बहुचर्चित रकबर मॉब लिंचिंग केस का फैसला 5 वर्ष बाद - पांच में से चार दोषियों को 7-7 साल की जेल व 10-10 हजार का जुर्माना
punjabkesari.in Thursday, May 25, 2023 - 10:29 PM (IST)

फिरोजपुरझिरका, (ब्यूरो): थाना अंतर्गत गांव कोलगांव के रकबर मॉब लिंचिंग केस में अलवर एडीजे कोर्ट ने वीरवार को फैसला सुनाया। फैसले में पांच में से चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। अलवर एडीजे कोर्ट नंबर 1 ने चारों दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई है और इसके साथ ही दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पांचवें आरोपी को संदेह का लाभ देकर सभी धाराओं से बरी कर दिया गया है। कोर्ट का फैसला आने से पहले गुरुवार सुबह से बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। फैसले के समय कई थानों की पुलिस तैनात की गई थी।
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पीडि़त पक्ष के वकील अशोक शर्मा ने बताया कि लगभग पांच वर्ष पहले रकबर को अंदरूनी चोटें आई थीं। उसे गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया था, जहां कुछ घंटों बाद ही रकबर ने दम तोड़ दिया था। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश व विजय कुमार को धारा 341 व 304 पार्ट एक के तहत दोषी पाया है। एक अन्य आरोपी नवल किशोर के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने से उसे बरी कर दिया गया। कोर्ट का फैसला आते ही चारों आरोपियों को पुलिस कस्टडी में ले लिया। आरोपी पक्ष के वकील हेमराज गुप्ता का कहना है कि मॉब लिंचिंग मानते तो आरोपियों को 147 में भी दोषी माना जाता। लेकिन कोर्ट ने धारा 147 में सबको बरी कर दिया है। धारा 304 में दोषी माना है। कोर्ट के आदेश में लिखा है कि उस समय के रामगढ़ थाने के मानसिंह एएसआई का गंभीरता से आकलन नहीं किया गया। घायल को तुरंत अस्पताल ले जाकर इलाज नहीं कराया गया।
कुशल व अनुभवी अधिकारी की तरह काम नहीं किया। इसलिए एएसआई ने अपने कर्तब्य का निर्वहन नहीं किया। गैर जिम्मेदाराना कृत्य किया गया। ललावंडी गांव के पास 20 जुलाई 2018 की रात को जंगल से पैदल गाय ले जा रहे हरियाणा के कोलगांव निवासी रकबर व उसके साथी असलम को लोगों ने घेरकर उनके साथ मारपीट की थी। इस दौरान असलम लोगों से छूटकर भाग निकला था, लेकिन रकबर गम्भीर रूप से घायल हो गया था। घायल को पुलिस के हवाले कर दिया था। रामगढ़ सीएचसी पर ले जाने के दौरान रकबर की मौत हो गई थी।
पुलिस ने इस मामले में धर्मेंद्र, परमजीत सिंह, नरेश, विजय व नवल को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था। ये सभी आरोपी हाईकोर्ट के आदेश से जमानत पर थे। लिंचिंग केस में पैरवी के लिए राजस्थान सरकार ने जयपुर हाईकोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट नासिर अली नकवी को 2021 में विशिष्ट लोक अभियोजक नियुक्त किया था। केस की सुनवाई अलवर एडीजे में पूरी हुई है। एडवोकेट नकवी ने बताया कि 20-21 जुलाई 2018 को रकबर की मारपीट की हत्या कर दी गई थी। इस केस में पुलिस ने परमजीत, धर्मेंद्र व नरेश को गिरफ्तार किया था। बाद में विजय व नवल को गिरफ्तार किया गया था। इस तरह मॉब लिंचिंग में कुल पांच आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। केस में 67 गवाहों के बयान कराए गए हैं। आरोपी पक्ष के वकील एडवोकेट हेमराज गुप्ता का कहना है कि पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हम इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।