सरकार की बिना अनुमति के सरपंच ने बदला गांव का नाम, धारसूल कलां गांव बना बेगमपुरा!

punjabkesari.in Monday, Jan 28, 2019 - 05:03 PM (IST)

फतेहाबाद(रमेश भट्ट): सरकार प्रशासन गांव, शहर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड इत्यादि का नाम बदलने के लिए लाखों करोड़ों रुपये खर्च करती है। जिसकी कागज कार्रवाई में भी महीनों लग जाते हैं। लेकिन फतेहाबाद के एक गांव के सरपंच ने यह कारनामा निशुल्क और चंद मिनटों में कर दिखाया। जिसे देखकर गांव के लोग भी हैरान हो गए। मामला धारसूल गांव का है जहां के सरपंच ने अपने गांव का नाम बदल बेगमपूरा रख दिया। जिसके चलते गांव के लोगों में काफी रोष देखने का मिल रहा है और ग्रामीण सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है।

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दरअसल गांव के सरपंच ने रातोंरात ही एक फैसला लेकर गांव का नाम बदल दिया और गांव के मुख्य द्वार पर से गांव का नाम धारसूल से बदलकर बेगमपूरा लिखवा दिया गया। ग्रामीणों को मामले की भनक लगते ही सरपंच के खिलाफ रोष व्यक्त किया। वहीं ग्रामीणों ने सरपंच पर गभींर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा गांव के स्वागत गेट का नवनिर्माण किया गया है। गांव के सरपंच ने हरपाल सिंह ने प्रशासन की अनुनति के बिना जातपात के भेदभाव को लेकर स्वागत गेट पर गांव का बेगमपुरा लिखावा दिया।

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ग्रामीणों ने बताया कि प्राचीन समय में गांव का नाम धारानगरी था। इसके बाद गांव का नाम धारानगरी से धारसूल कलां प्रचलित हुआ। ग्रामीणों द्वारा प्रशासन से मांग की है या तो गांव का नाम धारसूल कलां ही हो या प्राचीन नाम धारानगरी होना चाहिए। गांव का नाम नाम चेंज करने को लेकर जब डीडीपीओ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो यह सरासर गलत है। गांव का नाम धारसूल कलां ही है। यदि स्वागत गेट पर दूसरा नाम लिखा है तो इसकी जांच कर ग्राम प्रधान पर कार्रवाई की जायेगी।


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Deepak Paul

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