ताऊ देवीलाल और कांशीराम दिया जाए भारत रत्न, किसान-कमेरे-दलितों के मसीहाओं को ना भूले सरकार: राजू मेहरा

2/5/2024 5:14:57 PM

भिवानी: देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न हरियाणा निर्माता जननायक चौधरी देवीलाल और दलितों के मसीहा रहे साहेब कांशीराम को भी दिया जाए। यह मांग करते हुए जननायक जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, दिग्विजय सिंह चौटाला के प्रेस सचिव राज़ू मेहरा ने कहा कि जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, तब चौधरी देवीलाल जैसे योद्धाओं ने अंग्रेजी हुकूमत का डटकर सामना किया था। यही नहीं उन्होंने युवा अवस्था में बहुत बार जेल जाना पड़ा था, लेकिन देश की जंगे आजादी के लिए कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आजादी के बाद भी चौधरी देवीलाल ने संयुक्त पंजाब के हकों की लड़ाई लड़ी और बाद में हरियाणा निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई।

हरियाणा प्रदेश के बनने के बाद वह वह बहुत बार मुख्यमंत्री रहे। चौधरी देवीलाल का जनता दल गठन में अहम रोल रहा और जब देश के प्रधानमंत्री पद की बात आई तब चौधरी देवीलाल ने भरी मीटिंग में विश्वनाथ प्रताप सिंह का नाम प्रधानमंत्री पद के निर्वाचित करते हुए प्रधानमंत्री पद के लिए त्याग दें दिया। देश के उपप्रधानमंत्री रहे देवीलाल को देश में ताऊ की उपाधि से नवाजा गया। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते अनुसूचित जाति समाज के लिए चौपाल योजना,गरीब महिलाओं के लिए जच्चा-बच्चा योजना, बुजुर्गो के सम्मान के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना, किसानों के लिए फसल योजना, युवाओं के भत्ता योजना,गरीब विधार्थीयो के लिए वजीफा योजनाएं,गरीब बेटी की शादी में कन्या दान योजना सरीखी अनेक योजनाएं बनाई जो आज देश में उदाहरण बन चुकी है।

जजपा प्रवक्ता ने कहा कि वह देश की महामहिम राष्ट्रपति से साहब कांशीराम के लिए भी भारत रत्न देने की मांग करते हैं। साहब कांशीराम ने अपना समस्त जीवन गरीब, दलित, पिछड़ों के हकों के लिए लगाया था। संविधान को लेकर साहब हमेशा काम करते थे। वे बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के बाद दलित क्रांति के पहले जनक बने। जब देश में दलितों की स्थिति दयनीय थी तब पेशे से टीचर रहे कांशीराम ने साईकिल पर देश का भ्रमण कर क्रांति जगाई थी। यही नहीं देश के किसी भी हिस्से में दलित, पिछड़ों पर जब अत्याचार होते थे तब वह वहां पहुंच जाते थे और न्याय दिलवाकर ही लौटते थे। साहब कांशीराम ने ताउम्र अपना जीवन  केवल दलित पिछड़ों को उबारने में लगाया था।  जिसके कारण आज दलितों की स्थिति काफी हद तक अच्छी कहीं जा सकती है। राज़ू मेहरा ने कहा कि वह एक पत्र देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी को लिखकर इन दोनों महापुरुषों के लिए भारत रत्न की उठाऐंगे।

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Content Editor

Saurabh Pal