फायर एंड सेफ्टी विभाग को राजस्व विभाग के अधीन किए जाने की तैयारी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 07, 2021 - 08:24 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में फायर एंड सेफ्टी विभाग जो अभी तक लोकल बॉडी का हिस्सा है, अब उसे हरियाणा राजस्व विभाग के अधीन किए जाने की तैयारियां की जा रही है। हरियाणा राजस्व विभाग के अधीन फायर एंड सेफ्टी विभाग को न किया जाए तथा हरियाणा में अलग से फायर एंड सेफ्टी मंत्रालय का गठन हरियाणा सरकार करें, इस मांग को लेकर हरियाणा के विभिन्न जिलों से फायर एंड सेफ्टी विभाग के दर्जन के करीब कर्मचारी बुधवार हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं लोकल बॉडी मंत्री अनिल विज से मिले।

इन कर्मचारियों का तर्क था कि फायर ब्रिगेड कहीं भी आग की सूचना मिलते ही तुरंत घटनास्थल पर पहुंचती है और हरियाणा की यह सर्विस देश में अग्रणी सेवाओं में से एक हैं। हरियाणा सरकार द्वारा राजस्व विभाग के अधीन देने पर आग लगे स्थान पर फायर ब्रिगेड को अविलंब पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि इसे पहले तहसीलदार या नायब तहसीलदार से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। 

फायर एंड सेफ्टी विभाग के कर्मचारियों ने विज से कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें। ताकि हरियाणा सरकार हरियाणा में फायर एंड सेफ्टी मंत्रालय का गठन अलग से करें। देश के कई राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, केरल, मिजोरम, सिक्किम में फायर एंड सेफ्टी मंत्रालय अलग से है। इन लोगों का कहना था कि अलग मंत्रालय बनने से तकनीकी रूप से प्रशिक्षण के रास्ते इनके लिए ज्यादा मात्रा में खुलेंगे तथा हरियाणा में विभाग को कर्मचारियों के अभाव और कम संसाधनों की वजह से दिक्कतों का सामना कर रहा है। उसमे भी सुधार होगा। कर्मचारियों का कहना था कि फायर एंड सेफ्टी मंत्रालय अलग से बनने पर विभाग हरियाणा के बहुत से तंग गलियों वाले बहु आबादी क्षेत्रों में पहुंचने के लिए छोटी फायर ब्रिगेड व अन्य संसाधन वहां पहुंचा पाएगा।

लोकल बॉडी के अधीन फायर एंड सेफ्टी
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकल बॉडी मंत्रालय द्वारा हरियाणा में फायर बिग्रेड सिस्टम को और मजबूत करने पर प्रयास चल रहे हैं। करीब 200 नई बीएस-6 दमकल खरीदने की प्रपोजल बनाकर सरकार को भेजा हुआ है। ताकि कहीं भी आग लगने की सूरत में तुरंत मौके पर पहुंचकर सहायता पहुंचाई जा सके। चूंकि यह गाड़ियों बीएस-6 होंगी, इस कारण इनके आने में समय लग रहा है। प्रदेश में 19 जगह नए फायर स्टेशन भी बनाए जाने विचाराधीन हैं।  नए स्टेशन वहां बनेंगे, जहां हाल ही में नगर पालिका बनाई गई हैं। इसके लिए करीब 350 कर्मियों की भर्ती भी की जाएगी। लोकल बॉडी मंत्री अनिल विज ने पहले ही आदेश दिए थे कि फायर बिग्रेड सिस्टम में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

प्रदेशभर में भवनों का सर्वे चल रहा है। इनमें स्कूल, कॉलेज, मल्टी स्टोरी भवनों के अलावा कोचिंग सेंटर आदि शामिल हैं। 1411 को नोटिस जारी किए गए हैं। यही नहीं इंडस्ट्रीज में भी जांच चल रही है। जब भी कहीं आग लगने की या हादसे की सूचना मिले, तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जाए। 

निकाय विभाग ने चार नए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म भी खरीदने की तैयारी की हुई थी। एक हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की कीमत करीब 8 से 10 करोड़ रुपए के बीच है। फिलहाल फायर एंड सेफ्टी  विभाग के पास केवल दो ही हाइड्रोलिक प्लेटफार्म हैं। इनमें चार और जोड़े जाएंगे। इनकी खासियत यह है कि यह गगनचुंबी इमारतों में लगी आग को बुझाने में काम आते हैं। आए दिन राजधानी से जुड़े जिलों में बड़ी इमारतों का निर्माण हो रहा है, इस कारण इनकी डिमांड भी बढ़ने लगी है।

दमकल विभाग के पास फिलहाल 344 के करीब दमकल हैं। इनमें से कुछ जल्द ही कंडम होंगी। क्योंकि एनजीटी के नियमों पर कई गाड़ियां उम्र पूरी कर चुकी हैं। ऐसे में विभाग को जल्द ही नई गाड़ियों की दरकार है। फिलहाल इन गाड़ियों की संख्या 200 होगी, शेष गाड़ियों की खरीद के लिए भी विभाग जल्द प्रपोजल तैयार करने जा रहा था। फायर एंड सेफ्टी विभाग प्रदेश की इंडस्ट्री की जांच भी करता है। जो भी इंडस्ट्री बनाई गई हैं, उनमें किस तरह के नियमों का कहीं उल्लंघन तो नहीं किया जा रहा, पिछले दिनों इनका सर्वे का जिम्मा भी इनका रहता है। रेजीडेंसियल इलाके में कहीं उद्योग न चलाए जा रहे हों उनकी भी जांच चल रही है।
 

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Content Writer

vinod kumar

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