फर्जी इनकम-प्लॉट दिखाकर सिस्टम ने ‘गरीबों’ को बना दिया ‘अमीर’, अधिकारियों की लापरवाही से BPL परिवारों के कटे राशन कार्ड

punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 12:25 PM (IST)

बराड़ा (अनिल शर्मा ) : गांव नौहनी के गरीब और जरूरतमंद परिवार इन दिनों सरकारी सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं। अचानक फैमिली आईडी में इनकम बढ़ने और फैमली आईडी में प्लॉट दर्शाने के चलते गांव के लगभग 35 से 40 बीपीएल परिवारों के राशन कार्ड रद्द हो चुके है, इससे नाराज़ ग्रामीण पिछले कई दिनों से सीएससी केंद्र, बीडीपीओ कार्यालय और अन्य सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं लेकिन इन लोगो की कहीं पर कोई भी सुनवाई नहीं हो पा रही है जिससे ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष है। 

गांव नौहनी निवासी पीड़ित अमरजीत सिंह ने बताया कि उसकी फैमिली आईडी में गलती से उसके नाम पर उसके पड़ोसी भूपेंद्र सिंह के दो प्लॉट दर्ज कर दिए गए, इतना ही नहीं उसकी फैमली की इनकम भी सीधे 5 लाख रुपये दिखा दी गई जिसका नतीजा यह हुआ कि उसका राशन कार्ड कट गया और अब वो अधिकारियों से गुहार लगाने में दिन बिता रहा है। 

पीड़ित मंजू देवी ने बताया कि एक विधवा महिला है, जब उनके बच्चों ने सीईटी फॉर्म भरने के लिए सीएचसी में दस्तावेज दिखाए, तब उन्हें पता चला कि उनकी फैमिली आईडी में इनकम बढ़ा दी गई है, जिससे उनका भी बीपीएल राशन कार्ड कट गया। वहीं बुजुर्ग जसमेर पुत्र छित्तर राम ने बताया कि उनके परिवार में सिर्फ वो और उसकी पत्नी है, दोनों बुजुर्ग है और गरीब है, लेकिन पता नहीं किसी ने उनकी फैमली आई डी में चार अगल-अलग प्लॉट दिखा दिए, ये चारो प्लॉट 468.28 वर्ग गज क्षेत्रफल है, इससे उनका राशन कार्ड भी कट गया। अब दोनों बुजुर्ग लोग परेशान होकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। 

वहीं गांव के ही रवि कुमार ने बताया कि उनकी फैमिली आईडी में इनकम को 1.80 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं है। इससे उनके परिवार को दो महीने से राशन नहीं मिल पाया है और वे इनकम कम करवाने के लिए भटक रहे हैं। नौहनी के ही पवन कुमार की बात की जाए तो उनकी फैमली आईडी में चार-पाचं प्लॉट दिखाकर उनका भी बीपीएल राश्न कार्ड काट दिया गया है। ऐसे में ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष है।

ID में गलत डेटा बन रहा ग्रामीणों की मुसीबत

मिली जानकारी के अनुसार गांव नौहनी में लगभग 40 ऐसे परिवार है जिनकी फैमली आई डी में गलत इनकम व गलत जानकारी के चलते उनके बीपीएल राश्न कार्ड काट दिए गए। गांव के पवन कुमार, राजेश कुमार, सोहन लाल, हुकम चंद और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि फैमिली आईडी प्रणाली, जिसे सरकार ने पारदर्शिता और लाभार्थी पहचान के लिए शुरू किया था, अब आम जनता के लिए सिरदर्द बन चुकी है। कभी किसी के नाम फर्जी प्लॉट जुड़ जाते हैं तो कभी आय अपने आप बढ़ जाती है। यह सिस्टम आम गरीब को ‘कागज़ों में अमीर’ बना देता है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है। ग्रामीणों ने सीएम नायब सैनी से मांग की है कि फैमिली आईडी से जुड़ी इन गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और जिनका राशन गलत तरीके से काटा गया है, उन्हें तुरंत राहत दी जाए। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि वे फैमिली आईडी अपडेट की प्रक्रिया को सरल और जवाबदेह बनाएं।

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Content Writer

Manisha rana

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