आर.एस.एस. का एजेंडा है देश का भगवाकरण करना : नरवाल

punjabkesari.in Friday, Jun 22, 2018 - 09:05 AM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल दलित नेता प्रदीप नरवाल का कहना है कि खासियत विभिन्नताओं में एकता की है। आज आर.एस.एस. का एजैंडा है कि देश का भगवाकरण किया जाए, उनके एजैंडे के अनुसार वह भगवे की ठेकेदारी कर रहे हैं। भाजपा व आर.एस.एस. की इस विचारधारा के खिलाफ उनका यह विद्रोह है। वह देश के सम्मान, गरीबों, दलितों व मजदूरों को बचाने की कांग्रेस की लड़ाई में शामिल हुए हैं।

नरवाल ने कहा कि लोकतंत्र को साम्प्रदायिक ताकतों से बचाने के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में जो लड़ाई किसानों, मजदूरों के हक में चल रही है, उसमें शामिल होने का मन इसलिए बना, क्योंकि राहुल गांधी की बातों में ईमानदारी नजर आई। राहुल की सोच महिलाओं, दलितों, कमेरे वर्ग, छात्रों व युवा वर्ग के पक्ष में है। नरवाल ने कहा कि जनहित में लडऩे वाले राहुल गांधी ने उन्हें हरियाणा के हितों के लिए लडऩे वाले अशोक तंवर के नेतृत्व में लडऩे व संघर्ष के लिए हरियाणा भेजा है।

प्रदीप नरवाल ने कहा कि सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी प्रदीप कासनी के आर.एस.एस. व भाजपा के प्रति स्ट्रांग विचार हैं। उनके पीछे कई राजनीतिक दल लगे हुए थे, मगर उन्होंने भाजपा या इनैलो में जाने की बजाय राहुल गांधी की नीतियों में विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि प्रदीप कासनी किसी प्रलोभन में आने वाले व्यक्ति नहीं हैं। कासनी देश व हरियाणा के सभी मुद्दों पर गहरी पैठ रखते हैं। किसानों की जमीने न लुटे, दलितों व महिलाओं पर अत्याचार रुके, इन सब मुद्दों पर हम सबके विचार एक जैसे हैं।  

प्रदीप ने कहा कि हरियाणा में सरकार ने कोई काम किया ही नहीं। सरकार एक वायदे के साथ आई थी कि छात्र संघ के चुनाव करवाए जाएंगे, मगर वह नहीं करवाए गए। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान कागजी साबित हुआ। इस सरकार में कितनी नाबालिग बच्चियों से बलात्कार हुए, पर सरकार को श्वेत पत्र निकालना चाहिए।
नरवाल ने कहा कि किसानों की हालत तो भाजपा सरकार के कार्यकाल में दयनीय हो गई है। न तो उनकी फसल की खरीदारी समय पर होती है और अगर कहीं हो भी जाए तो उसकी अदायगी समय पर नहीं होती। 

उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वायदा किया, परंतु वह भी एक जुमला ही निकला। बीज, खाद और दवाइयां आदि खरीदने में भी किसानों को भारी महंगाई का सामना करना पड़ा रहा है। राज्य के गन्ना उत्पादकों का 700 करोड़ रुपए का बकाया मिलों की तरफ देय है। भाजपा सरकार दावा करती है कि किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी, परंतु हकीकत यह है कि किसानों की उपज का उचित मूल्य भी समय पर नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों को सिंचाई के लिए उचित मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Rakhi Yadav

Recommended News

Related News

static