी, 12 को 18 फ़ीसदी पिछले साल की तुलना में ज्यादा सप्लाई की है। हम 96 से लेकर 99 फ़ीसदी तक सप्लाई कर रहे हैं।

प्रश्न:- आगे गर्मी की बढ़ोतरी लगातार होगी, उसे लेकर विभाग कितना तैयार है।?

उत्तर:- इन चुनौतियों से पार उतरने के लिए हम लगातार कदम उठा रहे हैं। कोयले के स्टॉक बढ़ाने को लेकर हम प्रयासरत है। भारत सरकार के आदेश अनुसार हम इंपोर्टेड कोल का और रेल कम रोड के माध्यम से भी कोयला लाने का प्रबंध कर रहे हैं। ताकि बारिश के दिनों में जब हमारी डिमांड 15 जून से जुलाई-अगस्त में अधिक होती है, क्योंकि धान की खेती में लगातार पानी की आवश्यकता होती है और गर्मी भी चरम पर होती है ताकि हमारे पास उस समय पर्याप्त कोयला हो और हम अपने प्लांट चला पाए। हमने उस समय के लिए शार्ट टर्म बिजली खरीद की भी व्यवस्था की हुई है जो हमें उस समय मिलेगी और हमें उम्मीद है कि जहां जहां से हमारे बिजली के कॉन्ट्रैक्ट हैं और बिजली हमें नहीं मिल पाई, वह भी हमारे बंदोबस्त हो जाएंगे। हिसार प्लांट में हमारे एक यूनिट का रोटर खराब था। जिसे लगाने का हमने बंदोबस्त किया है। चाइना के शिंघाई में कोविड लॉकडाउन के कारण बाकी स्पेयर पार्ट नहीं आ पा रहे। जिस कारण से विलंब हो रहा है। लॉकडाउन खुलते ही स्पेयर पार्ट्स आ जाएंगे और उसके बाद 4-5 दिन में ही हम यह प्लांट चला लेंगे। हमारा पीक समय 15 जून से 7 दिसंबर तक मुझे पूरी उम्मीदें हैं कि हमारे पास पर्याप्त बिजली होगी और जनता की डिमांड को हम पूरा करेंगे।

प्रश्न:- अंतर्राष्ट्रीय कोयला खरीद को लेकर पूरी जानकारी दें ? प्रश्न

उत्तर:- करीब 1 माह पहले भारत सरकार के बिजली मंत्रालय ने भारत के सभी उपक्रमों को खपत का 4 फ़ीसदी कोयला इंपोर्ट करने की सलाह दी गई थी। हमने यह प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन मंगलवार की बैठक में 4 फ़ीसदी को बढ़ाकर 10 फ़ीसदी कर दिया गया है। हालांकि चिट्ठी अभी तक हमें नहीं मिली  है। चिट्ठी मिलते ही वह प्रक्रिया शुरू कर देंगे।

प्रश्न:- क्या विदेशी कोयला महंगा नहीं पड़ेगा ?

उत्तर:- डोमेस्टिक कोयले के रेट से वह रेट अवश्य ही ज्यादा है। लेकिन उसका जीसीवी यानि उसकी गुणवत्ता हमारे डोमेस्टिक कोयले से काफी ज्यादा है। 

प्रश्न:- अडानी की बिजली हरियाणा को ना मिलने के कारण क्या माने जा सकते हैं ?

उत्तर:- उनके साथ बिजली की पीपीए से कुछ ऊपर पेमेंट की उम्मीद है। जिस वजह से सप्लाई नहीं हो पा रही। उनके साथ बातचीत चल रही है और मुझे आशा है कि बहुत जल्द संतोषजनक रास्ता निकलेगा।

प्रश्न:- अडानी जैसी कितनी कंपनियों से हमें बिजली नहीं मिल पा रही और यह बिजली कितनी है ?

उत्तर:- यह दो कंपनियां है। एक अदानी और दूसरा सीजीपीएल जो टाटा की कंपनी है। अदानी से हमारा 1550 मेगावाट का करार है और 500 मेगावाट का करार सीजीपीएल के साथ है। यह दोनों से ही फिलहाल पिछले साल से हमें बिजली नहीं मिल पा रही है।

 

 


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Content Writer

Vivek Rai

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