हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, 68 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त, जानें वजह

punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 05:16 PM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। स्वास्थ्य विभाग ने 2017 से लगातार ड्यूटी से गायब चल रहे 68 मेडिकल अधिकारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। ये डॉक्टर नियुक्ति के कुछ समय बाद बिना किसी सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित हो गए थे।

जानकारी के अनुसार विभाग ने कई बार इनसे संपर्क करने और जवाब मांगने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी। आखिरकार, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने इन डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब उनकी जगह नए डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए विभाग जल्द विज्ञापन जारी करेगा।

सूत्रों के अनुसार, जिन डॉक्टरों पर कार्रवाई हुई है, वे सिविल अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और उपमंडल अस्पतालों (SDH) में कार्यरत थे। इनमें से एक डॉक्टर 2017 से, दस डॉक्टर 2018 से, दो 2019 से, दस 2020 से, आठ 2021 से, सोलह 2022 से, सत्रह 2023 से और चार डॉक्टर 2024 से ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे। इनकी अनुपस्थिति के कारण कई स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं प्रभावित हो रही थीं और नई नियुक्तियों में भी बाधा आ रही थी।

इस नियम के तहत की गई कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग ने सिविल चिकित्सा सेवाएं (श्रेणी-1) नियम 2014 के नियम 10 के तहत यह कार्रवाई की है। विभाग का कहना है कि यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन और जवाबदेही बनाए रखने के लिए जरूरी था।

नौकरी छोड़ने की ये है बड़ी वजह

डॉक्टरों के ड्यूटी छोड़ने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, अन्य राज्यों की तुलना में कम वेतन, पदोन्नति के सीमित अवसर, ग्रामीण क्षेत्रों में रिहायश की कमी, कार्य परिस्थितियों की असुविधा, मेडिको-लीगल मामलों में उलझनें और उच्च अध्ययन के लिए एनओसी न मिल पाना जैसी समस्याएं इसमें प्रमुख हैं। विभाग ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसी लापरवाही पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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