संसदीय चुनाव से राजकुमार सैनी ले सकते हैं बड़ा फैसला, राजनीतिक गलियारों में हो रही विभिन्न प्रकार की चर्चाएं
punjabkesari.in Sunday, Aug 27, 2023 - 12:03 AM (IST)

चंडीगढ़: हरियाणा में इन दिनों सियासी पारा काफी उफान पर है क्योंकि विभिन्न राजनीतिक दल आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर चुनावी बिसात बिछाने की कवायद में जुट गए हैं। इसी कड़ी में जहां कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों का सिलसिला तेज हो चुका है तो वहीं विभिन्न नेता भी अपने लिए ‘सुरक्षित’ ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं। चुनावों को लेकर चल रही इन्हीं तैयारियों के बीच एक चर्चा ऐसी भी चल पड़ी है कि आगामी दिनों में लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रमुख एवं पूर्व सांसद राजकुमार सैनी भी आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक रूप से बड़ा कदम उठा सकते हैं।
राजकुमार सैनी ने इन दिनों प्रदेश भर के अपने कार्यकर्ताओं से ले रहे फीडबैक
हालांकि राजनीतिक गलियारों में उनके इस ‘फैसले’ को लेकर विभिन्न तरह की चर्चाएं चल रही हैं। मगर अटकलें यहीं लगाई जा रही है कि वे अपनी अगली राजनीतिक पारी किसी राष्ट्रीय पार्टी की पिच पर खेल सकते हैं, जिसे लेकर राजकुमार सैनी ने इन दिनों प्रदेश भर के अपने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। सैनी प्रदेश के सभी जिलों में जाकर अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों से राय मश्विरा करने के बाद शीघ्र ही कोई बड़ा सियासी फैसला ले सकते हैं। शुक्रवार को राजकुमार सैनी ने सिरसा में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उनसे भावी राजनीति को लेकर चर्चा करते हुए उनकी राय भी जानी। सिरसा के बाद अब वे प्रदेश के शेष सभी 21 जिलों में जाएंगे और फिर पूरे प्रदेश से फीडबैक मिलने के बाद फैसला लेंगे। सियासी सूत्रों की मानें तो राजकुमार सैनी निकट भविष्य में संसदीय चुनाव से पहले कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राजकुमार सैनी 2014 के संसदीय चुनाव में कुरुक्षेत्र से भाजपा टिकट पर विजयी हुए थे और उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता नवीन जिंदल को पराजित किया था और बाद में उन्होंने अपना अलग से क्षेत्रीय दल गठित कर लिया और तभी से वे अपने क्षेत्रीय दल लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के बैनर तले ही राजनीति में सक्रिय हैं।
2018 में किया था लोसुपा का गठन
गौरतलब है कि वर्ष 2014 में भाजपा की टिकट से कुरुक्षेत्र में सांसद निर्वाचित हुए राजकुमार सैनी का करीब अढ़ाई साल बाद ही अपनी पार्टी से मोहभंग होने लगा था और वे पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर खुले रूप से अपनी आवाज बुलंद करने लगे इसी मुद्दे को लेकर न केवल भाजपा से बागी हो गए थे बल्कि उन्होंने अपना एक अलग राजनीतिक मंच बना लिया था। सबसे पहले उन्होंने ओबीसी ब्रिगेड का गठन किया और इसके बाद लोकतंत्र सुरक्षा मंच बनाया और बाद में 2 सितम्बर 2018 को उन्होंने पानीपत में एक बड़ी रैली की और उस दिन लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के गठन का ऐलान कर दिया था। उनके नेतृत्व वाली लोसुपा ने साल 2019 में बसपा से गठजोड़ कर संसदीय चुनाव लड़ा और इसके बाद अपने बूते विधानसभा चुनावों में भी भाग्य आजमाया।
2019 के संसदीय चुनाव में लोसुपा ने बसपा से गठबंधन कर लड़ा था चुनाव
2019 के संसदीय चुनाव में राजकुमार सैनी के नेतृत्व वाली लोसुपा ने बसपा से गठबंधन के तहत सोनीपत और भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लड़ा जबकि शेष 8 सीटों पर बसपा उम्मीदवार मैदान में उतरे, मगर उस चुनाव में इस गठबंधन को निराशा ही हाथ लगी और सभी 10 संसदीय सीटों पर गठबंधन उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इसके बाद सैनी की पार्टी ने अक्तूबर 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में भी करीब 75 सीटों पर किस्मत आजमाई और इस चुनाव में भी पार्टी को सफलता हासिल नहीं हुई। इन दोनों चुनावों में हार के बावजूद भी राजकुमार सैनी ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पार्टी को लगातार सक्रिय रखा, मगर अब राजकुमार सैनी के समर्थक उन पर ये दबाव लगातार बना रहे हैं कि उन्हें क्षेत्रीय पार्टी की बजाए किसी राष्ट्रीय पार्टी के बैनर तले ही अपनी सियासत को आगे बढ़ाना चाहिए। ऐसे में सैनी अब जल्द ही बड़ा सियासी फैसला लेने की तैयारी में हैं।
24 वर्ष की आयु में सियासत में हुए थे सक्रिय
विशेष बात ये है कि सांसद व प्रदेश सरकार में मंत्री रहे राजकुमार सैनी मात्र 24 वर्ष की आयु में राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 1977 में वे पहली बार ग्राम पंचायत बड़ी रासौर से सरपंच चुने गए। उनकी कार्यप्रणाली को देखते हुए गांव के लोगों ने उन्हें लगातार दूसरी बार भी अपने गांव का सरपंच चुना। 1983 में वे नारायणगढ़ पंचायत समिति के सदस्य निर्वाचित हुए और 1994 में अंबाला से जिला पार्षद निर्वाचित हुए और 1996 में वे पहली बार नारायणगढ़ विधानसभा सीट से हविपा टिकट पर विधायक चुने गए और बंसीलाल की सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए। इसके बाद वर्ष 1999 में जब बंसीलाल की सरकार गिरने के बाद ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने तब चौटाला की सरकार में भी राजकुमार सैनी परिवहन राज्य मंत्री बनाए गए। इसके बाद वे विभिन्न दलों में रहे मगर भाजपा की टिकट पर कुरुक्षेत्र संसदीय सीट से पहली बार वर्ष 2014 में वे सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी नवीन जिंदल को न केवल भारी मतों से पराजित किया बल्कि उन्हें तीसरे नंबर पर पछाड़ दिया। उस चुनाव में राजकुमार सैनी को 4 लाख 18 हजार 112 मत हासिल हुए जबकि इनैलो के बलबीर सिंह सैनी को 2 लाख 88 हजार 376 वोट मिले वहीं कांग्रेस के नवीन जिंदल 2 लाख 87 हजार 722 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
खुले हैं समझौते के सभी विकल्प: राजकुमार रोहलीवाल
लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार रोहलीवाल ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष राजकुमार सैनी संगठन को मजबूत बनाने के लिए जुटे हुए हैं। प्रदेश की सभी 10 संसदीय व 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडऩे की पूरी तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है और पार्टी अपनी विचारधारा पर अडिग़ है और किसी भी पार्टी के साथ समझौते के सभी विकल्प खुले हैं।