उदय भान के लिए पद छोड़ने वाली शैलजा को राज्यसभा में भी हरवा देगी कांग्रेस- रणधीर सिंह
punjabkesari.in Tuesday, May 03, 2022 - 06:29 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): दलित कांग्रेस नेता उदय भान को हरियाणा कांग्रेस द्वारा नया अध्यक्ष बनाए जाने के लिए कुमारी शैलजा द्वारा पद छोड़न का मुद्दा अब भी सुर्ख़ियों में हैं। आए दिन विपक्षी पार्टियों द्वारा इसे लेकर कांग्रेस पर तंज कसे जा रहे हैं। जजपा कार्यालय प्रभारी रणधीर सिंह ने भी इसे लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा है कि जिस शर्त और उम्मीद पर शैलजा ने पद छोड़ा, राज्यसभा में भी उनके शुभचिंतक ड्रामा करके उन्हें चुनाव ना हरवा दें। उन्होंने कहा कि कुमारी शैलजा ने राज्यसभा में जाने की इच्छा जताते हुए स्वयं प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने का ऑफर किया। पिछली बार भी शैलजा राज्यसभा में जाना चाहती थी। लेकिन हुड्डा ने जबरदस्ती प्रेशर डालकर उनकी जगह यह मौका अपने बेटे को दिलवाया। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि कहीं शैलजा के साथ राज्यसभा में भी हुड्डा कोई खेल ना खेल दे। पिछली बार राज्यसभा चुनावों के दौरान हुड्डा ने सोनिया की बात भी नहीं मानी थी और इस बार जिस शर्त और उम्मीद पर शैलजा ने पद छोड़ा, राज्यसभा में भी कोई ड्रामा करके वह शैलजा को चुनाव ना हरवा दें।
पंजाब चुनावों की तरह हरियाणा में भी फेल होगी काग्रेस -रणधीर सिंह
सिंह ने कहा कि पंजाब चुनावों से पहले कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष और तीन कार्यकारी अध्यक्ष बनाए। लेकिन इसके बावजूद उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। पंजाब में हार का सामने करने वाली कांग्रेस ने हरियाणा में भी वही फॉर्मूला अपनाया। कांग्रेस ने जातिगत आधार पर कार्यकारी प्रधान बनाए। लेकिन इनके प्रधान और कार्य कार्यकारी प्रधानों का अपना कोई वजूद नहीं है। यह लोग प्रदेश लेवल की अध्यक्षता के लायक ही नहीं है। रणधीर सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले फूलचंद मुलाना, फिर अशोक तंवर, फिर शैलजा और अब उदयभान को लेकर आई है। उदयभान के पिता गया लाल ने 1 दिन में तीन बार दल बदले। उस कारण से "आया राम, गया राम" का मुहावरा बना। कांग्रेस में ही इस प्रकार की पॉलिटिक्स का जन्म हुआ हैं। उदयभान उन्ही के पुत्र है जो एक बार हसनपुर और एक बार होडल से चुनाव जीते। यह एक डम्मी व्यक्ति हैं जो अपने हल्के से पिछली दो बार से नहीं जीत पा रहे। उनका कोई जनाधार नहीं है। ऐसे में वह पार्टी का क्या उद्धार करेंगे।
अध्यक्ष बनकर, कोठी और घोड़ा-गाड़ी जैसी सुविधाएं नहीं छोड़ना चाहते थे हुड्डा - सिंह
रणधीर सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की पावर पहले से ही हुड्डा के हाथ में है। पिछले लोकसभा चुनावों में सभी 10 सीटें हुड्डा ने ही बांटी। रोहतक से दीपेंद्र और सोनीपत से स्वयं चुनाव लड़े। लेकिन सभी 10 उम्मीदवार हारे। हुड्डा सीएलपी के लीडर हैं। लीडरशिप नहीं छोड़ना चाहते। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री, उन्हें मिली हुई कोठी और घोड़ा-गाड़ी जैसी सुविधाएं नहीं छोड़ना चाहते। इसलिए उन्होंने खुद हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनने कि बजाए अपने ही व्यक्ति को प्रधान बनाया है। कांग्रेस पार्टी में हमेशा टिकटों और पदों का बंटवारा खेमो के हिसाब से होता आया है और यह कार्यकारी अध्यक्ष भी इसी प्रकार बनाए गए हैं। इसके बाद कांग्रेस बिल्कुल खत्म हो जाएगी। लेकिन कुमारी शैलजा सोनिया गांधी के बेहद नजदीक है। उनके पिता स्वर्गीय दलबीर सिंह इंदिरा गांधी के नजदीक थे। इनके परिवार कि हमेशा से बड़ी पकड़ रही है और उन्होंने राज्यसभा की सीट पर सहमति के बाद ही इस पद को त्यागा है।
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