सरस्वती शुगर मिल को मिली अतिरिक्त एथेनॉल उत्पादन की अनुमति, अब प्रतिदिन 1 लाख 60 हजार लीटर एथेनॉल बनाएगी मिल
punjabkesari.in Sunday, May 14, 2023 - 03:21 PM (IST)

यमुनानगर (अभिषेक दत्ता) : एशिया की सबसे बड़ी सरस्वती शुगर मिल द्वारा जहां गन्ना पेराई सीजन समाप्त कर दिया गया है। इस बार यह शुगर मिल 181 दिन चली। जिस दौरान 166.36 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई। जबकि पिछली बार 162 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई थी। हालांकि इस दौरान 7 दिन गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर किसानों ने मिल में हड़ताल रखी। मिल के मुख्य प्रबंधक एसके सचदेवा ने विशेष बातचीत में बताया कि पिछली बार चीनी का उत्पादन 15 लाख 43 हजार क्विंटल हुआ था, जबकि इस बार 16 लाख 25 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ है।
मुख्य प्रबंधक ने बताया कि इस बार 90 हजार क्विंटल चीनी का अतिरिक्त उत्पादन हुआ है। जबकि सरकार ने शुगर मिल चीनी के एक्सपोर्ट का लक्ष्य दिया था। जिसमें से सरस्वती शुगर मिल को 3.30 लाख चीनी का लक्ष्य दिया था, जिसे पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान देशों में भारत से चीनी सप्लाई की जाती है।
एस के सचदेवा ने बताया कि उनके यहां दिसंबर 2021 में एथेनॉल प्लांट की स्थापना की गई थी, जो 1 दिन में 1 लाख लीटर उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की मांग को देखते हुए हमने इसकी क्षमता बढ़ाने की अनुमति मांगी थी, जो मंजूरी उन्हें मिल गई है। अब प्रतिदिन 1 लाख 60 हजार लीटर का उत्पादन प्रतिदिन होगा। उन्होंने बताया कि 2022 तक 10% एथेनॉल को पेट्रोल में मिक्स किए जाने की सरकार की योजना थी, जबकि इस वर्ष के अंत तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिक्स किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश व देश भर में एथेनॉल प्लांट लगाने की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने बताया कि भारत का 90% ऑयल इंपोर्ट होता है, एथेनॉल भारत में तैयार होने पर विदेशी मुद्रा की भारी बचत होगी।
सरस्वती शुगर मिल मुख्य प्रबंधक का कहना है कि चीनी की कीमत कई बार कम हो जाती है कई बार ठीक हो जाती है। जिसकी वजह से चीनी मिलों को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि यह फिलहाल इंटरनेशनल मार्केट पर आधारित है। गन्ने के रेट का चीनी के मूल्य से कोई तालमेल नहीं है। वह सरकार से लगातार मांग करते आ रहे हैं कि इनका आपस में तालमेल बैठाया जाए ताकि शुगर मिलों को नुकसान ना हो।
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