हरियाणा की बेटी बनी जज, बताया सफलता का मूलमंत्र(VIDEO)
punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2020 - 12:35 PM (IST)
करनाल(केसी आर्या): सफलता एक दिन में नहीं मिलती, लेकिन ठान ले तो 1 दिन जरूर मिलती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया हरियाणा की बेटी प्रिया गुप्ता ने। करनाल के गांव बडौता में जन्मी प्रिया गुप्ता ने हरियाणा ज्यूडिशरी सर्विसेज एग्जाम में तीसरा रैंक हासिल कर आपने गांव, जिले व माता पिता का नाम रोशन किया।
इससे पहले प्रिया 4 बार ज्यूडिशियल का एग्जाम दे चुकी है। इसमें प्रिया ने पहला एग्जाम दिल्ली ज्यूडिशरी का दिया, पहली बार में प्रिया दिल्ली ज्यूडिशरी के एग्जाम में क्वालीफाइड नहीं कर पाई लेकिन इसके बाद भी प्रिया ने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत कर दूसरा एग्जाम राजस्थान ज्यूडिशरी का दिया। जिसमें प्रिया गुप्ता ने 6वां रैंक हासिल किया।
उसके बाद प्रिया ने दिल्ली ज्यूडिशरी का एग्जाम में क्वालीफाई किया और अब हरियाणा ज्यूडिशरी के एग्जाम में प्रिया ने प्रदेश में तीसरा स्थान पाकर अपने जिले का नाम रोशन किया। बता दें कि प्रिया गुप्ता के पिता राजेन्द्र गुप्ता व उनके बड़े भाई मोहिल गुप्ता जिला न्यायालय में अधिवक्ता की सेवाएं दे रहे हैं। प्रिया ने बताया कि उनके पिता व भाई ने हमेशा उनका हर मुश्कील में उनका साथ दिया और आगे बढऩे की प्ररेणा दी। खुश मिजाज प्रिया गुप्ता अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।
सफलता का मूलमंत्र हार्ड वर्क
3 बार ज्यूडिशरी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली प्रिया गुप्ता कहती हैं कि किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूलमंत्र हार्ड वर्क है। अगर हम मेहनत, लगन व ईमानदारी से हार्ड वर्क करेंगे, तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने इसी मूलमंत्र को अपनाते हुए यह सफलता पाई है।
दयाल सिंह स्कूल से की 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई
प्रिया गुप्ता ने बताया कि उसने 12वीं कक्षा की पढ़ाई सैक्टर-7 दयाल सिंह स्कूल से पूरी की। उसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी में अपनी आगामी पढ़ाई की और वहां से एलएल.बी. की और पढ़ाई के साथ ही उन्होंने ज्यूडिशरी का एग्जाम दिए। अब एग्जाम में क्वालीफाइड होने के बाद दिल्ली इन्टरव्यू के लिए कॉल आया है।
बेटियों को शिक्षित करके ही बराबरी पर ला सकते हैं
प्रिया गुप्ता ने कहा कि समाज में महिला-पुरुष के बीच की असमानता को मिटाने के लिए बेटियों को शिक्षित किया जाना जरूरी है। शिक्षित करके ही बेटियों को बराबरी पर ला सकते हैं। समाज में समानता आने से बहुत सी बुराइयों का हल खुद हो जाएगा।