हर परेशानी को एक अवसर के रूप में लेते थे रतन लाल कटारिया...कर्म और मेहनत करके फर्श से अर्श पर पहुंचे थे BJP सांसद

punjabkesari.in Thursday, May 18, 2023 - 03:32 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : बेहद कुशल वक्ता- कुशल नेतृत्व क्षमता और कुशल कार्यशैली के मालिक पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया का निधन प्रदेश के लिए अगर कहें कि एक बड़ी क्षति है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बेहद साधारण परिवार में जन्मे रतन लाल कटारिया का जीवन बेहद कठिनाइयों से परिपूर्ण रहा, लेकिन परिवार की गरीबी कभी उनके रास्ते में कठिनाई पैदा नहीं कर सकी। जजबा-काबिलियत तथा कुछ कर गुजरने की आत्मशक्ति उनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा तीन मूर्ति भवन में 1963 में उन्हें बाल कलाकार के रूप में सम्मानित किया गया। उन्होंने बेहद गरीबी में ग्रेजुएशन के बाद पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन और फिर कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई पूरी की। उस समय जब गांव में कोई एकाध पढ़ा लिखा व्यक्ति होता था और खास तौर पर बेहद साधारण गरीब परिवार में जन्म लेकर उन्होंने हर परेशानी को एक अवसर के रूप में लिया।

PunjabKesari

1987 से 1991 में रादौर नगर पालिका के चेयरमैन रहे कटारिया


1951 में यमुनानगर के गांव संधली में ज्योतिराम के घर जन्मे रतनलाल बचपन से ही राजनीति में बेहद रूचि रखते थे, लेकिन राजनीति का मार्ग उनके लिए इतना आसान नहीं था। किसी प्रकार का राजनीतिक बैकग्राउंड ना होने तथा कोई मार्गदर्शन इत्यादि ना मिलने के बावजूद आर्थिक स्थितियों से भी लड़ते हुए उन्होंने इस मार्ग को अपनाया। राजनीतिक सफर की शुरुआत संसाधनों की कमी के कारण काफी मुश्किल थी। इसके बावजूद 1987 से 1991 में रादौर नगर पालिका के चेयरमैन रहे। 


खुद लिखकर बसों में सफर करते हुए शहर-दर-शहर में खुद पहुंचाते थे प्रेस नोट

खुद प्रेस नोट लिखने और फिर बस में सफर करते हुए सड़क पर मौजूद अखबारों के कार्यालयों के सामने बस रुकवा कर खुद प्रेस नोट बांटने जैसा मुश्किल सफर लगातार रतन लाल कटारिया करते रहे। कभी ऐसा भी हुआ जब वह खुद नहीं पहुंच सके तो बस रोडवेज के ड्राइवर को इस काम की जिम्मेदारी लगाई, लेकिन प्रेस नोट अवश्य पहुंचाए। 

PunjabKesari

पिता मोची थे, लेकिन शीर्ष पदों पर बैठने के खुली आंखों से सपने देखते थे कटारिया

कर्म और मेहनत करके फर्श से अर्श पर पहुंचे नेता रतन लाल कटारिया मूल रूप से लाड़वा के निवासी थे। पिता मोची का काम करके परिवार पालते रहे और रतनलाल कटारिया दिन में देश के शीर्ष पदों पर बैठने के खुली आंखों से सपने देखते रहे। नगर पालिका के चेयरमैन रहे, विधायक रहे और फिर सांसद बने। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का सम्मान भी दिया। मुश्किल हालातों में पढ़ लिखकर अपने समाज के लिए रतलाल कटारिया एक रोल मॉडल बने थे। उनका विवाह बनतो कटारिया से हुआ। बेहद भावुक और यारों के यार रतनलाल कटारिया तमाम पत्रकारों और अपने साथियों को नाम के साथ बुलाया करते थे और मिलने पर परिवारों का कुशल क्षेम पूछना उनकी आदतों में शुमार था। पुराने राजनीतिज्ञों की लिस्ट में शुमार रतनलाल कटारिया राजनीति के बेहद उच्च पदों पर पहुंचे, लेकिन उनके साथियों ने उनमें कभी किसी प्रकार का अहंकार नहीं पाया। 


जीरो से हीरो तक की भूमिका में पहुंचे थे रतन लाल कटारिया


रतन लाल कटारिया के दर पर जो भी पीड़ित अपनी फरियाद लेकर पहुंचा या फोन पर मदद की गुहार की तो उन्होंने हर मुमकिन मदद करने की कोशिश हमेशा की। कई बार कई मौकों पर कटारिया को खासतौर पर पत्रकारों से नाजायज होने पर कड़े स्टैंड लेते हुए भी देखा गया। बेशक उनकी आवाज को तवज्जों मिली या ना मिली हो लेकिन उन्होंने परेशानी के वक्त मिलने जुलने वालों से मुंह नहीं मोड़ा। लोगों के हर दुख-सुख में शामिल होने का एक और गुण उनमें मौजूद था। इसलिए जीरो से हीरो तक की भूमिका में रतन लाल कटारिया पहुंचे। एक छोटे से गांव में जन्मे रतनलाल कटारिया ने ऑस्ट्रेलिया- हांगकांग- जापान- सिंगापुर- थाईलैंड- यूएई- इंग्लैंड- अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों का भ्रमण किया।

PunjabKesari

रतन लाल कटारिया का राजनीतिक सफल 

अंबाला निर्वाचन क्षेत्र से 1999 में कटारिया पहली बार कांग्रेस के बेहद वरिष्ठ- ताकतवर नेता फूलचंद मौलाना को सवा लाख वोटों के अंतर से हराकर 13वीं लोकसभा में भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे यानि क्षेत्र में उनके चाहने वालों की भी संख्या की भरमार थी। रतन लाल कटारिया के एक पुत्र और दो पुत्री है। वह ना केवल हमेशा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रेरित रहे बल्कि 50 वर्षों से आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में कार्य करते रहे। वह हरिजन कल्याण निगम के अध्यक्ष और गुरु रविदास सभा के अध्यक्ष भी रहे l 1985 में रादौर विधानसभा से विधायक रहे और रिवेन्यू मिनिस्टर हरियाणा सरकार रहे। 1989 में रादौर से रतन लाल कटारिया पहली बार विधायक बने थे। 1996 में वह  वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन रहे l वह 1999 में 13वीं लोकसभा और फिर 2014 में 16वीं लोकसभा और 2019 में 17वीं लोकसभा के दौरान अंबाला लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने और उन्हें मई 2019 में केंद्रीय जल शक्ति व् सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री भारत सरकार बनाया गया l 2000 से 2003 तक भारतीय जनता पार्टी, हरियाणा के अध्यक्ष के तौर पर प्रदेश में संगठन को मजबूत किया और अक्टूबर 2000 में पार्टी की अपनी पत्रिका 'भाजपा की बात' शुरू की। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Manisha rana

Related News

static