बाबा बनकर मेरठ में छिपा था पूर्व विधायक का हत्यारा संजीव, सिर पर था एक लाख का इनाम, गिरफ्तार

punjabkesari.in Monday, Feb 01, 2021 - 10:45 PM (IST)

यमुनानगर (सुरेंद्र/सुमित): हरियाणा के पूर्व विधायक रेलूराम पुनिया समेत परिवार के आठ लोगों के हत्यारे दामाद संजीव को एसटीएफ की टीम ने मेरठ से गिरफ्तार किया है। संजीव उत्तर प्रदेश के मेरठ में बाबा बन कर रहा था, जिसके सिर पर पुलिस ने एक लाख इनाम रखा हुआ था।

आरोपी संजीव ने 2018 में फर्जी दस्तावेज पर यमुनानगर के बिलासपुर के गांव चगनौली के पते पर 28 दिन की पैरोल ली थी। इसके बाद वह यहां से फरार हो गया था। मामले में जून 2018 में बिलासपुर पुलिस ने कुरुक्षेत्र जेल डिप्टी अधीक्षक की शिकायत पर केस दर्ज किया था। इसमें संजीव की पैरोल कराने में शामिल पांच लोगों पर भी केस दर्ज किया गया था। तभी से पुलिस को उसकी तलाश थी। जिला पुलिस से केस एसटीएफ को ट्रांसफर किया गया। 

PunjabKesari, Haryana

इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने बताया कि आरोपी संजीव की तलाश के लिए टीम लगातार लगी हुई थी। उन्हें सूचना मिली थी कि वह मेरठ में छिपकर रह रहा है। वहां पर रेड कर टीम ने संजीव को काबू किया और जिला पुलिस के हवाले कर दिया।

इस मामले में था सजायाफ्ता
sanjiv killer of eight people including former mla reluram absconded

हिसार के विधायक रहे रेलूराम पुनिया सहित उनके परिवार के 8 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को 24 अगस्त 2001 को उनके दामाद और बेटी ने अंजाम दिया था। इसमें रेलूराम पूनिया के अलावा उनकी पत्नी कृष्णा, बेटे सुनील, बहू शकुंतला, बेटी प्रियंका, 4 साल के पोते लोकेश, अढ़ाई साल की पोती शिवानी और डेढ़ महीने की प्रीति की हत्या की गई थी। संजीव और सोनिया को गिरफ्तार कर लिया गया था। 

PunjabKesari

31 मई 2004 को हिसार के जिला सत्र न्यायाधीश ने रेलूराम पूनिया की पुत्री सोनिया व उसके पति संजीव को फांसी की सजा सुनाई थी। याचिका लगाने पर हाईकोर्ट ने जिसे आजीवन कारावास की सजा में बदल दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने पर फिर से इन दोनों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में राष्ट्रपति ने उम्रकैद में बदल दिया था।

murderer sanjeev absconding

फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद अंबाला जेल में रहते हुए संजीव और सोनिया ने जेल ब्रेक करने का प्रयास किया था। दोनों ने जेल में सुरंग भी बना डाली थी, उसके बाद इन दोनों को यमुनानगर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां से मई 2018 में मकान की मरम्मत के बहाने संजीव ने पैरोल ली थी और फरार हो गया था।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Shivam

Recommended News

Related News

static