अब प्रदेश में एयर कनैक्टिविटी बढ़ाने पर फोकस, हवाई पट्टी बनाने पर जोर

punjabkesari.in Tuesday, Oct 27, 2020 - 12:03 PM (IST)

चंडीगढ़: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सड़क व रेल कनैक्टिविटी में निरंतर सुधार के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब एयर कनैक्टिविटी पर फोकस करते हुए 27 अक्तूबर को रन-वे विस्तार के लिए भूमिपूजन के साथ हिसार में अंतर्राष्ट्रीय विमानन हब विकसित करने की शुरुआत करेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में सड़कों के सुदृढ़ीकरण, मैट्रो के विस्तार तथा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर प्रणाली विकसित करने की विशेष पहल की गई है।

हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड के नाम से एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया है, जिसके माध्यम से हरियाणा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विभिन्न रेलवे प्रोजैक्ट क्रियान्वित किए जा रहे हैं। मानवरहित रेलवे फाटकों को बंद करने पर कार्य चल रहा है और जहां-जहां आवश्यकता है वहां पर रेलवे ऊपरगामी पुलों या रेलवे अंडरपास (आर.यू.बी.) का निर्माण करवाया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि हिसार में अंतर्राष्ट्रीय विमानन हब के विकास के लिए एक मजबूत एवं मूलभूत परिकल्पना को प्रोत्साहित करने की दिशा में हरियाणा सरकार भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (ए.ए.आई.) के साथ पहले ही एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर कर चुकी है। प्रवक्ता ने कहा कि हिसार से प्रस्तावित विमानन हब में अंतर्राष्ट्रीय मानक के हवाई अड्डे के साथ 9,000 फुट रन-वे, एयरलाइंस और जनरल एविएशन (जीए) ऑपरेटरों के लिए पर्याप्त पार्किंग, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधाएं, एयरोस्पेस विश्वविद्यालय, पायलटों, इंजीनियरों और ग्राऊंड हैंडलिंग स्टाफ के लिए ग्लोबल ट्रेनिंग सेंटर और आवासीय और वाणिज्यिक विकास की योजना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उन्नत हिसार हवाई अड्डे से यू.डी.ए.एन.॥ के कार्यान्वयन के लिए एक बड़े एप्रन, छोटे यात्री टर्मिनल और ए 320 प्रकार के विमानों को समायोजित करने के लिए  तीन हैंगर का निर्माण किया जा रहा है। 

हिसार में एविएशन हब के विकास हेतू सरकार का मार्गदर्शन करने के लिए डोमेन विशेषज्ञों के एक संयुक्त कार्यसमूह का गठन किया गया है। प्रदेश के पांच हवाई अड्डों में मौजूदा हवाई पट्टियों का विस्तार करने का निर्णय लिया है। हिसार हवाई अड्डे को विमानन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है  तथा यहां के रन-वे  की लम्बाई 9000 फुट तक बढ़ाई जाएगी, जबकि करनाल, पिंजौर, भिवानी और नारनौल में अन्य चार हवाई पट्टियों का विस्तार 5000 फुट तक किया जाएगा, ताकि इन स्थानों पर भी मध्यम आकार के विमानों को पार्किंग, सब-बेसिंग, फ्लाइंग प्रशिक्षण के साथ-साथ साहसिक खेलों जैसी विभिन्न गतिविधियों की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके।
 


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Isha

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