रणदीप सुरजेवाला को फिलहाल राहत, कोर्ट के आदेश- 7 दिन में रिकॉर्ड करवाना होगा मुहैया, पढ़ें पूरा मामला

punjabkesari.in Friday, Jun 09, 2023 - 10:55 AM (IST)

जींद:  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को फौरी राहत देते हुए 22 साल पुराने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोप पत्र सहित सभी रिकॉर्ड मुहैया कराने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि याची को सभी रिकॉर्ड सात दिन में मुहैया कराए जाएं और शुक्रवार नौ जून 2023 को होने वाली सुनवाई को हफ्ते भर के लिए टाल दिया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी. चौहान की पीठ ने रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से दाखिल याचिका का निस्तारित करते हुए दिया है।

 
जबरन घुसकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाने का आरोप


कांग्रेसी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित कई युवा कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ आयुक्त कार्यालय परिसर में जबरन घुसकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वाराणसी एमपीएमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। याची रणदीप सुरजेवाला की ओर से अधिवक्ता एसजी हसनैन ने कहा कि कांग्रेसी नेता के खिलाफ 22 साल बाद मामले की सुनवाई की जा रही है।

याची ने लगाई थी हाईकोर्ट से गुहार
 

वाराणसी एमपीएमएलए कोर्ट ने याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। जबकि आज तक आरोप पत्र सहित प्राथमिकी से जुड़े पूरे रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराए गए। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल 2023 को आदेश भी दिया गया लेकिन उसके आदेश का अनुपालन पूरी तरह से नहीं कराया गया। इसी वजह से याची ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। हालांकि अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत याची को आरोपपत्र सहित अन्य रिकॉर्ड मुहैया करा दिया गया है। इसके कोई विवाद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर याची आरोप पत्र सहित अन्य रिकॉर्ड चाहता है तो उन्हें देने में कोई आपत्ति नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि याची प्राथमिकी से जुड़े रिकॉर्ड पाने का हकदार है। लिहाजा, उसे सात दिन में सभी रिकॉर्ड मुहैया कराया जाए और नौ जून 2023 की सुनवाई को एक हफ्ते बाद की जाय।

सुरजेवाला को निचली अदालत का पूरा सहयोग देने का निर्देश 

 

कोर्ट ने यह भी कहा है कि याची रिकॉर्ड मिलने के बाद अगले सात दिनों के भीतर मामले में उन्मोचन अर्जी दाखिल कर सकेगा। निचली अदालत उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत निष्पादन करेगी। निचली अदालत से यह भी कहा है कि मामला बहुत पुराना है। इसलिए निश्चित समयावधि के भीतर निष्पादित करें। कोर्ट ने सुरजेवाला को भी निचली अदालत का पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। 


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Isha

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