दुकान बेची, प्लॉट बेचा तब 45 लाख रूपये खर्च कर भेजा था अमेरिका, जानें डिपोर्ट हुए युवक का दुख

punjabkesari.in Monday, Oct 27, 2025 - 08:11 PM (IST)

करनाल : अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे भारतीय युवाओं की डिपोर्टेशन लिस्ट में हरियाणा के करनाल जिले का नाम भी शामिल है। अमेरिका से 50 भारतीय नागरिकों को वापस भेजा गया, जिनमें से करनाल के 16 युवक हैं। इन्हीं में से एक है सगोही गांव निवासी रजत, जो शुक्रवार देर शाम अपने गांव लौटा है।

रजत ने बताया कि उसने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए यह जोखिम भरा कदम उठाया था। बीते साल 26 मई 2024 को वह अमेरिका जाने के लिए निकला था। एक एजेंट की मदद से वह पनामा के खतरनाक जंगलों के रास्ते से गुजरा, जहां उसके साथ करीब 12-13 युवक और थे। उसने बताया कि इस सफर में करीब 45 लाख रुपये खर्च हुए, जो उसके परिवार ने दुकान और प्लॉट बेचकर जुटाए थे।

अमेरिका जाने के कुछ ही दिनों बाद गिरफ्तार

रजत ने बताया कि पनामा से लेकर अमेरिका की सीमा तक की यात्रा बेहद कठिन रही। कभी कई दिन पैदल चलना पड़ा, तो कभी गाड़ियों में ठूंसकर यात्रा करनी पड़ी। दिसंबर 2024 में उसने अमेरिकी बॉर्डर पार किया, लेकिन कुछ दिनों बाद उसे इमिग्रेशन अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया। लगभग 10 महीने की कानूनी प्रक्रिया के बाद 20 अक्टूबर 2025 को उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया।

हलवाई का काम करता है रजत

रजत के भाई विशाल ने बताया कि परिवार ने भाई को बसाने के लिए हरसंभव प्रयास किया। उन्होनें बताया कि इसके लिए मकान, दुकान और जमीन तक बेच दी, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। अब रजत वापस आकर पिता की हलवाई की दुकान पर काम कर रहा है। 

एजेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को तैयार परिवार

परिवार ने कहा कि वे एजेंट से बातचीत करेंगे और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। रजत ने युवाओं से अपील की कि वे विदेश जाने के लिए गलत रास्ता न अपनाएं, क्योंकि अवैध तरीके से देश छोड़ने का परिणाम सिर्फ दुख और बर्बादी होता है।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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