हरियाणा की कई सीटों पर समाजवादी पार्टी की नजर, कांग्रेस से चुनावों में कर सकती है डिमांड !
punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2024 - 06:19 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा में विधानसभा चुनाव अक्टूबर महीने में प्रस्तावित है। ऐसे में सभी पार्टियां गुणा भाग में लग चुकी है। हर विधानसभा सीट का आंकलन सभी पार्टियों ने शुरु कर दिया है, वहीं किस उम्मीदवार को किस सीट पर टिकट देनी है, इसके समीकरण भी पार्टियां सर्वे के आधार पर जांच कर रही है। इतना ही नहीं गठबंधन को लेकर भी पार्टियां समीकरणों के साथ साथ जातिगत आंकड़ों पर भी ध्यान दे रही है।
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर हर सीट का समीकरण काफी अलग है। वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजे भी टिकट बांटने में अहम रोल अदा करने वाले है। दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन जोश में दिखाई दे रहा है, खासकर उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में अप्रत्याशित नतीजे मिले है। जिसका असर भी अब नेताओं पर दिखने लगा है।
समाजवादी पार्टी के नेता इन नतीजों को भूनाना चाहते है और मोल भाव की बात करने लगे है। उत्तर प्रदेश से पार्टी अब बाकी राज्यों पर भी फोकस कर रही है। समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक खुद बोल रहे है कि जिस तरह कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में गठंबधन में सीटें दी है। अब उसी हिसाब से कांग्रेस को भी यूपी के लगते राज्यों में समाजवादी पार्टी को टिकट देनी चाहिए। हरियाणा में तो मुस्लिम यादव बहुल सीटों पर दावा भी ठोक दिया है।
दरअसल हरियाणा की कई सीटों पर यादव और मुस्लिम वोटबैंक अच्छी खासी संख्या में है और चुनावों में उनका वोट निर्णायक भूमिका तय करता है। आइए जानते है हरियाणा की वो बीस सीटें, जिन पर समाजवादी पार्टी की नजर बनी है और वो कांग्रेस से गठंबधन में सीटों की मांग कर रही है। बात अगर फरीदाबाद लोकसभा सीट उत्तरप्रदेश की सीमा से लगती है। इसके अंतर्गत हथीन सीट है, वहीं गुड़गांव लोकसभा की सभी 7 सीटें रेवाड़ी, बावल, पटौदी, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, नूंह और सोहना है। वहीं भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा की 4 विधानसभा अटेली, महेंद्रगढ़, नारनौल और नांगल चौधरी भी यादव बहुल सीटें है। अंबाला लोकसभा की जगाधरी विधानसभा सीट भी यूपी से लगती है।
हालांकि हरियाणा के कांग्रेस नेता ऐसे किसी गठबंधन से नकार रहे है, वहीं आम आदमी पार्टी के नेता लोकसभा चुनाव तक ही गठबंधन की बात कह रहे हैं और आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने कांग्रेस से अब किसी भी तरह के गठंबधन नहीं होने की बात कह दी है। ऐसे में देखना होगा कि क्या कांग्रेस हाईकमान समाजवादी पार्टी की मांग को तवज्जों हरियाणा के मामले में देती भी है या नहीं।