हिंद की चादर “श्री गुरु तेग बहादुर जी” के 400वें प्रकाश उत्सव पर आयोजन स्थल पर पगड़ी बांधने की भी व्यवस्था की गई है-  प्रमोद विज

punjabkesari.in Friday, Apr 22, 2022 - 09:33 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): ऐतिहासिक ,धार्मिक नगरी पानीपत को हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश उत्सव पर पानीपत की ऐतिहासिक धरा पर 24 अप्रैल को राज्य स्तरीय महोत्सव भव्य तरीके से मनाने  के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा चुनना गौरव की बात है -यह शब्द चंडीगढ़ में पानीपत के भजपा विधायक प्रमोद विज ने कहे |  विज ने कहा की   इस समागम में देश व प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी संगत पहुंचेगी। करनाल से सांसद संजय  सभी दिन रात इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए जुटे हुए हैं | इसके लिए लगातार सभी को न्यौता दिया जा रहा है। समागम के लिए पानीपत व आसपास की 50 से अधिक धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं लंगर सेवा के लिए आगे आ चुकी है | 
विज ने कहा की  24 अप्रैल को पानीपत में मनाये जा रहे श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश उत्सव की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिशानिर्देश अनुसार होने वाले इस आयोजन के लिए 25 एकड़ भूमि में शानदार पंडाल बनाया जा रहा है जिसमे  2 लाख तक संगतों के बैठने का प्रबंध किया जा रहा है। समागम स्थल का प्रवेश द्वार को इस तरीके से भव्य रूप दिया जा रहा है कि वह अलौकिक छटा बिखेरेगा। इस द्वार को सफेद और सुनहरे रंग से बनाया जा रहा है जिसके चारों तरफ रंग-बिरंगी लाइटें लगाई जा रही हैं। आयोजन समिति के संयोजक व करनाल के सांसद संजय भाटिया ने बताया कि मुख्य हाल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया जाएगा। उसी हाल में संत-महात्माओं व महापुरुषों के बैठने की व्यवस्था की गई है। श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर विश्वविख्यात रागी और ढाडी पहुंचेंगे। पंथ के सिरमौर रागी भाई चमनजीत सिंह जी लाल, भाई बलविंदर सिंह रंगीला जी, भाई दविंदर सिंह सोढ़ी जी, भाई गगनदीप सिंह श्रीगंगानगर वाले इस अवसर पर शिकरत करेंगे। वहीं ढाडी भाई निर्मल सिंह नूर जी भी पहुंचकर अमृतमयी कीर्तन, गुरूमत प्रवचन और गुरु इतिहास से संगत को निहाल करेंगे।

विज ने बताया की सांसद संजय भाटिया के प्रयासों से हिंद की चादर “श्री गुरु तेग बहादुर जी” के 400वें प्रकाश उत्सव पर आयोजन स्थल पर पगड़ी बांधने की भी व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त द्वार से प्रवेश करते ही दो जौड़ा घर बनाए जाएंगे। पंडाल के दोनों ओर लंगर की व्यवस्था रहेगी। यहां एक साथ-साथ दोनों तरफ 10-10 हजार श्रद्धालु गुरु का लंगर छक सकेंगे।


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Content Writer

Vivek Rai

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