Haryana में बारिश से मंडियों में धान संकट: 3.74 लाख टन धान भीगा, इतने करोड़ रुपये का नुकसान

punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 11:28 AM (IST)

डेस्कः हरियाणा में हुई भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण खेतों और मंडियों में धान पर संकट गहरा गया है। सोमवार को प्रदेश के 16 जिलों में वर्षा हुई, जिससे मंडियों में रखा लगभग 3,74,644 टन धान भीग गया, जिसकी अनुमानित कीमत 6875 करोड़ रुपये है। खेतों में भी स्थिति गंभीर है। तेज हवा और बारिश से 38.50 लाख एकड़ क्षेत्र में खड़ी बासमती धान की फसल प्रभावित हुई है। 

विशेषज्ञों के अनुसार, इससे प्रति एकड़ 2 से 3 क्विंटल तक उत्पादन घट सकता है। इस साल प्रदेश में कुल 32.50 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई हुई थी। हालांकि प्रशासन ने धान को बारिश से बचाने का दावा किया था, लेकिन हकीकत यह है कि हजारों टन धान खुले में पड़ा रहा और भीग गया। किसानों ने अपने स्तर पर तिरपाल आदि से धान को ढकने का प्रयास किया, लेकिन भारी बारिश और तेज हवाओं के आगे सब बेअसर रहा।

सोमवार शाम तक 17 जिलों की मंडियों में 15,08,310 टन पीआर धान की आवक हुई, जिसमें से 11,33,666 टन की खरीद हो पाई है। शेष 3,74,644 टन धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। करनाल मंडी में अब तक 2,01,464 एमटी धान की खरीद हुई है, लेकिन केवल 74,983 एमटी धान का ही उठान हो सका है। यहां करीब 1,91,020 एमटी धान मंडी में पड़ा हुआ है। असंध की मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित रही।

प्रदेश की 15 जिलों में पीआर धान की सरकारी खरीद चल रही है, लेकिन चरखी दादरी और रेवाड़ी में यह प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हो सकी है। आने वाले दो दिनों तक तेज बारिश और हवाओं की आशंका जताई गई है, जिससे संकट और गहराने की संभावना है।

किसानों ने की मांग 

यमुनानगर के खजूरी गांव के किसान प्रताप चौहान ने कहा, "उद्योगपतियों की तरह किसानों को भी नुकसान पर राहत पैकेज मिलना चाहिए। मंडियों में सुविधाएं नहीं हैं, उठान धीमा है और अब बारिश ने धान को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।"


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Content Editor

Deepak Kumar

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