अॉयल मिल ब्लास्ट मामला: हादसे में झुलसे 2 मजदूरों ने तोड़ा दम, 7 गंभीर

punjabkesari.in Monday, Nov 06, 2017 - 10:55 AM (IST)

उकलाना(पासा राम): उकलाना के सुरेवाला चौक पर आशीष अॉयल मिल में हुए ब्लास्ट से झुलसे मजदूरों के मरने का क्रम शुरू हो गया है। इस भीषण हादसे में झुलसे लोगों में से 2 मजदूरों की मौत हो गई है। वहीं 7 मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि मिल में लगी आग से झुलसे लोगों को हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था और उनकी गंभीर हालत को देखते हुए रोहतक व अग्रोहा रेफर किया गया था। वहीं घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया था।

झुलसे दो मजदूरों की हुई मौत
इस आगजनी में 15 मजदूर बुरी तरह से झुलस गए थे। जिनमें से दो मजदूर सुरेश व दिनेश की आज अल सुबह रोहतक पीजीआई में मौत हो गई। शेष मजदूरों की भी हालत गंभीर बताई जा रही है।

सात मजदूरों की हालत बनी हुई है नाजुक
आग में झुलसे सात मजदूरों की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। ये 70 से 100 प्रतिशत तक जले हुए हैं। जिसके कारण ये जिदंगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे हैं।

प्रशासन मील की जांच करने में जुटा
प्रशासन अब इस बात की जांच करने में जुट गया है कि मील को शुरू करने से पहले सरकारी विभागों से इसकी एनओसी ली गई थी या इसके बिना ही चालू कर दिया गया। जिसके चलते इतना बड़ा हादसा हो गया।

मील के चलने के 24 घंटे बितने से पहले ही हुआ बड़ा हादसा
यह मिल पिछले कई दिनों से बंद था। शनिवार सुबह हवन यज्ञ के साथ कार्य की शुरूआत की गई। मजदूरों ने अंदर जाकर कार्य किया और रात आठ बजे स्टीम देने के लिए अनुमति दी गई। इसके साथ ही मिल में तेल निकालने का कार्य शुरू हो गया। रात्रि के दो बजकर 50 मिनट पर अचानक पाइप लिकेज के चलते आग लग गई और यह आग टैंक तक जा पहुंची और बड़ा हादसा हो गया। मील शुरू होने के 24 घंटों से पहले ही वहां का मंजर बदल गया।

मील की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उठ रहे सवाल
हादसे के बाद जब अधिकारी मिल में पहुंचे तो देखा कि वहां पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कई तरह की बातें सामने आई। वहां पर सफाई व्यवस्था को देखकर लग ही नहीं रहा था कि मील चालू हालत में हैं। इस तरह की बड़ी घटनाओं को लेकर क्या क्या प्रबंध किए गए हैं। इसकी जानकारी देने के लिए भी वहां पर कोई मौजूद नहीं था।

पुलिसकर्मियों ने जान जोखिम में डाल चलाया सर्च अभियान
हादसे के बाद जब एसपी मनीषा चौधरी और डीएसपी जयपाल सिंह मौके पर पहुंचे और उन्हें लगा कि कहीं कोई मजदूर अब भी अंदर दबा हुआ तो नहीं है। इसके लिए उन्होंने जानकारी लेनी चाही लेकिन मील प्रबंधन की ओर से कोई जानकारी नहीं मिल पाई कि यहां पर कितने मजदूर कार्य कर रहे थे। जिसके चलते खुद पुलिस कर्मी जान जोखिम में डालकर वहां पर गए और सर्च अभियान चलाया।

मृत जानवरों का किया पोस्टमार्टम
हादसे में वहां बैठे पांच बंदर भी झुलस गए और दूर जाकर पड़े। वन्य विभाग के अधिकारी और पशु चिकित्सक वहां पर पहुंचे। डा. जगदीश सेठी ने पांच मृत बंदरों के शवों तथा एक सर्प का पोस्टमार्टम किया। उन्होंने कहा कि इनकी मौत आग में झुलसने से हुई है।


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