कथित विकास में गौण हुआ नहरी पानी के समान बंटवारे का मुद्दा: राजन राव

punjabkesari.in Monday, Nov 23, 2020 - 08:26 PM (IST)

गुरुग्राम (गौरव): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर अपने कथित विकास की आड़ में दक्षिण हरियाणा के असल मुद्दों को गौण करने का आरोप लगाया है। राव ने कहा कि दक्षिण हरियाणा के लिए नहरी पानी का समान बंटवारा सबसे बड़ी दरकार है, लेकिन भाजपा सरकार इस मुद्दे को पूरी तरह गौण कर चुकी है।

राजन राव ने कहा कि दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता और लगातार क्षेत्र का केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व कर रहे राव इंद्रजीत सिंह ने जिस मुद्दे को अपनी सियासी पतवार बनाया, आज वह भी इसे भुला कर अन्य मसलों पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। कांग्रेस में रहते उन्होंने नहरी पानी के समान बंटवारे को लेकर खूब विवाद किया। भाजपा में आने के बाद आखिर वो क्यों इस मुद्दे को भूल गए? आज वो क्यों नहीं सोचते कि आखिर अहीरवाल को नहरी पानी क्यों नसीब नहीं हो रहा? यह चुभन वर्षों से यहां के लोगों को दर्द दे रही है। राव इन्द्रजीत सिंह ने हरियाणा में उपलब्ध नहरी पानी के समान बंटवारे का वादा व संकल्प लिया था।

राव ने कहा कि हरियाणा को पंजाब से मिलने वाले अतिरिक्त पानी की बात तो बाद की है, आज का सवाल यही है कि वर्तमान में पंजाब से मिल रहे 1.6 मिलियन एकड़ फुट नहरी पानी में दक्षिण हरियाणा को समान हिस्सा क्यों नहीं मिला?  सिंचाई विभाग के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि यह क्षेत्र असमानता की मार झेल रहा है। यह स्थित तब है जब इन जिलों में बारिश का औसत उत्तरी हरियाणा के अन्य जिलों की तुलना में कम है तथा लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है।

उन्होंने कहा कि यहां के लोगों की मजबूरी यह है कि उन्हें पेट भरने के लिए धरती का सीना चीरना पड़ रहा है। इससे यहा लगातार ट्यूबवेलों की संख्या बढ़ रही है तथा धरती खोखली हो रही है। वर्ष 2011 में राव इंद्रजीत ने अहीरवाल के सुदूर क्षेत्र नांगल चौधरी में जल प्रबंधन रैली कर प्रदेश व देश के नेताओं को यह जताने का प्रयास किया था कि इस क्षेत्र में नहरी पानी न मिलने के कारण अनेक गांवों में 1000 फुट की गहराई पर भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। महेंद्रगढ़ जिले के लगभग सभी विकास खंडों में पिछले पांच वर्षो के दौरान ही भूजल स्तर 5 से 15 मीटर तक गिर चुका है। इस बात में कोई संदेह नहीं कि 2004 में सत्तासीन हुई कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद न केवल सिंचाई विभाग रेवाड़ी के विधायक कैप्टन अजय सिंह यादव को दिया बल्कि नहरी पानी का समान बंटवारा करने के लिए हांसी-बुटाना नहर के निर्माण का रास्ता साफ किया।

राव ने कहा कि बेशक कुछ विपक्षी नेता इस नहर के औचित्य पर अतीत में सवाल उठाते रहे हों, परतु पानी पर लंबे समय तक अध्ययन करने वाले पूर्व विधायक रघु यादव भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि हांसी-बुटाना नहर का निर्माण नहरी पानी के समान बंटवारे का ईमानदार प्रयास है। उनका सवाल केवल यही रहा है कि वितरण की शुरूआत अन्य जिलों की बजाय रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिलों के शुष्क क्षेत्रों से होनी चाहिए। लेकिन यह इस इलाके का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उस वक्त एसवाईएल की तरह इस नहर का मामला भी कानूनी दाव-पेंचों में उलझ गया। हालांकि अब मामला कानूनी दांव-पेंच से बाहर आ चुका है लेकिन अब भी अहीरवाल को उसके हिस्से का हक मिलने की पूरी संभावना नजर नहीं आ रही है। आकड़ों की बात करें तो सत्ता की ताकत जिस क्षेत्र को मिली, वहां नहरी पानी के भी ठाठ हो गये, लेकिन जहां सत्ता में दखल कमजोर रहा, वहां की धरती नहरी पानी से वंचित रही।

राजन राव ने कहा कि कांग्रेस राज में दक्षिण हरियाणा के विकास की बात करें तो हुड्डा सरकार की प्रथम व द्वितीय पारी में अब तक रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिले को केंद्रीय विश्वविद्यालय, सैनिक स्कूल, रीजनल सेंटर व फोर-लेन सडक़ों जैसी कुछ ऐसी बड़ी परियोजनाएं मिली हैं, जिनकी कल्पना भी मुश्किल थी। साथ ही मेवात में मेडिकल कॉलेज, पूरे क्षेत्र में कई तकनीकी शिक्षण संस्थान भी मिले, लेकिन भाजपा सरकार छह साल में दक्षिण हरियाणा को महज एम्स का सपना ही दिखा सकी, जो केवल सपना ही रहता नजर आ रहा है।


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Shivam

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