Fraud: दुकानदार हो जाएं सावधान! ठगों के चूना लगाने से पहले पढ़ लें ये खबर
punjabkesari.in Friday, Sep 27, 2024 - 07:37 AM (IST)
जींद : ब्रांडेड कपड़ों की फ्रैंचाइजी देने के नाम पर जींद के एक दुकानदार के साथ साइबर ठगों द्वारा 13 लाख 25 हजार 500 रुपए की धोखाधड़ी करने मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित दुकानदार से जब लाइसैंस फीस के नाम 5.75 लाख रुपए दूसरे खाते में जमा करवाने को कहा गया तो उसे शक हुआ। इस पर उसने कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर सम्पर्क किया। जहां से पूरे मामले का खुलासा हो गया। अब पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने साइबर ठग के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
साइबर क्राइम थाना जींद पुलिस को दी शिकायत में शहर के तांगा चौक निवासी दीपक वर्मा पुत्र रणजीत सिंह वर्मा ने बताया कि उसने मेन बाजार में दुकान कर रखी है। कुछ समय पहले उसने टाटा कम्पनी के जूडियो ब्रांड की फ्रैंचाइजी लेने के लिए गूगल पर नम्बर सर्च कर उनकी ऑफिशियल साइट पर आवेदन किया। जूडियो ब्रांड कपड़े का व्यापार करती है। कुछ समय बाद उसके मोबाइल पर अनजान नम्बर से कॉल आया। ट्रू-कॉलर पर इसका नाम जूडियो ट्रेंट लिमिटेड दिखा रहा था। उसके फोनकर्ता के साथ पूरे मामले को लेकर बातचीत हुई। इसके बाद 10 सितम्बर को उसके पास ई-मेल आई.डी. पर फॉर्म भेजा गया। जिसे भरकर, हस्ताक्षर करके जमा करवाने को कहा गया। इस पर उसने फार्म को भरकर वापस उनकी दी गई मेल आई.डी. पर भेज दिया। 16 सितम्बर को उसे मेल पर सूचना दी गई कि उसका आवेदन मंजूर कर लिया गया है। साथ ही उससे 1,75,500 रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस मांगी गई। इसके लिए उसके पास केनरा बैंक का एक खाता नम्बर भी भेजा गया। उसने मिले निर्देशों के अनुसार 17 सितम्बर को उक्त खाते में 1,75,500 रुपए जमा करवा दिए।
टैक्स इन्वॉयस स्टैम्प व हस्ताक्षर की गई एक रसीद भेजी
इसके बाद उसे मेल पर सूचना मिली कि रजिस्ट्रेशन का कार्य पूरा हो चुका है तथा उसके पास एक रसीद बतौर टैक्स इन्वॉयस स्टैम्प व हस्ताक्षर सहित भेजी गई। अगले दिन उससे मेल के जरिए सिक्योरिटी राशि के रूप में जमा करवाने के लिए एडवांस 7 लाख 50 हजार रुपए मांगे गए। उसने आरोपियों के दिए गए बैंक खाते में रुपए जमा करवा दिए। इसके बाद उन्होंने मेल आई.डी. पर सिक्योरिटी राशि जमा होने की सूचना के साथ एक रसीद बतौर टैक्स इन्वॉयस स्टैम्प व हस्ताक्षर सहित भेजी। तीसरे दिन 19 सितम्बर को उसके पास एन.ओ.सी. विभाग की जानकारी के नाम से फिर से मेल आई और एन.ओ.सी. के लिए 4 लाख रुपए की फीस मांगी। साथ ही एक एन.ओ.सी. का फॉर्म भी भेजा। यह राशि भी उसने उसी दिन जमा करवा दी व एन.ओ.सी. फार्म भी भरकर ई-मेल पर भेज दिया। इस पर उसे एन.ओ.सी. फीस की एक रसीद बतौर टैक्स इन्वॉयस स्टैम्प व हस्ताक्षर सहित भेजी गई।
आखिरी ट्रांजैक्शन के लिए मांगे 5 लाख 75 हजार तो हुआ शक
इस प्रकार आरोपियों ने उससे 3 अलग-अलग मद में कुल 13 लाख 25 हजार 500 रुपए ले लिए। इसके बाद जब उसने कम्पनी के अधिकारियों को भेजकर आमने-सामने मीटिंग करवाने की बात कही तो उसे आश्वासन दिया गया कि जल्द ही कम्पनी के अधिकारी उसके पास आएंगे। लेकिन उससे पहले उसे एक आखिरी ट्रांजैक्शन 5 लाख 75 हजार रुपए की करनी होगी जोकि लाइसैंस फीस है। इसके बाद ही कम्पनी के अधिकारी दस्तावेज पूरे करके उससे एग्रीमैंट करने आएंगे और उसकी फ्रैंचाइजी का काम शुरू कर दिया जाएगा। यह राशि उसे दूसरे बैंक खाते में भेजनी है। आरोपियों ने उसे यूको बैंक का नया खाता नम्बर भी भेजा जिसमें राशि जमा करवाने को कहा गया। इस पर उसे कुछ शक हुआ और उसने जूडियो कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर कॉल कर पूछा।
हैल्प डैस्क की भेजी ई-मेल आई.डी., फिर पैसे जमा करवाने की कही बात
इस पर कम्पनी द्वारा उसे हैल्प डैस्क की ई-मेल आई.डी. दी गई। जब उसने कम्पनी द्वारा दी गई मेल आई.डी. पर अपनी आई.डी. भेजकर 13 लाख 25 हजार 500 रुपए जमा करवाने की बात कही तो पता चला कि उनके पास कोई पेमैंट ही नहीं आई। तब उसे अहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया है। जब उसने अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि जिस बैंक खाते में उससे राशि डलवाई गई थी वह मुम्बई के बांद्रा निवासी मनीष के नाम से निकला। जबकि उसने आरोपी के मोबाइल नम्बर पर बात की तो उसने अपना नाम विपिन गुप्ता बताया। आरोपी अब भी उसके साथ मोबाइल फोन पर बातचीत कर रहा है तथा ज्यादा राशि ठगी करने की ताक में है। थाना साइबर क्राइम जींद में आरोपी ठग के खिलाफ दीपक वर्मा की शिकायत पर धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके पुलिस ने मोबाइल व खाता नम्बरों के आधार पर ठग की पहचान और तलाश का काम तेज कर दिया है।
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