हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में कल बंद रहेगी OPD, हड़ताल पर रहेंगे 3000 डॉक्टर
punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2024 - 07:28 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों की वीरवार सुबह 8:00 बजे से हड़ताल शुरू करेंगे। हरियाणा मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन को बुधवार शाम 5:30 बजे सरकार से वार्ता का न्योता था। लेकिन कुछ समय पहले ही वह वार्ता स्थगित कर दी गई, जो वीरवार दोपहर 12:00 होगी। दूसरी तरफ डॉक्टरो ने सुबह 8:00 बजे से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों को अलग कैडर समेत अन्य मांगों को लेकर हरियाणा के तीन हजार से अधिक सरकारी डॉक्टर वीरवार से हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेगी और डॉक्टर मरीजों की जांच नहीं करेंगे। केवल आपात सेवाएं ही बहाल रहेंगी। इनमें इमरजेंसी, ट्रॉमा सेंटर और पोस्टमार्टम हाउस चलेंगे। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश खयालिया ने बताया कि उन्होंने दिसंबर में पूर्ण हड़ताल की थी। उस दौरान सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि उनकी सभी मांगे जायज हैं उन्हें जल्दी लागू किया जाएगा। लेकिन आज 7 महीने बाद भी उनका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि 8 जुलाई को 2 घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं बंद की गई थी और तभी 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस भी दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया, जिसके चलते डॉक्टर को मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। वही अपनी मांगों के समर्थन में संगठन के चार वरिष्ठ सदस्य आज से डीजी हेल्थ के सामने हंगर स्ट्राइक पर बैठ गए हैं। कल से प्रत्येक जिले से दो-दो डॉक्टर आकर इस जगह स्ट्राइक पर बैठेंगे।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की मंजूरी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी विशेषज्ञों के लिए अलग कैडर बनाने को मंजूरी दे दी थी।विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग कैडर बनाया जाए। दो साल पहले सीएम घोषणा भी कर चुके लेकिन लागू नहीं हुआ।एसोसिएशन की मांग है कि
सर्विस में रहते पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) करने के लिए एक-एक करोड़ रुपये के दो बांड भरने पड़ते हैं। पहले की तरह यह राशि 50 लाख रुपये की जाए।सीधी भर्ती न करके पदोन्नति के माध्यम से सीनियर मेडिकल ऑफिसर बनाए जाएं। हरियाणा में इस समय 71 सिविल अस्पताल, 120 सीएचसी, 407 पीएससी और 2727 सब सेंटर हैं। औसतन हर जिले में रोजाना दो हजार से अधिक मरीजों की सरकारी अस्पतालों में जांच की जाती है। इस हड़ताल से ओपीडी बंद रहने से प्रतिदिन औसतन करीब 50 हजार जरूरतमंद लोगों की जांच प्रभावित रहेगी।